Sardi Me Baar Baar Peshab Kyu aata hai, Kya Kare: क्या आपके साथ ऐसा होता है कि सर्दियों में आपको सामान्य दिनों से ज़्यादा बार वॉशरूम जाना पड़ता है? रात की नींद भी बार-बार पेशाब आने की वजह से खराब होती है? सर्दियों में बार-बार पेशाब आना (Sardi me baar baar peshab aana) एक बहुत ही आम समस्या है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में 'कोल्ड डाययूरेसिस' (Cold Diuresis) कहते हैं.
अगर आप जानना चाहते हैं कि बार बार पेशाब आने की समस्या से कैसे निजाद पा सकते हैं. और इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है, तो यह लेख आपके लिए है. हम आसान भाषा में समझेंगे कि ठंड लगने पर यह क्यों होता है और आप घर पर ही इसका इलाज कैसे कर सकते हैं.
सर्दियों में बार-बार पेशाब क्यों आता है? (Reasons for Frequent Urination in Winter)
बार-बार पेशाब आने का मुख्य कारण सीधे तौर पर ठंड लगना है. जब हमारे शरीर को ठंड लगती है, तो यह खुद को गर्म रखने के लिए कुछ खास तरीके अपनाता है:
1. कोल्ड डाययूरेसिस (Cold Diuresis) : जब बाहर का तापमान गिरता है, तो हमारा शरीर अपने महत्वपूर्ण अंगों (जैसे दिल और फेफड़े) को गर्म रखने के लिए, रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को सिकोड़ लेता है. इससे शरीर के केंद्र (Core) में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है. शरीर सोचता है कि शरीर में रक्त की मात्रा (Blood Volume) ज़्यादा हो गई है. इसे कम करने के लिए, किडनी ज़्यादा तेज़ी से काम करना शुरू कर देती है और रक्त से अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकाल देती है. यही अतिरिक्त तरल पदार्थ पेशाब बनकर बाहर आता है.
2. पसीना कम आना : गर्मियों में ज़्यादातर पानी पसीने के रूप में बाहर निकल जाता है. सर्दियों में पसीना बहुत कम आता है, इसलिए शरीर तरल पदार्थों (Fluids) को पेशाब के ज़रिए ही बाहर निकालता है.
3. ओवरएक्टिव ब्लैडर (Overactive Bladder) : ठंड के कारण मूत्राशय (Bladder) की मांसपेशियां ज़्यादा सिकुड़ने लगती हैं. मांसपेशियों के सिकुड़ने से आपको बार-बार पेशाब लगने का एहसास होता है, भले ही मूत्राशय पूरी तरह भरा न हो.
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सर्दियों में बार-बार पेशाब आता है तो क्या खाएं कि राहत मिले?
सर्दियों के मौसम में बार-बार पेशाब आना (frequent urination) एक आम समस्या है. ठंड लगने पर हमारा शरीर जल्दी-जल्दी पेशाब बनाता है, जिसे मेडिकल भाषा में 'कोल्ड डाइयुरेसिस' (Cold Diuresis) कहते हैं. इस वजह से बार-बार टॉयलेट (toilet) जाना पड़ता है, जिससे कई बार काम में रुकावट आती है या नींद खराब होती है.
अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं और जानना चाहते हैं कि सर्दियों में क्या खाएं जिससे बार-बार पेशाब आने की समस्या कम हो, तो यहाँ कुछ आसान और असरदार उपाय दिए गए हैं:
- गरम तासीर वाले फूड्स खाएं: शरीर को अंदर से गरम रखने से ब्लैडर (Bladder) पर ठंड का असर कम होता है. रोज़ाना एक छोटा टुकड़ा गुड़ खाने से शरीर गरम रहता है. तिल के लड्डू या मेथी की सब्ज़ी खाने से गर्माहट मिलती है, जो बार-बार पेशाब आने की इच्छा को कम करती है.
- विटामिन सी वाले फल कम खाएं: संतरा, नींबू जैसे खट्टे फल (citrus fruits) और टमाटर ब्लैडर को इरिटेट (irritate) करते हैं और पेशाब ज़्यादा बनवाते हैं. इन्हें दिन के समय कम मात्रा में खाएं.
- पानी पीने का सही समय जानें: सोने से 2-3 घंटे पहले ज़्यादा पानी पीने से बचें. दिन के समय खूब पानी पिएं, लेकिन शाम होते ही पानी की मात्रा कम कर दें.
- अदरक और दालचीनी: अदरक वाली चाय या दालचीनी का काढ़ा पीने से शरीर गरम रहता है और ब्लैडर मज़बूत बनता है.
- ज़रूरी नमक (Salt) लें: अगर आप बहुत कम नमक खाते हैं, तो भी यह समस्या बढ़ सकती है. संतुलित मात्रा में नमक खाने से शरीर पानी को ज़्यादा देर तक रोक पाता है.
- गुनगुने पानी का सेवन (Lukewarm Water) : ठंड में ठंडा पानी पीने से बचें. दिनभर गुनगुना पानी पिएं. यह मूत्राशय की मांसपेशियों को शांत रखता है और शरीर के आंतरिक तापमान को बनाए रखता है.
- सोने से पहले पानी कम पिएं : सोने से कम से कम दो घंटे पहले पानी पीना बंद कर दें. इससे रात में बार-बार उठने की समस्या (Nocturia) कम होगी.
- तिल के बीज (Sesame Seeds) : तिल के बीजों को गुड़ के साथ मिलाकर खाएं. आयुर्वेद में इसे मूत्राशय की कार्यक्षमता को मजबूत करने के लिए जाना जाता है.
- क्रैनबेरी जूस (Cranberry Juice) : अगर पेशाब बार-बार आने के साथ जलन भी हो रही है, तो बिना चीनी वाला क्रैनबेरी जूस पिएं. यह मूत्राशय के संक्रमण (UTI) को दूर रखने में मदद करता है, जो पेशाब की आवृत्ति को भी बढ़ाता है.
याद रखें, ये घरेलू उपाय हल्के फुल्के आराम के लिए हैं. अगर यह समस्या बहुत ज़्यादा है, दर्द या जलन होती है, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें, क्योंकि यह किसी अंदरूनी बीमारी का संकेत भी हो सकता है.

रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है? कौन से फूड्स इसे बढ़ाते हैं
रात में अच्छी नींद (good sleep) लेना बहुत ज़रूरी है, लेकिन कई बार बार-बार पेशाब आने (frequent urination) की वजह से हमारी नींद टूट जाती है. इसे 'नॉक्टूरिया' (Nocturia) कहते हैं. यह समस्या सिर्फ़ ठंड की वजह से नहीं होती, बल्कि दिनभर में खाई गई कुछ चीज़ें भी इसे बढ़ा सकती हैं.
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है और कौन से फूड्स रात में पेशाब ज़्यादा बनवाते हैं, तो इन चीज़ों पर ध्यान दें:
- ज्यादा पानी पीना: सोने से ठीक पहले ज़्यादा पानी, चाय, दूध या सूप पीने से ब्लैडर (bladder) पर दबाव पड़ता है और रात में उठना पड़ता है. इसलिए, रात को सोने से 2-3 घंटे पहले तरल पदार्थ (liquids) कम कर दें.
- कैफीन वाली चीज़ें (Caffeine): कॉफ़ी, चाय, सोडा (soda) या एनर्जी ड्रिंक्स (energy drinks) में कैफीन होता है. कैफीन एक 'डाइयुरेटिक' (Diuretic) होता है, यानी यह पेशाब ज़्यादा बनवाता है. शाम 4 बजे के बाद इनका सेवन न करें.
- शराब (Alcohol): शराब भी एक बहुत बड़ा डाइयुरेटिक है. रात में या सोने से पहले शराब पीने से पेशाब ज़्यादा आता है और डिहाइड्रेशन (dehydration) भी हो सकता है.
- खट्टे और मसालेदार फूड्स (Acidic and Spicy Foods): टमाटर (tomato), खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू, और बहुत ज़्यादा मिर्च-मसाले वाली सब्ज़ियाँ ब्लैडर को इरिटेट (irritate) करती हैं. रात के खाने में इन्हें कम शामिल करें.
- ज़रूरत से ज़्यादा नमक (Too Much Salt): ज़्यादा नमक खाने से शरीर पानी को होल्ड (hold) करने की कोशिश करता है, लेकिन रात में यह पेशाब बनने की प्रक्रिया को बढ़ा देता है. रात में चिप्स, अचार या डिब्बाबंद (canned) खाना न खाएं.
रात में आराम से सोने के लिए: शाम के बाद इन सभी चीज़ों से बचें. ध्यान रखें कि यह समस्या किसी गंभीर बीमारी (जैसे डायबिटीज) का संकेत भी हो सकती है, इसलिए अगर यह लगातार बनी रहे तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें.
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बार-बार पेशाब आने के घरेलू उपाय (Frequent Urination Home Remedies)
आप इन आसान तरीकों को अपनाकर रात में बार-बार पेशाब आना या दिन की इस परेशानी को कम कर सकते हैं:
- कैफीन और शराब से बचें (Limit Caffeine and Alcohol) : कॉफी, चाय और शराब (Alcohol) डाययूरेटिक होते हैं. इसका मतलब है कि ये किडनी को ज़्यादा तेज़ी से काम करने के लिए मजबूर करते हैं, जिससे पेशाब ज़्यादा बनता है. शाम के समय और रात को सोने से पहले इन चीज़ों का सेवन कम कर दें या बंद कर दें.
- मूत्राशय को प्रशिक्षित करें (Bladder Training) : जब पेशाब लगे, तो तुरंत न जाएँ. कुछ मिनटों तक रुकने की कोशिश करें. धीरे-धीरे इस समय को बढ़ाएँ. इससे मूत्राशय की क्षमता (Capacity) बढ़ती है.
- शरीर को गर्म रखें (Keep Yourself Warm) : यह सबसे ज़रूरी है! टोपी, मोज़े और गर्म कपड़े पहनें. खासकर पैरों को गर्म रखना बहुत ज़रूरी है. जब शरीर गर्म रहता है, तो कोल्ड डाययूरेसिस की प्रक्रिया धीमी हो जाती है.
कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है?
- अगर आपको सर्दियों में बार-बार पेशाब आना के साथ ये लक्षण भी दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें:
- पेशाब में जलन या दर्द होना.
- पेशाब में खून आना.
- अचानक बहुत ज़्यादा प्यास लगना (यह डायबिटीज का संकेत हो सकता है).
- बुखार या पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना.
सर्दियों में बार-बार पेशाब आना एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया है, जिसे आप शरीर को गर्म रखकर, कैफीन कम करके और रात को पानी पीने का समय बदलकर नियंत्रित कर सकते हैं. Sardi me baar baar peshab aana एक ऐसी समस्या है जिसका हल आमतौर पर होम रेमेडीज से निकल जाता है, लेकिन अगर यह आपकी नींद को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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