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ब्लॉग राइटर
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सुशील महापात्रा की कलम से : मेरा पुराना जनलोकपाल बिल वापस दे दो केजरीवाल
आक्रामक केजरीवाल शांत अन्ना हज़ारे के दाहिने हाथ के रूप में लोगों को नजर आते हैं और धीरे-धीरे उनपर ही भारी पड़ते लगते हैं। फिर समय सब कुछ बदल देता है। आक्रामक केजरीवाल शांत अन्ना हज़ारे के ऊपर भारी पड़ते हैं।
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- दिसंबर 23, 2015 14:10 pm IST
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सुशील कुमार महापात्रा की कलम से : क्या आपको ये चुनौतियां याद हैं केजरीवाल जी?
अरविंद केजरीवाल और खुली बहस के बीच काफी गहरा रिश्ता है। अरविंद केजरीवाल एक ऐसे नेता हैं जिनका यह मानना है कि खुली बहस लोकतंत्र के लिए अच्छी है और इसके जरिये एक स्वस्थ राजनीति की शुरुआत हो सकती है।
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- दिसंबर 23, 2015 14:08 pm IST