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This Article is From Nov 21, 2022

"कांग्रेस ने न्याय नहीं किया तो बहुत देर हो जाएगी"... गहलोत के मंत्री ने खुलकर दिया सचिन पायलट का साथ

बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी से कांग्रेस के विधायक हेमाराम चौधरी ने कहा कि राजनीतिक खिलाड़ी नहीं हूं. पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता हूं. इस बार बारिश खूब हुई है, ठंड अभी आई नहीं है. लेकिन आने वाले दिनों में मौसम में गर्मी रहेगी. वहीं, सियासी मौसम में भी बदलाव आएगा. पार्टी के हित में अच्छा यह है कि जल्द से जल्द आलाकमान ध्यान दे.

"कांग्रेस ने न्याय नहीं किया तो बहुत देर हो जाएगी"... गहलोत के मंत्री ने खुलकर दिया सचिन पायलट का साथ
राजस्थान में मतदान करीब एक साल बाद होगा, लेकिन कांग्रेस अब भी राज्य में अपने दो सबसे बड़े नेताओं के बीच फंसी हुई है
जयपुर:

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच लंबे वक्त से चल रहे वर्चस्व की लड़ाई में एक नया मोड़ आया है. दरअसर, गहलोत की कैबिनेट में एक मंत्री सचिन पायलट के समर्थन में आ गए हैं. राजस्थान के पर्यावरण और वन मंत्री हेमाराम चौधरी  (Hemaram Chaudhary) ने अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपने बॉस अशोक गहलोत की जगह सचिन पायलट को लाने की जोरदार कोशिश की है.

बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी से कांग्रेस के विधायक और कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी सचिन पायलट के पक्ष में खुलकर आ गए हैं. उनका कहना है कि अगर सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाया गया, तो आने वाले दिनों में पार्टी को बड़ा नुकसान होगा. 25 सितंबर के जयपुर घटनाक्रम पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई. ये अच्छा संदेश नहीं है. 

हेमाराम का कहना है, 'पार्टी में न्याय होना चाहिए. 25 सितंबर को हुई घटना से पूरा देश वाकिफ है. जनता, सरकार अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है. फैसला आलाकमान को लेना है, हमें नहीं लेना है और जब तक फैसला नहीं होता, तब तक अनिश्चितता का माहौल बना रहेगा.' मंत्री की मांग है कि 25 सितंबर को जो बैठक बुलाई गई थी वह आलाकमान के कहने पर हुई थी. तो अब आलाकमान इसपर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है. अगर यह न्याय दिलाने में आलाकमान पीछे रह गया तो देर हो जाएगी. 

हेमाराम चौधरी ने कहा, 'मेरी 50 साल की राजनीतिक यात्रा में ऐसी घटना कोई नहीं हुई. ये तो अब तक की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना है. अब जांच का कोई विषय नहीं है. सबकुछ सामने हैं. अब देर क्यों की जा रही है ये समझ से परे हैं. अगर हम 23 के चुनाव में जीतने की स्थिति में नहीं है तो हमें सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है.'

हेमाराम ने कहा कि राजनीतिक खिलाड़ी नहीं हूं. पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता हूं. इस बार बारिश खूब हुई है, ठंड अभी आई नहीं है. लेकिन आने वाले दिनों में मौसम में गर्मी रहेगी. वहीं, सियासी मौसम में भी बदलाव आएगा. पार्टी के हित में अच्छा यह है कि जल्द से जल्द आलाकमान ध्यान दे.

मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह सचिन पायलट ही थे, जिन्होंने राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में विपक्ष में रहते हुए पार्टी को पुनर्जीवित किया था. उनकी वजह से पार्टी सत्ता में लौट पाई. पायलट की मेहनत को देखते हुए उन्हें जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. इसमें समय का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए. हेमाराम चौधरी ने कहा, "पार्टी का हित पहले आता है और स्वयं का हित बाद में, तभी पार्टी चलेगी. पार्टी का कार्यकर्ता वह है जो पहले पार्टी का काम देखता है."

बता दें कि सचिन पायलट ने हाल ही में इस विषय को उठाया था. उन्होंने पार्टी आलाकमान से बागियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया था. प्रभावी रूप से टीम गहलोत की ओर इशारा करते हुए पायलट ने कहा था कि अब राजस्थान में अनिर्णय के माहौल को समाप्त करने का समय आ गया है.

राजस्थान में मतदान करीब एक साल बाद होगा, लेकिन कांग्रेस अब भी राज्य में अपने दो सबसे बड़े नेताओं के बीच फंसी हुई है. 2019 में राजस्थान में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से ही सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने 2020 में विद्रोह भी किया, दिल्ली में डेरा डाले और अंत में गांधी परिवार के कहने पर वापस लौट आए.

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