Frequent Urination Cause: टॉयलेट जाना एक नॉर्मल प्रॉसेस हैं दिन हैं हम लोग कई बार वॉशरूम जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम दिन में कितनी बार टॉयलेट जाते हैं, ये आपकी हेल्थ के बारे में बहुत कुछ बताता है. अगर आपको बार-बार पेशाब आता है और वो नॉर्मल से ज्यादा लग रहा है और आप इस बात को इग्नोर कर रहे हैं तो अब आपको सावधान हो जाने की जरूरत है! क्योंकि ये जिस चीज को आप नॉर्मल समझ रहे हैं तो ये गंभीर बीमारियों का शुरुआती संकेत भी हो सकते हैं. आपकी किडनी शरीर के खून को साफ करके विषैले पदार्थों को पेशाब के रूप में बाहर निकालती है. ऐसे में एक दिन में आप कितनी बार पेशाब जाते हैं ये आपकी सेहत कैसे ही इसकी तरफ भी इशारा कर सकता है.
कुछ लोग रात में बार-बार पेशाब जाने के लिए उठते हैं, जबकि कई लोग पूरे दिन ऑफिस में बैठे रहते हैं पर सिर्फ एक बार ही पेशाब करने जाते हैं. अगर आप सामान्य सीमा से ज्यादा या कम टॉयलेट जा रहे हैं तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
क्यों बढ़ जाती है पेशाब आने की समस्या?
कुछ फूड और ड्रिंक्स ब्लैडर को ज्यादा एक्टिव कर देते हैं, जिस वजह से बार-बार पेशाब जाना पड़ता है.
- कॉफी
- चाय
- शराब
- सोडा
इसके अलावा कुछ मेडिकल कंडीशंस भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं.
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)
- ब्लैडर या प्रोस्टेट की समस्या
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस
- स्ट्रोक
- गर्भावस्था (महिलाओं में)
किस उम्र में कितनी बार पेशाब होना चाहिए?
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बच्चे
दिन में 8 से 14 बार पेशाब करना नॉर्मल है. वहीं बड़े होने पर ये संख्या 6 से 12 बार हो सकती है. अगर इससे ज्यादा बाद जाएं तो आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
किशोर (टीनएज)
दिन में 4 से 6 बार टॉयलेट जाना नॉर्मल है. वहीं कुछ हार्मोनल बदलाव के कारण भी बार-बार पेशाब जाा सकते हैं. लेकिन अगर ऐसा लंबे समय तक हो तो ये किसी परेशानी का संकेत हो सकता है.
वयस्क (60 साल से कम)
व्यस्क एक दिन में 5 से 8 बार पेशाब जाते हैं तो नॉर्मल है. वहीं रात में एक बार पेशाब जाना भी नॉर्मल ही कंसीडर किया जाता है.
वहीं बात करें महिलाओं की तो ये संख्या थोड़ी ज्यादा हो सकती है क्योंकि प्रेगनेंसी में ब्लैडर पर दबाव पड़ता है. वहीं UTI की समस्या होने पर भी बार-बार पेशाब जाना पड़ सकता है।
बुजुर्ग (60 साल से ज्यादा)
रात में 2 बार तक जाना सामान्य है. दरअसल उम्र के साथ किडनी और ब्लैडर की क्षमता कम होती जाती है.
बार-बार पेशाब आने की समस्या को कैसे रोकें
धनिया के बीज का पानी
कोरिएंडर सीड इनफ्यूजन यानी कि धनिए के बीज का पानी. कोरिएंडर सीड्स काफी ज्यादा अंडररेटेड होते हैं. लोग उनको बहुत मामूली समझते हैं लेकिन इनके मेडिसिनल प्रॉपर्टीज बहुत ही अमेजिंग होते हैं. यह आपके ब्लैडर को शांत करते हैं और अगर आपको इरिटेशन या फिर हल्काफुल्का यूरिनरी ट्रैक में इनफेक्शन है तो उसमें भी यह आपको बहुत ज्यादा हेल्प कर सकते हैं.
कैसे बनाएं
धनिए के पानी बनाना बहुत ही आसान होता है. आपको सिर्फ एक टेबलस्पून धनिए के बीज लेने हैं. उन्हें एक गिलास पानी में आपको रात भर सोक करके रखना है और सुबह उस पानी को आपके छानकर खाली पेट पी लेना है. आप चाहे तो इसको उबाल कर भी पी सकते हैं और ज्यादा बढ़िया हो जाएगा. बट ऐसे भी पी लें तब भी चलेगा. इसको आप डेली रोजाना यूज कीजिए और एक हफ्ते के अंदर ही आप अपने अंदर डिफरेंस फील जरूर करेंगे.
किन बातों का रखें ध्यान
- फ्लूइड इंटेक को कंट्रोल में रखना
- चाय-कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स कम करें
- ब्लैडर ट्रेनिंग करना
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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