राष्ट्रीय राजधानी की सातों लोकसभा सीटों पर गुरुवार को मतदान होगा, जिसे आम आदमी पार्टी का आधार कथित तौर पर खिसकने, भाजपा के 'मोदी लहर' के दावे तथा कांग्रेस के विधानसभा चुनाव में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब स्थिति काफी मजबूत होने के दावों की परीक्षा के तौर पर देखा जाएगा।
दिल्ली की इन चर्चित सात सीटों पर चुनाव इस लिए भी महत्व रखते हैं क्योंकि इनके नतीजों से अगले कुछ माह में शहर में विधानसभा चुनावों की जमीन तैयार हो सकती है।
प्रचार अभियान के दौरान मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और नवागंतुक आप के बीच दिखा जिनके प्रत्याशियों ने 1.2 करोड़ मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया। दिल्ली में लोकसभा की भले ही सात ही सीटें हों लेकिन इसके नतीजे राजनीतिक प्रतीकों के कारण काफी महत्व रखते हैं।
चुनाव मैदान में 58 निर्दलीय सहित कुल 150 उम्मीदवार हैं लेकिन मुकाबला मुख्यत: भाजपा, आप और कांग्रेस के बीच होने की संभावना है।
आप के लिए दिल्ली की सातों सीटों के चुनाव विशेष तौर पर महत्व रखते हैं क्योंकि गत दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में इस नवगठित दल ने 70 में 28 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।
केजरीवाल को 49 दिनों तक सत्ता में रहने के बाद सरकार से हट जाने के कारण काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ी। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ने प्रचार के दौरान केजरीवाल पर जिम्मेदारियों से भागने का तीखा आरोप लगाया।
भाजपा का प्रचार मोदी के इर्द-गिर्द केन्द्रित रहा है और चुनाव के नतीजे यह तय करेंगे कि मोदी लहर का प्रभाव रहा या नहीं। यदि पार्टी का अच्छा प्रदर्शन रहा तो वह विधानसभा चुनाव जल्द कराने पर बल दे सकती है। भाजपा ने मौजूदा विधानसभा चुनाव में 31 सीटें जीती थीं, लेकिन उसने सरकार बनाने से इनकार कर दिया।
मोदी ने आज दैनिक समाचार पत्रों में आए विज्ञापन में कहा, 'दिल्ली के सातों उम्मीदवारों को दिया गया वोट मुझे दिया गया वोट है। उन्हें वोट दीजिये तथा मजबूत एवं समृद्ध भारत बनाने में मेरी मदद करिए।'
राजधानी में अपने प्रत्याशियों के लिए मोदी, लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह और अरूण जेटली सहित भाजपा के सभी शीर्ष नेताओं ने प्रचार किया। भाजपा को 2009 के लोकसभा चुनाव में भारी निराशा हाथ लगी थी क्योंकि कांग्रेस ने सारी सीटें जीत ली थीं।
पिछले साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव में भारी पराजय के बाद कांग्रेस ने जनता का समर्थन वापस हासिल करने के लिए रैलियों और घर घर जाकर संपर्क के माध्यम से कडी मशक्कत की है।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महज आठ सीटों तक सिमट गयी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी लोकसभा चुनाव के दौरान राजधानी में अलग अलग रैलियां संबोधित की।
आप प्रमुख अरविन्द केजरीवाल ने शहर भर में रोड शो और जनसभाएं की जबकि पार्टी उम्मीदवारों ने घर घर जाकर संपर्क करने पर अधिक जोर दिया।
प्रतिष्ठित चांदनी चौक सीट पर केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को भाजपा के हर्षवर्धन और पत्रकारिता से राजनीति में आए आप के आशुतोष से कड़ी टक्कर मिल रही है। सिब्बल तीसरी बार इस सीट को बरकरार रखने के लिए कड़े प्रयास कर रहे हैं।
पूर्वी दिल्ली में निर्वतमान सांसद संदीप दीक्षित का मुकाबला भाजपा के महेश गिरी और आप के उम्मीदवार एवं महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी से हो रहा है। प्रतिष्ठित नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस महासचिव की टक्कर भाजपा की मीनाक्षी लेखी और आप के आशीष खेतान से है। मीनाक्षी और खेतान दोनों ही पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं।
उत्तर पश्चिमी दिल्ली में भाजपा के उदित राज, आप की राखी बिड़लान एवं कांग्रेस की कृष्णा तीरथ के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। इस सीट पर 20 प्रतिशत दलित मतदाता नतीजों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
दक्षिणी दिल्ली में भाजपा के रमेश विधूड़ी का मुकाबला आप के देवेन्द्र सहरावत और कांग्रेस के जे पी अग्रवाल एवं अन्य प्रमुख उम्मीदवारों के साथ हो रहा है।
नई दिल्ली सीट पर सर्वाधिक 29 उम्मीदवार हैं जबकि उत्तर पश्चिमी सीट पर सबसे कम 14 प्रत्याशी हैं।
दिल्ली में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए 50 हजार सुरक्षा कर्मी 161 उड़न दस्ते और वीडियो निगरानी दल तैनात किए गए हैं।
चुनाव आयोग ने कहा है कि उसने मतदाता कार्ड के प्रावधान को खत्म कर दिया है और मताधिकार के प्रयोग के लिए मतदाता पर्ची अनिवार्य होगी। राजधानी में कुल 11763 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले जाएंगे जिनमें 327 को गंभीर और 90 को अति गंभीर करार दिया गया है।
मतदान सुबह सात बजे से शुरू हो जाएगा और शाम छह बजे तक जारी रहेगा।
पहली बार दिल्ली के निवासी चुनाव पहचान पत्र नहीं होने की स्थिति में भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे लेकिन उनके नाम मतदाता सूची में होने चाहिए।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय देव ने दिल्ली निवासियों से अपील की कि वे अपने घरों से निकल कर वोट डाले। उन्होंने इस बार राजधानी में मतदान प्रतिशत बेहतर रहने की उम्मीद जतायी।
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