भारत सरकार भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए AI फॉर ऑल यानी सभी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नीति पर काम कर रही है. सरकार की नीतियों को लेकर भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रोफेसर डॉ.अजय सूद ने NDTV से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान उन्होंने सरकार की प्लानिंग को लेकर विस्तार से बात की. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि हमने व्हाइट पेपर के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारगर इस्तेमाल का एक रोड मैप देश के सामने रखा है.डीपफेक कॉन्टेंट को रोकने के लिए हमारा अगला व्हाइट पेपर टेक्नो लीगल फ्रेमवर्क फॉर एआई पर होगा.
उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इंफ्रास्ट्रक्चर है उसको कैसे लोकतांत्रिक बनाया जाए जिससे कि कोई भी भारतीय नागरिक आसानी से AI का पब्लिक गुड और व्यक्तिगत तौर पर इस्तेमाल आसानी से कर सके.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि हम AI का पब्लिक गुड के लिए कैसे बेहतर इस्तेमाल करें इस पर फोकस करना चाहिए.
डॉ. सूद ने कहा कि हम चाहते हैं कि डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़कर हम डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर 2.0 बनाए.AI एक बहुत ही महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी है. हमने व्हाइट पेपर में विस्तार से यह बताया है कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का समाज के हित के लिए बेहतर इस्तेमाल हो सकता है और साथ ही उसके दुरुपयोग को कैसे रोका जा सकता है.हमें इसके लिए कंप्यूट रिसोर्स चाहिए, हमें डेटा सेट चाहिए जो हाई क्वालिटी हो
अजय सूद ने आगे कहा कि AI टूल्स अगर यह हमारे स्टार्टअप्स संस्थाओं के पास नहीं होंगे तो हम महज AI के कंज्यूमर बनकर रह जाएंगे और दुनिया की बड़ी कंपनियां हमें सिर्फ AI USERS बना कर रखेगी.हम चाहते हैं कि हम खुद AI में इनोवेशन करें, नए AI के मॉडल तैयार करें जो इंडिया स्पेसिफिक हो, हमारी एथिक्स के मापदंड के अनुसार तैयार हूं जो हमारे हेरिटेज का सम्मान करें.इसके लिए हमें इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए जिसका रोड मैप हमने व्हाइट पेपर में जारी किया है.हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बेहतर और कारगर इस्तेमाल करने के लिए नए डाटा सेंटर्स बनाने होंगेहमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनएथिकल यूज को रोकना है.
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