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ब्लॉग राइटर
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सेमिनार में प्रोफेसरों की मौजूदगी से जुड़े सवाल और मीडिया की रिपोर्टिंग
जय नारायण व्यास जोधपुर विश्वविद्यालय की अंग्रेज़ी की प्रोफेसर डॉक्टर राजश्री राणावत के निलंबन पर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दिनेश मेहता की पीठ ने रोक लगा दी है. निलंबन के खिलाफ डॉक्टर राणावत की अर्जी सुनते हुए न्यायमूर्ति मेहता इससे हैरान थे कि विश्वविद्यालय किसी शिक्षक को किसी सेमिनार में किसी वक्ता को आमंत्रित करने भर के चलते कैसे निलंबित कर सकता है.
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- अपूर्वानंद
- मार्च 07, 2017 21:33 pm IST
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क्या इस देश में कम्युनिज्म में यकीन रखना भी अपराध है
क्या विश्वविद्यालय के मामलों का निबटारा सेना के लोग और समाज के ताकतवर मुखिया करेंगे? इस साल के शुरू में हमने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कुलपति को पूर्व सेना नायकों की राय लेते देखा कि परिसर कैसे चले. क्या यह पूरे देश में होगा?
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- अपूर्वानंद
- अक्टूबर 01, 2016 14:25 pm IST
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क्या है फासीवाद, और क्या हमें उसकी प्रतीक्षा करनी चाहिए...?
मुसलमानों और ईसाइयों के लिए इस राजनीति की सत्ता में एक-एक दिन रहने का मतलब जीने-मरने का सवाल है. उनकी इज़्ज़त की ज़िंदगी तो दूर की बात है. इस राजनीति को फासीवाद कहें या नहीं, इस पर अकादमिक विवाद होता रह सकता है, लेकिन भारत के मुसलमान और ईसाई उस विवाद के कहीं पहुंचने का इंतज़ार नहीं कर सकते.
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- अपूर्वानंद
- सितंबर 27, 2016 14:54 pm IST
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छात्र संघ के मंच से 'न लाल सलाम' कहें न 'वन्दे मातरम'
छात्र संघ है क्या, इस पर विचार होना ज़रूरी है। आज अगर उस पर वामपंथी संगठनों का वर्चस्व है तो क्या छात्र संघ भी वामपंथी हो गया? छात्र संघ तो सारे छात्रों का है। उसकी कोई एक विचारधारा कैसे हो सकती है?
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कौन तय करे कि हम क्या पढ़ें?
कोई भी ख्याल रखना एक बात है, लेकिन वह पर्याप्त सूचनाओं पर आधारित और उनसे प्रमाणित हुए बिना ज्ञान के क्षेत्र में स्वीकार नहीं किया जा सकता। बिपन चंद्र और अन्य विद्वानों के वर्षों के शोध के बाद लिखी किताब पर विचार रखने का अधिकार उनके जितना ही बौद्धिक श्रम करने वालों के पास है।
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छत्तीसगढ़ की सोनी सोरी भी हिंदुस्तान की बेटी है
सोनी सोरी भी मादरे हिन्द की बेटी है लेकिन भारत माता की इस बेटी पर फिर हमला किया गया है। मैं जब ये पंक्तियां लिख रहा हूँ, सोनी सोरी दिल्ली पहुंच चुकी हैं।अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।