अहमदाबाद पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक दल और निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने-अपने घोषणापत्रों में ‘दुखी पतियों’ को इंसाफ दिलाने से लेकर गरीबों को शाही जीवनशैली मुहैया कराने तक का वादा किया है।
‘अखिल भारतीय पत्नी अत्याचार विरोधी संघ’ नामक एनजीओ चलाने वाले दशरथ देवड़ा और अहमदाबाद पूर्व लोकसभा सीट से एक निर्दलीय उम्मीदवार ने पुरुषों की रक्षा के लिए एक कानून लाने का वादा किया है।
देवड़ा ने कहा, 'मैं दुखी पति के पक्ष में एक कानून लाने का वादा करता हूं। हमारे यहां महिलाओं की रक्षा के लिए घरेलू हिंसा कानून है, इसलिए पुरुषों को बचाने के लिए कानून क्यों नहीं है?' अपनी पार्टी के पंजीकरण के लिए उन्होंने आवेदन भले ही कर दिया हो, लेकिन चुनाव आयोग से इसे मंजूरी नहीं मिली है। निर्दलीय के रूप में भाग्य आजमाने के बावजूद देवड़ा ने एक घोषणापत्र जारी किया है।
देवड़ा ने कहा, 'मैं दरवाजे दरवाजे गया और पुरुषों से पूछा कि क्या वे अपनी पत्नी से दुखी हैं और कई ने सकारात्मक जवाब दिया। सारे दुखी पति मेरा समर्थन कर रहे हैं।'
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