
तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपना रुख नरम कर लिया और चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक पांच नए अधिकारियों की नियुक्ति करने को तैयार हो गई हैं। ममता ने आयोग का रुख कड़ा होने के बाद टकराव का रास्ता छोड़ दिया ।
ममता ने आज जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक मैं पांच अधिकारियों की नियुक्ति करूंगी। मुझे कोई आपत्ति नहीं है।' बनर्जी ने कहा, 'यह मेरे लिए अच्छा होगा, मेरे राज्य में सभी अधिकारियों से मेरे अच्छे संबंध हैं।'
ममता चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक चार जिलों के पुलिस अधीक्षक और एक जिलाधिकारी और दो एडीएम के तबादले को राजी हो गईं। इन अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें थीं।
बहरहाल उन्होंने निर्णय को लेकर चुनाव आयोग की आलोचना जारी रखी और कहा, 'मैं चुनाव आयोग का सम्मान करती हूं, लेकिन वे राजनीतिक खेल कर रहे हैं। यह उनका राजनीतिक प्रतिशोध है।' पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की आलोचना और इसके निर्देशों का उल्लंघन करने की धमकी से अविचलित चुनाव आयोग ने आज राज्य के मुख्य सचिव से कहा कि सात अप्रैल के इसके आदेश का बुधवार सुबह दस बजे तक पालन किया जाना चाहिए।
इससे पहले चुनाव आयोग ने अपना रूख कड़ा करते हुए सात वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले के आदेश पर पुनर्विचार करने के पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध को ठुकरा दिया और बुधवार सुबह दस बजे तक उसके आदेश का अनुपालन करने का अल्टीमेटम दिया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उसके आदेश की कड़ी आलोचना किए जाने को तवज्जो न देते हुए चुनाव आयोग ने आज राज्य के मुख्य सचिव से कहा कि बुधवार सुबह तक उसके आदेश का अनुपालन होना चाहिए।
वहीं पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने मंगलवार सुबह आयोग को पत्र लिखकर उससे एक जिला मजिस्ट्रेट, दो अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और मालदा, मुर्शिदाबाद, बर्दवान, पश्चिम मिदनापुर और झाड़ग्राम के पुलिस अधीक्षकों के तबादले के आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था। एक पुलिस अधीक्षक पश्चिम मिदनापुर और झाड़ग्राम दोनों जिलों का काम देख रहे हैं। इन सभी जिलों में कुल मिलाकर लोकसभा की 19 सीटें आती हैं। राज्य से लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने मुख्य सचिव के अनुरोध पर कहा, 'हमने उनके अनुरोध पर गौर किया और इस बात को दोहराया कि सात अप्रैल के हमारे आदेश का कल सुबह दस बजे तक अनुपालन होना चाहिए।' चुनाव आयोग के सोमवार के आदेश से एक नया विवाद पैदा हो गया था, जब ममता ने कहा कि जब तक वह मुख्यमंत्री हैं तब तक किसी अधिकारी को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा और धमकी दी थी कि चुनाव आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई करके दिखाए।
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने अपने पत्र में इस ओर इशारा किया है कि राज्य सरकार से विचार विमर्श किए बगैर ही तबादले किए गए और रिक्तियों के स्थान पर नई तैनाती की गई। ममता ने सोमवार को चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा था कि वह किसी अधिकारी का तबादला नहीं करेंगी।
अधिकारियों के तबादले के चुनाव आयोग के आदेश को मानने से इनकार करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इससे पहले मंगलवार शाम को कहा था कि वह संविधान का पालन करती हैं, लेकिन वह राज्य का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगी।
ममता ने यहां एक जनसभा में अपने भाषण में चुनाव आयोग का नाम लिए बिना कहा, 'मैं जानती हूं कि संविधान क्या है। मैं संविधान का पालन करती हूं, लेकिन किसी को भी बंगाल का अपमान करने का अधिकार नहीं है। मैंने आपको अपनी बेइज्जती करने का अधिकार नहीं दिया है, जबकि मैं आपको सम्मान देती हूं।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं