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ब्लॉग राइटर
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विराग गुप्ता की कलम से : जंगलराज में तब्दील होता संसदीय लोकतंत्र
एक रोचक घटनाक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों को पत्र लिखकर जंगल के जानवरों से प्रेरणा लेते हुए संसद के शीतकालीन सत्र में मर्यादित आचरण और संसदीय सहयोग प्रदान करने का गंभीर आग्रह किया है।
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लोकायुक्त की नियुक्ति में 'दाग' से यूपी में संवैधानिक संकट
उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति में मचे घमासान से न सिर्फ संवैधानिक संकट पैदा हो गया है बल्कि तथाकथित 'उत्तम प्रदेश' में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जंग पर सवालिया निशान भी खड़े हो गये हैं ?
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विराग गुप्ता : हरियाणा सरकार के असहिष्णु कानून से संविधान को चुनौती !
इंदिरा गांधी द्वारा गरीबी हटाओ के नारे की विफलता पर गरीबों को ही हटाने की मुहिम चालू हो गई, जिसका अंत देश की पहली गैर-कांग्रेसी सरकार में हुआ। हरियाणा में भाजपा सरकार द्वारा पंचायतों के चुनाव में शैक्षणिक-आर्थिक प्रतिबंधों को लागू करने से एक वर्ष में ही उस अध्याय की शुरुआत हो चुकी है।
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विराग गुप्ता : बीफ, बीफबैन पर राजनीति और 'पिंक इकोनॉमी'
गोहत्या पर कानूनी प्रतिबंध तथा अनुच्छेद 48 के तहत संवैधानिक संरक्षण के बावजूद राजनीति की दुकान में बीफ की नीलामी के माध्यम से सभी राजनैतिक दलों ने यूपी के चुनावों का शंखनाद कर दिया है।
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विराग गुप्ता : सोशल मीडिया - कितना सोशल, कितना मीडिया...
कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, याहू द्वारा लिंग परीक्षण के विज्ञापन प्रसारित करने पर रोक लगाई गई, परन्तु मानव हत्या के लिए उन्मादित करने वाले संचार पर नियंत्रण नहीं किया गया तो समाज तालिबानी हो जाएगा, और संविधान के प्रावधान तथा गांधी के सिद्धांत अप्रासंगिक हो जाएंगे।