2017 में समाजवादी पार्टी में पारिवारिक कलह चरम पर थी. उस वक्त भी अपर्णा खुलकर सपा से बेदखल किए गए ससुर शिवपाल यादव के समर्थन में बोलती दिखाई पड़ती थीं लेकिन अब जब शिवपाल ने अखिलेश को ही नया 'नेताजी' मान लिया है, तब अपर्णा ने बीजेपी का दामन थाम लिया.
अगले साल फरवरी-मार्च में वैसे तो पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव होने हैं लेकिन इनमें सबसे अहम उत्तर प्रदेश है. 2017 में हुए चुनाव में 403 सीटों में से 312 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. उसे कुल 39.67 फीसदी वोट मिले थे. उस वक्त बीजेपी के साथ अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी थी.
योगी आदित्यनाथ ने भी रणनीतिक तौर पर ओवैसी को बड़ा नेता करार दिया है. बीजेपी जानती है कि मुस्लिम वोट उसे नहीं मिलने वाला. लिहाजा, वह ओवैसी को बड़ा नेता कहकर और अखिलेश की छवि मलिन कर मुस्लिम वोट में बिखराव चाहती है.
बिहार की त्रिकोणीय राजनीति में अगर चिराग और तेजस्वी एकसाथ (30 + 6= 36 फीसदी) आते हैं (ऐसा पहली बार नहीं होगा, जब पासवान लालू के साथ होंगे, 2009 का लोकसभा चुनाव लोजपा और राजद मिलकर लड़ चुके हैं) तो एनडीए के खिलाफ उनका पलड़ा भारी हो सकता है.
यह पहली बार नहीं है, जब वोटिंग के वक्त प्रधानमंत्री किसी मंदिर में गए हों. 2018 में कर्नाटक विधान सभा चुनाव के दिन पीएम नेपाल के सीता मंदिर पहुंचे हुए थे. इसी तरह 2019 में लोकसभा चुनाव के वक्त वह केदारनाथ की गुफा में ध्यान लगा रहे थे. इस बार वह बांग्लादेश के मंदिरों में पूजा करेंगे.
ममता बनर्जी के चोटिल होने के बाद PM मोदी की यह पहली चुनावी सभा थी. इस बीच ममता बनर्जी व्हीलचेयर पर चुनावी सभाओं में जाती दिख रही हैं. इससे ममता बनर्जी की तस्वीर बंगाल की घायल शेरनी के रूप में उभरी है.