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This Article is From Nov 01, 2022

Anxiety And Depression: बच्चे में है कॉन्फिडेंस की कमी तो कहीं एंजाइटी और डिप्रेशन तो नहीं, जानें क्या कहती है स्टडी

Anxiety And Depression: बच्चे बड़े ही सेंसेटिव होते है. अगर माता पिता उनपर ध्यान न दें तो वे बातें छिपाने लग जाते हैं जिसका असर उनकी हेल्थ पर पड़ता है. वे धीरे धीरे एंजाइटी, स्ट्रेस जैसी समस्याओं से गुजरने लग जाते हैं जिसके कारण वो डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते है.

Anxiety And Depression: बच्चे में है कॉन्फिडेंस की कमी तो कहीं एंजाइटी और डिप्रेशन तो नहीं, जानें क्या कहती है स्टडी

बच्चों को लेकर पेरेंट्स बहुत प्रोटेक्टिव होते हैं, यही वजह है कि बच्चों के छोटे-छोटे बिहेवियर पर भी पेरेंट्स की नजर होती है. हर पेरेंट्स यही चाहते हैं कि उनका बच्चा कॉन्फिडेंट हो, इंटेलिजेंट हो और उसमें अपनी बात खुलकर रखने की क्षमता हो. लेकिन अगर आपके बच्चे में कॉन्फिडेंस की कमी है फिर वो बचपन से ही संकोची स्वभाव का है तो आपको ध्यान देने की जरूरत है. दरअसल हाल ही में अमेरिका के टेक्सास में बच्चों पर एक रिसर्च की गई थी जिसमें पता चला कि जो बच्चे बचपन से बोलने में हिचकिचाते हैं या ज्यादा बात नहीं करते, वो अपनी बढ़ती उम्र के साथ एंजायटी जैसी समस्या का शिकार हो सकते हैं. चलिए आपको इस स्टडी के बारे में थोड़ा और विस्तार से बताते हैं. साथ ही आपको एंजाइटी के कुछ लक्षण बताते हैं ताकि आप इन्हें समय रहते अपने बच्चे के अंदर पहचान सकें.

क्या कहती है स्टड़ी?

जामा साइकियाट्री जर्नल में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसमें बताया गया है कि कई शोधकर्ताओं ने मेंटल हेल्थ के खतरे को जानने के लिए बच्चों पर एक स्टडी की गई थी. यह स्टडी 1989 से 1993 के बीच 4 महीने से लेकर 26 साल की उम्र तक के 165 लोगों पर की गई. इस स्टडी में स्कूल ऑफ बिहेवियरल एंड ब्रेन साइंसेज में मनोविज्ञान के सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के डॉ अल्वा टैंग ने पाया कि जो बच्चे बचपन से ही ज्यादा हिचकिचाते हैं वे आगे जाकर दब्बू और कम बोलने वाले बनते हैं. साथ ही उन्हें लाइफ में आगे कई मानसिक बीमारियों से जूझना भी पड़ सकता है. तो अगर आपको भी अपने बच्चे के अंदर आत्मविश्वास की कमी दिख रही है या ऐसा लग रहा है कि वह बचपन से ही संकोची स्वभाव का है तो उसके दोस्त बन कर उसके साथ ज्यादा वक्त बिताएं और उसका कॉन्फिडेंस बढ़ाने की कोशिश करें. 

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बच्चों में एंजाइटी के लक्षण-

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  • भूख में कमी 
  • वजन घटना
  • चिड़चिड़ापन
  • पढ़ाई में एकाग्रता की कमी
  • नींद न आना
  • नींद में बुरे सपने देखना
  • छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना
  • बेचैन रहना
  • पेट और सिर में दर्द रहना  

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एंजाइटी के पीछे का कारण?

1.कई बार बच्चों को छोटी छोटी बात दिल पर लग जाती हैं जिसे वो सीरियसली ले लेते हैं, और इसी के कारण डिप्रेशन जैसी समस्या के शिकार हो जाते हैं. 

2.कई बार कुछ हादसे भी डिप्रेशन और एंजाइटी जैसी समस्या का कारण होते हैं, जैसे कोई एक्सीडेंट या स्कूल में बुली होना.

3.परिवार का माहौल ठीक न होना या किसी खास दोस्त की मौत हो जाना भी बच्चों में एंजाइटी का कारण बन सकती है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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