कांग्रेस के पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण के वादे ने विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा ने जहां इसे कुछ वोट हासिल करने के लिए कांग्रेस की अंतिम हताश कार्रवाई बताया है, वहीं कांग्रेस ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया और कहा कि वह इस तरह का कोई पूरक घोषणापत्र लेकर नहीं आई है।
कांग्रेस प्रवक्ता और कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने यहां संवादददाताओं से कहा कि कांग्रेस कोई उप घोषणापत्र लेकर नहीं आई है। उन्होंने कहा कि पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और जब तक शीर्ष अदालत में इस मामले का निपटारा नहीं होता पार्टी कुछ नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा, 'ये सिर्फ सुझाव हैं जो जनता के साथ परामर्श की प्रक्रिया के दौरान आये थे। हमने इसे जनता के समक्ष रखा है। जब कांग्रेस सत्ता में आयेगी तो जनता की सेाच को आगे बढ़ाएगी। ये नीतियों और कार्यक्रमों के सुझाव हैं जो घोषणापत्र परामर्श की प्रक्रिया के दौरान आये थे।' उनसे उन खबरों के बारे में पूछा गया था कि कांग्रेस ने अपनी वेबसाइट पर एक उपघोषणा पत्र डाला है, जिसमें पिछड़े मुसलमानों के लिए नौकरियों में आरक्षण का वादा किया गया है।
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