लखनऊ जिला प्रशासन ने रामदेव पर सख्ती दिखाते हुए उनके योग शिविर के सियासी इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह रोक 16 मई तक के लिए लगाई गई है।
दरअसल, दो दिन पहले रामदेव ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर कुछ आपत्तिजनक बयान दिए थे। बयान के बाद कांग्रेस और कुछ दलित संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया था। हालांकि बाद में रामदेव ने कहा था कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया, लेकिन अगर इससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो वह इसके लिए अफसोस जताते हैं।
राहुल गांधी 'हनीमून और पिकनिक' के लिए दलितों के घर जाते हैं, वाले अपने बयान पर मचे बवाल के बीच योग रामदेव ने दलित समुदाय के प्रति अफसोस जताया। वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनकी टिप्पणी को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की है।
हालांकि, भाजपा ने रामदेव के बचाव में उतरते हुए कहा कि वह एक 'संत' हैं और उनके शब्दों को उसी परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए, जिस परिप्रेक्ष्य में वे कहे गए हैं और इसे कांग्रेस नेताओं की धारणा के मुताबिक नहीं देखा जाना चाहिए। जबकि कांग्रेस ने इसे 'शर्मनाक' टिप्पणियां करार दिया और उनसे तथा नरेंद्र मोदी से भी बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। साथ ही आरोप लगाया कि रामदेव उनकी 'मंडली' के सदस्य हैं।
रामदेव ने दावा किया, मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया। हनीमून का वक्त समाप्त हो गया है, जैसे शब्द का राजनीतिक भाषा में सामान्य प्रयोग होता है। मैंने इसका प्रयोग उसी अर्थ में किया था।
उन्होंने कहा, मेरी मंशा माननीय राहुल गांधी या दलित समुदाय का अपमान करने की नहीं थी, लेकिन यह भी सही है कि राहुल गांधी लोकप्रियता पाने, पिकनिक या पर्यटन के लिए गरीबों के घर जाते हैं। उन्होंने कहा, यदि शब्द के प्रयोग से किसी समुदाय, विशेष रूप से दलित समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं उस पर अफसोस जाहिर करता हूं।
(इनपुट भाषा से भी)
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