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This Article is From Apr 30, 2014

चुनाव डायरी : नरेंद्र मोदी, सेल्फी और सोशल मीडिया

चुनाव डायरी : नरेंद्र मोदी, सेल्फी और सोशल मीडिया
नई दिल्ली:

अहमदाबाद में वोट देने के बाद नरेंद्र मोदी ने लाखों युवाओं की ही तर्ज पर सेल्फी ली। सेल्फी, यानि मोबाइल से अपनी ही फोटो खींचना और फिर इसे सोशल मीडिया जैसे ट्विटर या फेसबुक पर डालना। इस चुनाव में यह सबसे अधिक प्रचलन में आया है।

मतदान के प्रति लोगों में जागरूकता और उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए कुछ बड़े अख़बारों और मीडिया चैनलों ने भी वोट डालने के बाद सेल्फी लेने के लिए अभियान चलाया। वोट डालने के बाद हज़ारों लोगों के खुद के खींचे ऐसे फोटोग्राफ भी मुख्यधारा मीडिया में दिखाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर तो ऐसी सेल्फी की बाढ़ आई हुई है।

सोशल मीडिया पर तो बहुत सारे नेता हैं, लेकिन ऐसा कोई नेता याद नहीं आ रहा, जिसने इस तरह से वोट डालने के बाद अमिट स्याही लगी अपनी अंगुली और चुनाव चिह्न दिखाते हुए न सिर्फ सेल्फी ली, बल्कि उसे तुरंत ही अपने एकाउंट (@narendramodi) से ट्वीट भी कर दिया। देखते ही देखते #selfiewithmodi ट्विटर पर टॉप ट्रेंड बन गया।

इसी हैश टैग के साथ हज़ारों लोग लगातार ट्वीट कर रहे हैं और मोदी के इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। खुद मोदी ने जिस ट्वीट के जरिये अपना सेल्फी डाला, उसे यह लेख लिखते वक्त तक 1500 बार रीट्वीट किया जा चुका है और 1000 लोगों ने फेवरेट किया है।

इस चुनाव में नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया को प्रचार के एक बहुत बड़े हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। बल्कि वह संभवतः ऐसे पहले नेता हैं, जिन्होंने प्रचार अभियान में सोशल मीडिया के महत्व को समझा। वर्ष 2011 में अपने सद्भावना मिशन के दौरान उन्होंने फेसबुक और ट्विटर के जरिये अलग से प्रचार किया। पार्टी की अंदरूनी बैठकों में भी वह पार्टी नेताओं को सोशल मीडिया के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के लिए कहते रहे।

गुजरात में पिछले दो विधानसभा चुनावों में मोदी ने सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल किया। लोकसभा चुनाव 2014 में सोशल मीडिया के लिए उनकी अपनी एक अलग टीम है, जो टॉप ट्रेंड से लेकर विरोधियों के खिलाफ चलने वाले ट्रेंड और ट्वीट्स पर नज़र रखती है। इनकी हर रोज़ समीक्षा की जाती है और बड़े मुद्दों के हिसाब से रणनीति तैयार की जाती है। आए-दिन विरोधियों से ट्विटर पर युद्ध छिड़ता है और मुकाबला इस बात पर होता है कि कौन सा ट्रेंड टॉप पर रहेगा।

मोदी की ही तर्ज़ पर बीजेपी के कई बड़े नेता अब खुलकर सोशल मीडिया पर आ गए हैं। ट्विटर पर नरेंद्र मोदी को 38 लाख से ज़्यादा लोग फॉलो कर रहे हैं, जो भारत में किसी भी शख्सियत में सबसे ज्यादा है। जबकि फेसबुक पर उनके पेज को एक करोड़ से अधिक लोगों ने लाइक किया है। इसके अलावा गूगल हैंगआउट और फेसबुक के साथ कार्यक्रम कर भी मोदी सोशल मीडिया के जरिये लोगों तक पहुंचे हैं। इसके अलावा मोदी नियमित रूप से ब्लॉगिंग भी करते हैं। यूट्यूब पर भी नरेंद्र मोदी के भाषणों के वीडियो बड़ी संख्या में देखे जाते हैं।

जबकि इसके उलट राहुल गांधी न ट्विटर पर हैं, न फेसबुक पर। कांग्रेस पार्टी सोशल मीडिया पर देर से सक्रिय हुई। आज पार्टी का अपना खुद का ट्विटर एकाउंट है। साथ ही कांग्रेस के कई बड़े नेता भी ट्विटर और फेसबुक के जरिये सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। जबकि मोदी की ही तरह सोशल मीडिया का बेहतरीन इस्तेमाल अगर किसी ने किया है, तो वह है आम आदमी पार्टी और उसके नेता अरविंद केजरीवाल। सोशल मीडिया पर केजरीवाल बेहद सक्रिय हैं और यह उनके लिए अपने कार्यकर्ताओं से जुड़ने का सशक्त माध्यम है। सोशल मीडिया के ट्रेंड में केजरीवाल मोदी और राहुल गांधी से टक्कर लेते नज़र आते हैं।

लोकसभा चुनाव 2014 देश का पहला ऐसा बड़ा चुनाव होने जा रहा है, जिसमें सोशल मीडिया ने बड़ी भूमिका निभाई है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में कहा गया कि करीब 160 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां सोशल मीडिया नतीजे को प्रभावित करने की स्थिति में है। इस बार 10 करोड़ नए मतदाता जुड़े हैं, जिनमें एक बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया पर सक्रिय है। ज़ाहिर है मोदी समेत सभी राजनीतिक दलों की नज़रें इन्हीं पर लगी हैं।

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