नरेंद्र मोदी से जनता को 'उल्लू' बनाना छोड़ने की राहुल गांधी की टिप्पणी पर भाजपा ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव में संभावित हार को देखकर कांग्रेस उपाध्यक्ष हताशा में पिछले कुछ दिनों से विचित्र संज्ञाओं वाले बचकाने बयान देने लगे हैं।
भाजपा ने कहा कि एक ओर उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जनता से सरोकार रखने वाले विकास, अर्थव्यवस्था, बेराजगारी और मंहगाई जैसे मुद्दे उठा रहे हैं, तो दूसरी ओर राहुल और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व उनका जवाब देने की बजाय 'उल्लू' और 'टॉफी' जैसी विचित्र संज्ञाए देने लगा है।
पार्टी ने कहा कि यह ऐसा ही जैसे कोई अज्ञानी अध्यापक छात्रों के प्रश्नों का उत्तर नहीं आने पर इधर-उधर की बातें करने लगे। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा, मतदाता अगर कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए मतदान करता है, तो वह 'उल्लू' नहीं है। पराजय सामने देखकर किसी नेता को शालीनता नहीं छोड़ देनी चाहिए। जो लोग कांग्रेस को वोट नहीं दे रहे हैं, उसके कुछ कारण होंगे। क्रुद्ध मतदाता उन चार अक्षरों का शब्द नहीं है, जिसका इस्तेमाल राहुल ने उनके लिए किया है।
पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, राहुल का बयान दर्शाता है कि वह सार्थक मुद्दों के दिवालिएपन के साथ साथ शब्दों के बौद्धिक दिवालिएपन तक पंहुच गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी द्वारा उठाए गए विकास और सुशासन के मुद्दों के आगे निरूत्तर हो जाने के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने साम्प्रदायिकता का विषय उठाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन उसमें भी उसे सफलता नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता कभी भाजपा के नेताओं के निजी जीवन पर टिप्पणी करते हैं, तो कभी उल-जुलूल बातें करने लगते हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि वे पूरी तरह निरूत्तर हो चुके हैं।
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