-
ब्लॉग राइटर
-
1999 के सुपर साइक्लोन से मेरा सामना और इस साइक्लोन से क्या सीखा ओडिशा सरकार ने
सुबह सुबह साइक्लोन की रफ्तार बढ़ती चली गई और फिर भयंकर रूप धारण कर लिया. उस समय गांव में मेरा पक्का घर था लेकिन मुझे याद है हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि घर के मुख्य दरवाज़े को मेरे परिवार के कई लोग पकड़कर रखे थे. ऐसा लग रहा था जैसे हवा दरवाज़े को उखाड़कर ले जाएगी. हवा की गति 300 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा थी. कितने घंटों तक हवा का तांडव चलता रहा मुझे याद नहीं लेकिन तीन दिन तक लगातार बारिश हुई थी.
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Sushil Mohapatra
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => सुशील महापात्र पिछले 10 साल से NDTV में कार्यरत हैं. सुशील अलग-अलग मुद्दों पर लिखते आ रहे हैं, लेकिन क्रिकेट में उनकी खास रुचि है. क्रिकेट में रूटीन की ख़बरों से हटकर कुछ लिखने का शौक है.
)
)
[hindiname] =>
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => एनडीटीवी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => एनडीटीवी
)
)
- मई 05, 2019 00:30 am IST
-
अगर पीएम मोदी ओडिशा के पुरी से चुनाव लड़े तो...
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 में ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं. वाराणसी के बाद पुरी. इसके पीछे एक ही वजह हो सकती है, हिंदुत्व का एजेंडा. ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने वाले हैं. ऐसे में भगवान जगन्नाथ के नाम पर बीजेपी वोट मांगेगी.
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Sushil Mohapatra
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => सुशील महापात्र पिछले 10 साल से NDTV में कार्यरत हैं. सुशील अलग-अलग मुद्दों पर लिखते आ रहे हैं, लेकिन क्रिकेट में उनकी खास रुचि है. क्रिकेट में रूटीन की ख़बरों से हटकर कुछ लिखने का शौक है.
)
)
[hindiname] =>
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => एनडीटीवी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => एनडीटीवी
)
)
- दिसंबर 12, 2018 13:29 pm IST
-
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के नाम खुला खत...
राजबाई ने बताया कि उनके पति किसी असंगठित क्षेत्र में काम करते थे. तीन साल पहले उनकी मौत हो गई. पेंशन के रूप में राजबाई को सिर्फ 300 रुपये मिलते हैं. 80 साल की उम्र में भी राजबाई दूसरों के खेत में काम करके गुजारा कर रही हैं.
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Sushil Mohapatra
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => सुशील महापात्र पिछले 10 साल से NDTV में कार्यरत हैं. सुशील अलग-अलग मुद्दों पर लिखते आ रहे हैं, लेकिन क्रिकेट में उनकी खास रुचि है. क्रिकेट में रूटीन की ख़बरों से हटकर कुछ लिखने का शौक है.
)
)
[hindiname] =>
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => एनडीटीवी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => एनडीटीवी
)
)
- दिसंबर 09, 2018 05:30 am IST
-
पानी को लेकर पैनी राजनीति, सूखा उतारे दे रहा आम लोगों का पानी
कल अगर आप जंतर मंतर पर मौजूद होते तो आपको पता चलता कि पानी की समस्या के कारण लोगों की जिंदगी कैसे नरक बन गई है। 13 राज्यों से जमा हुए इस किसानों की दुःख भरी कहानी अगर आप सुनते तो आप खुद पानी-पानी हो जाते।
-
सुशील महापात्रा की कलम से : मेरा पुराना जनलोकपाल बिल वापस दे दो केजरीवाल
आक्रामक केजरीवाल शांत अन्ना हज़ारे के दाहिने हाथ के रूप में लोगों को नजर आते हैं और धीरे-धीरे उनपर ही भारी पड़ते लगते हैं। फिर समय सब कुछ बदल देता है। आक्रामक केजरीवाल शांत अन्ना हज़ारे के ऊपर भारी पड़ते हैं।
-
Array
(
[written_by] => Array
(
[1309] => Array
(
[id] => 1309
[name] => Sushil Kumar Mohapatra
[designation] =>
[info] =>
)
)
[reported_by] => Array
(
[305] => Array
(
[id] => 305
[name] => Rajeev Mishra
[designation] =>
[info] =>
)
)
[authored_by] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Written by Sushil Mohapatra, Edited by Rajeev Mishra
[designation] =>
[info] =>
)
)
- दिसंबर 23, 2015 14:10 pm IST
-
सुशील कुमार महापात्रा की कलम से : क्या आपको ये चुनौतियां याद हैं केजरीवाल जी?
अरविंद केजरीवाल और खुली बहस के बीच काफी गहरा रिश्ता है। अरविंद केजरीवाल एक ऐसे नेता हैं जिनका यह मानना है कि खुली बहस लोकतंत्र के लिए अच्छी है और इसके जरिये एक स्वस्थ राजनीति की शुरुआत हो सकती है।
-
Array
(
[written_by] => Array
(
[447] => Array
(
[id] => 447
[name] => Sushil Mohapatra
[designation] =>
[info] =>
)
)
[reported_by] => Array
(
[305] => Array
(
[id] => 305
[name] => Rajeev Mishra
[designation] =>
[info] =>
)
)
[authored_by] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Written by Sushil Mohapatra, Edited by Rajeev Mishra
[designation] =>
[info] =>
)
)
- दिसंबर 23, 2015 14:08 pm IST
-
सुशील महापात्रा : 'दाल-दादरी' और 'बिहारी बनाम बाहरी' के मुद्दे पर बाहर हुई बीजेपी
बिहार के चुनाव इस सदी के सबसे खतरनाक चुनाव थे। ऐसा लग रहा था कि चुनाव नहीं, बल्कि एनडीए और महागठबंधन के बीच जंग चल रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान चाय से शुरू होने वाली चर्चा इन चुनाव में गाय तक पहुंच गई। विकास और महंगाई जैसे मुद्दे गायब थे।
-
सुशील महापात्रा : क्रिकेट को राजनीति के चश्मे से नहीं, राजनीति को क्रिकेट के चश्मे से देखें
आजकल क्रिकेट में राजनीति इतनी हावी हो गई है कि ऐसा लगने लगा है क्रिकेटरों को नहीं, बल्कि राजनेताओं को क्रिकेट खेलना चाहिए। क्रिकेट को चलाने वाले क्रिकेटर नहीं, ज्यादा से ज्यादा राजनेता हैं। कई राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी राजनेता हैं।
-
सुशील की समीक्षा : कैसा रहा टीम सेलेक्शन
यह देखना होगा कि इन युवा खिलाड़ियों को अंतिम 15 की सूची में जगह मिल भी पाती है या नहीं। सहवाग का प्रदर्शन पिछले सेशन में अच्छा नहीं रहा। पिछले सात घरेलू एक-दिवसीय मैचों में सहवाग करीब 24 के औसत से सिर्फ 163 रन ही बना पाए।
-
सुशील महापात्रा की समीक्षा : बाउंसर पर बवाल क्यों?
क्रिकेट खेलते वक्त खिलाड़ियों की मौत होना क्रिकेट का बड़ा नुकसान है, जिसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता, और हम सबको मानना होगा कि यह एक हादसा है, जिस पर किसी का भी नियंत्रण नहीं। लेकिन सिर्फ बाउंसर पर लगाम लगाना इसका समाधान नहीं, क्योंकि बाउंसर क्रिकेट का हिस्सा है और इसे किस्सा नहीं बनाना चाहिए।
-
सुशील महापात्रा की कलम से : 63 नॉट आउट ही रह गए फिल ह्यूज...
तीन दिन बाद फिलिप ह्यूज अपना जन्मदिन मनाने वाले थे, लेकिन किसे पता था कि किस्मत में और कुछ लिखा हुआ है। फिलिप जिस बाउंसर बॉल को खेलने के माहिर माने जाते थे, वही बाउंसर उनकी मौत का कारण बनी।
-
2014 के चुनाव में बनते-बिगड़ते राजनीतिक समीकरण
यह लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। कांग्रेस की कमान राहुल गांधी संभाल रहे हैं तो भारतीय जनता पार्टी की नरेंद्र मोदी। इसके अलावा, बहुत कम समय में अरविंद केजरीवाल ने खुद को साबित किया है। उन्होंने एक ऐसा नया महल खड़ा किया है कि लोग आम आदमी पार्टी को एक विकल्प के रूप में देखने लगे।