प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विचारों और कार्यों को देश खासकर उत्तर प्रदेश की तहजीब के खिलाफ करार देते हुए पूछा कि क्या हिन्दुस्तान में एक ऐसी पार्टी की सरकार बननी चाहिए, जिसने हमेशा देश को बांटने का काम किया है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में कहा कि बीजेपी के नेता लोकसभा चुनाव को सांप्रदायिकता के मुद्दों पर मोड़ना चाहते हैं, लेकिन हम सभी को राष्ट्रीय मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिये। इस बार बहुत बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा यह है कि क्या भारत में एक ऐसी पार्टी की सरकार बननी चाहिए, जिसने हमेशा देश को बांटने का काम किया है... जो सांप्रदायिक हो, जो दूसरे समुदाय से लड़ाने का काम करती हो।
उन्होंने हाल में 'बदला लेने' का विवादास्पद बयान देने वाले बीजेपी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अमित शाह का संदर्भ देते हुए कहा, बीजेपी के एक नेता के भाषण को आपने सुना। आपके सामने आज सवाल यह है कि क्या आप इसे बर्दाश्त करेंगे और कब तक बर्दाश्त करेंगे। उत्तर प्रदेश अपनी मिलीजुली संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां एक-दूसरे के धर्म के आदर की परंपरा रही है। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि बीजेपी के विचार और काम आपकी गंगाजमुनी तहजीब के बिल्कुल खिलाफ हैं।
मनमोहन सिंह ने बीजेपी के घोषणापत्र पर सवाल उठाते हुए कहा, बीजेपी ने अपना चुनाव घोषणापत्र उस दिन जारी किया, जब कुछ राज्यों में मतदान शुरू हो चुका था। इससे पता लगता है कि वह अपनी नीतियों को जनता के सामने रखने में गंभीर नहीं है। उसका चुनाव अभियान एक व्यक्ति पर केंद्रित है। वे ऐसे वादे कर रहे हैं, जिन्हें वे कभी पूरा नहीं कर पाएंगे। अर्सा बीतने के बाद जहां दुनिया के मुद्दे बदल गए, वहीं बीजेपी के घोषणापत्र में वही मंदिर-मस्जिद का मुद्दा, वही धारा 370 शामिल है।
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