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पूरा हिमालयी क्षेत्र खतरे में, इस साल घटनाएं बेहद हिंसक... सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
- Monday September 15, 2025
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: रिचा बाजपेयी
हिमाचल सरकार की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश के ग्लेशियर का करीब पांचवां हिस्सा पिघलकर खत्म हो चुका है, जिससे नदियों के प्रवाह और पारिस्थितिकी तंत्र पर गहरा असर पड़ा है.
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पहाड़ों को बचाने के लिए कितना जरूरी है जंगलों को सहेजा जाना
- Monday September 8, 2025
- हिमांशु जोशी
उत्तराखंड में आल वेदर रोड परियोजना का विशेषज्ञ क्यों कर रहे हैं विरोध और प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में कितने मददगार हैं जंगल बता रहे हैं हिमांशु जोशी.
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जब पहाड़ से टूटकर गिरा ग्लेशियर.. केदारनाथ में हिमस्खलन का वीडियो देखिए
- Thursday September 4, 2025
- Reported by: किशोर रावत, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
केदारनाथ मंदिर के पीछे की पहाड़ी पर ग्लेशियर टूटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिसका वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में दिख रहा है कि ग्लेशियर टूटकर नीचे गिर रहा है.
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हिमालय में 400 ग्लेशियर झीलें ला सकती हैं विनाशकारी बाढ़, केंद्रीय जल आयोग ने बताई कड़ी निगरानी की जरूरत
- Tuesday September 2, 2025
- Reported by: भाषा
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लेशियल लेक एटलस-2023 के अनुसार, भारत में स्थित 432 ग्लेशियर झीलें (681 में से) जून 2025 के महीने के दौरान जल विस्तार क्षेत्र में वृद्धि प्रदर्शित करती हैं. इसलिए इनकी गहन निगरानी की आवश्यकता है.
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केदारनाथ मंदिर के पीछे चौराबाड़ी ग्लेशियर में मिला नर कंकाल, कॉलेज आईडी से हुई पहचान
- Wednesday August 27, 2025
- Reported by: किशोर रावत, Edited by: विजय शंकर पांडेय
केदारनाथ मंदिर से 3 किमी ऊपर चौराबाड़ी झील, जिसे गांधी सरोवर भी कहा जाता है, समुद्रतल से करीब 12,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जिसे वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है.
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गंगोत्री धाम और उसके निचले इलाकों के लिए ग्लेशियर का मलबा क्यों बन रहा खतरा? NDTV की पड़ताल
- Monday August 18, 2025
- Reported by: किशोर रावत, Edited by: चंदन वत्स
उत्तराखंड में लगभग 960 से ज्यादा ग्लेशियर हैं और सभी ग्लेशियर के 4000 मीटर वाले क्षेत्रों में इस तरह का मलबा यानी मोरेन भारी मात्रा में पड़ा हुआ है. तापमान बढ़ रहा है, जहां बर्फ पड़नी चाहिए वहां भारी बारिश हो रही है, जिससे यह सारा मलबा नीचे इन इलाकों में भारी तबाही ला सकता है.
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Exclusive: धराली में सैलाब की असली वजह आई सामने, NDTV की पूरी पड़ताल
- Sunday August 17, 2025
- Reported by: किशोर रावत, रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: रिचा बाजपेयी
खीर गंगा नदी का उद्गम स्थल 4000 फिट से ज्यादा की ऊंचाई पर है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस जगह पर उस दिन यहां पर या तो बादल फटा है या फिर भारी बारिश हुई.
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ग्राउंड रिपोर्ट: हर्षिल में भी तबाही मचाएगी भागीरथी नदी? लोगों की क्यों उड़ी नींद, कैसे कृत्रिम झील बनी मुसीबत
- Thursday August 14, 2025
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: समरजीत सिंह
स्थानीय लोगों के अनुसार मलबा न हटने की वजह से भागीरथ नदी का हर्षिल के पास बहाव तेज हो गया और भागीरथी नदी का बहाव हर्षिल गांव की तरफ़ ज़्यादा मुड़ गई है.
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धराली सैलाब में समाधि लेने वाले कल्प केदार की क्या है कहानी, NDTV ने खंगाला 240 मंदिरों का रहस्य
- Wednesday August 13, 2025
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: मनोज शर्मा
NDTV ने कल्प केदार मंदिर की ऐतिहासिकता की विशेष पड़ताल की तो पता चला कि धराली में 240 मंदिरों की श्रृंखला होने के दो तरीके से पुख्ता प्रमाण मिलते हैं.
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टाइम बम पर बैठा है उत्तराखंड का उत्तरकाशी, सैलाब नहीं इस चीज से है सबसे ज्यादा खतरा
- Tuesday August 12, 2025
- Written by: मुकेश बौड़ाई
Uttarkashi Time Bomb: इतिहासकारों और वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तरकाशी का लगभग पूरा इलाका कच्चे पहाड़ों पर बना है, यही वजह है कि यहां पिघलते ग्लेशियर तबाही मचाते आए हैं.
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धराली की तबाही का पहला वीडियो बनाने वाले शख्स ने क्या बताया, श्री कंठ पर्वत से कैसे जुड़े तबाही के तार?
- Monday August 11, 2025
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: अभिषेक पारीक
धराली की तबाही का वीडियो मुखवा गांव में रहने वाले सूर्य प्रकाश ने बनाया था. एनडीटीवी की टीम उस जगह पर पहुंची, जहां से यह वीडियो बनाया गया था.
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ग्राउंड रिपोर्ट: धराली में तबाही के सात दिन, फिर से गुलजार होने में 7 साल भी पड़ेंगे कम
- Monday August 11, 2025
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: रिचा बाजपेयी
हर्षिल से धराली की ओर बढ़ते हुए भागीरथ नदी का जलप्रवाह और अजीब सी आवाज आज प्राकृतिक सौंदर्य का बोध नहीं बल्कि एक खौफ पैदा कर रही थी.
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Explainer : धराली में बादल फटा या कुछ और... तीन थ्योरी से समझिए असली वजह
- Wednesday August 6, 2025
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
Uttarakhand Cloudburst News : खीरगंगा गाड़ के रास्ते पर अगर और ऊपर बढ़ेंगे तो आप स्नोलाइन और उससे ऊपर बर्फ से आच्छादित इलाके में पहुंच जाएंगे. यहां सर्क ग्लेशियर हैं जिन्हें हैंगिंग ग्लेशियर या लटकते हुए ग्लेशियर कहा जाता है. ग्लेशियर जब पिघलते पिघलते पीछे की ओर जाते हैं तो पर्वतों की चोटियों तक सीमित रह जाते हैं.
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बादल नहीं, ग्लेशियर की झीलें फटीं! धराली में सैलाब कैसे आया, जानिए साइंटिस्ट ने क्या बताया
- Wednesday August 6, 2025
- Written by: निलेश कुमार
प्रो चुनियाल ने ये भी बताया कि हमारे पूर्वजों ने कभी ऐसे अस्थिर और जोखिमपूर्ण स्थानों पर आवास नहीं बनाए थे. लेकिन आधुनिक समय में बिना उचित भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के, इन जगहों पर अतिक्रमण हुआ है.
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हिमालयी ग्लेशियरों के पिघलने से कभी भी फट सकती हैं ये झीलें, बह जाएंगे गांव, पुल और बांध!
- Friday July 18, 2025
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: श्वेता गुप्ता
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के दौरान national Institute of Hydrology यानि NIH से कहा है कि झीलों के बारे में चार हफ्तों में एक रिपोर्ट और इन झीलों के खतरों को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है इस पर सुझाव दें.
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पूरा हिमालयी क्षेत्र खतरे में, इस साल घटनाएं बेहद हिंसक... सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
- Monday September 15, 2025
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: रिचा बाजपेयी
हिमाचल सरकार की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश के ग्लेशियर का करीब पांचवां हिस्सा पिघलकर खत्म हो चुका है, जिससे नदियों के प्रवाह और पारिस्थितिकी तंत्र पर गहरा असर पड़ा है.
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पहाड़ों को बचाने के लिए कितना जरूरी है जंगलों को सहेजा जाना
- Monday September 8, 2025
- हिमांशु जोशी
उत्तराखंड में आल वेदर रोड परियोजना का विशेषज्ञ क्यों कर रहे हैं विरोध और प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में कितने मददगार हैं जंगल बता रहे हैं हिमांशु जोशी.
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जब पहाड़ से टूटकर गिरा ग्लेशियर.. केदारनाथ में हिमस्खलन का वीडियो देखिए
- Thursday September 4, 2025
- Reported by: किशोर रावत, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
केदारनाथ मंदिर के पीछे की पहाड़ी पर ग्लेशियर टूटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिसका वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में दिख रहा है कि ग्लेशियर टूटकर नीचे गिर रहा है.
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हिमालय में 400 ग्लेशियर झीलें ला सकती हैं विनाशकारी बाढ़, केंद्रीय जल आयोग ने बताई कड़ी निगरानी की जरूरत
- Tuesday September 2, 2025
- Reported by: भाषा
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लेशियल लेक एटलस-2023 के अनुसार, भारत में स्थित 432 ग्लेशियर झीलें (681 में से) जून 2025 के महीने के दौरान जल विस्तार क्षेत्र में वृद्धि प्रदर्शित करती हैं. इसलिए इनकी गहन निगरानी की आवश्यकता है.
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केदारनाथ मंदिर के पीछे चौराबाड़ी ग्लेशियर में मिला नर कंकाल, कॉलेज आईडी से हुई पहचान
- Wednesday August 27, 2025
- Reported by: किशोर रावत, Edited by: विजय शंकर पांडेय
केदारनाथ मंदिर से 3 किमी ऊपर चौराबाड़ी झील, जिसे गांधी सरोवर भी कहा जाता है, समुद्रतल से करीब 12,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जिसे वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है.
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गंगोत्री धाम और उसके निचले इलाकों के लिए ग्लेशियर का मलबा क्यों बन रहा खतरा? NDTV की पड़ताल
- Monday August 18, 2025
- Reported by: किशोर रावत, Edited by: चंदन वत्स
उत्तराखंड में लगभग 960 से ज्यादा ग्लेशियर हैं और सभी ग्लेशियर के 4000 मीटर वाले क्षेत्रों में इस तरह का मलबा यानी मोरेन भारी मात्रा में पड़ा हुआ है. तापमान बढ़ रहा है, जहां बर्फ पड़नी चाहिए वहां भारी बारिश हो रही है, जिससे यह सारा मलबा नीचे इन इलाकों में भारी तबाही ला सकता है.
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Exclusive: धराली में सैलाब की असली वजह आई सामने, NDTV की पूरी पड़ताल
- Sunday August 17, 2025
- Reported by: किशोर रावत, रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: रिचा बाजपेयी
खीर गंगा नदी का उद्गम स्थल 4000 फिट से ज्यादा की ऊंचाई पर है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस जगह पर उस दिन यहां पर या तो बादल फटा है या फिर भारी बारिश हुई.
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ग्राउंड रिपोर्ट: हर्षिल में भी तबाही मचाएगी भागीरथी नदी? लोगों की क्यों उड़ी नींद, कैसे कृत्रिम झील बनी मुसीबत
- Thursday August 14, 2025
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: समरजीत सिंह
स्थानीय लोगों के अनुसार मलबा न हटने की वजह से भागीरथ नदी का हर्षिल के पास बहाव तेज हो गया और भागीरथी नदी का बहाव हर्षिल गांव की तरफ़ ज़्यादा मुड़ गई है.
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धराली सैलाब में समाधि लेने वाले कल्प केदार की क्या है कहानी, NDTV ने खंगाला 240 मंदिरों का रहस्य
- Wednesday August 13, 2025
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: मनोज शर्मा
NDTV ने कल्प केदार मंदिर की ऐतिहासिकता की विशेष पड़ताल की तो पता चला कि धराली में 240 मंदिरों की श्रृंखला होने के दो तरीके से पुख्ता प्रमाण मिलते हैं.
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टाइम बम पर बैठा है उत्तराखंड का उत्तरकाशी, सैलाब नहीं इस चीज से है सबसे ज्यादा खतरा
- Tuesday August 12, 2025
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Uttarkashi Time Bomb: इतिहासकारों और वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तरकाशी का लगभग पूरा इलाका कच्चे पहाड़ों पर बना है, यही वजह है कि यहां पिघलते ग्लेशियर तबाही मचाते आए हैं.
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धराली की तबाही का पहला वीडियो बनाने वाले शख्स ने क्या बताया, श्री कंठ पर्वत से कैसे जुड़े तबाही के तार?
- Monday August 11, 2025
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: अभिषेक पारीक
धराली की तबाही का वीडियो मुखवा गांव में रहने वाले सूर्य प्रकाश ने बनाया था. एनडीटीवी की टीम उस जगह पर पहुंची, जहां से यह वीडियो बनाया गया था.
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ग्राउंड रिपोर्ट: धराली में तबाही के सात दिन, फिर से गुलजार होने में 7 साल भी पड़ेंगे कम
- Monday August 11, 2025
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: रिचा बाजपेयी
हर्षिल से धराली की ओर बढ़ते हुए भागीरथ नदी का जलप्रवाह और अजीब सी आवाज आज प्राकृतिक सौंदर्य का बोध नहीं बल्कि एक खौफ पैदा कर रही थी.
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Explainer : धराली में बादल फटा या कुछ और... तीन थ्योरी से समझिए असली वजह
- Wednesday August 6, 2025
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
Uttarakhand Cloudburst News : खीरगंगा गाड़ के रास्ते पर अगर और ऊपर बढ़ेंगे तो आप स्नोलाइन और उससे ऊपर बर्फ से आच्छादित इलाके में पहुंच जाएंगे. यहां सर्क ग्लेशियर हैं जिन्हें हैंगिंग ग्लेशियर या लटकते हुए ग्लेशियर कहा जाता है. ग्लेशियर जब पिघलते पिघलते पीछे की ओर जाते हैं तो पर्वतों की चोटियों तक सीमित रह जाते हैं.
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बादल नहीं, ग्लेशियर की झीलें फटीं! धराली में सैलाब कैसे आया, जानिए साइंटिस्ट ने क्या बताया
- Wednesday August 6, 2025
- Written by: निलेश कुमार
प्रो चुनियाल ने ये भी बताया कि हमारे पूर्वजों ने कभी ऐसे अस्थिर और जोखिमपूर्ण स्थानों पर आवास नहीं बनाए थे. लेकिन आधुनिक समय में बिना उचित भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के, इन जगहों पर अतिक्रमण हुआ है.
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हिमालयी ग्लेशियरों के पिघलने से कभी भी फट सकती हैं ये झीलें, बह जाएंगे गांव, पुल और बांध!
- Friday July 18, 2025
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: श्वेता गुप्ता
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के दौरान national Institute of Hydrology यानि NIH से कहा है कि झीलों के बारे में चार हफ्तों में एक रिपोर्ट और इन झीलों के खतरों को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है इस पर सुझाव दें.
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