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World Heart Day: छुपे हुए हार्ट रिस्क से सावधान, आज ही कराएं ये जरूरी टेस्ट, जानें इस साल की थीम और इससे जुड़ा इतिहास

World Heart Day 2025: वर्ल्ड हार्ट डे 29 सितंबर को मनाया जाएगा. हर साल इस तारीख को ये दिन मनाया जाता है जिसमें दुनिया भर की कम्युनिटी, हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और सरकारें मिलकर कार्डियोवस्कुलर वेल बीइंग को बढ़ावा देती हैं.

World Heart Day: छुपे हुए हार्ट रिस्क से सावधान, आज ही कराएं ये जरूरी टेस्ट, जानें इस साल की थीम और इससे जुड़ा इतिहास
जानें World Heart Day पर क्या है इस साल की थीम और इससे जुड़ा इतिहास.

World Heart Day 2025: वर्ल्ड हार्ट डे हर साल 29 सितंबर को मनाया जाने वाला एक ग्लोबल हेल्थ अवेयरनेस कैंपेन है, जिसका मकसद लोगों को कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ का महत्व समझाना है. इसे हर साल वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन आयोजित करती है ताकि लोगों को हार्ट डिजीज से बचाव के तरीकों के बारे में बताया जा सके. हार्ट डिजीज दुनियाभर में समय से पहले मौत का सबसे बड़ा कारण है.

वर्ल्ड हार्ट डे 2025 कब होता है?

वर्ल्ड हार्ट डे 2025, 29 सितंबर को मनाया जाएगा. हर साल इस तारीख को ये दिन मनाया जाता है जिसमें दुनिया भर की कम्युनिटी, हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और सरकारें मिलकर कार्डियोवस्कुलर वेल बीइंग को बढ़ावा देती हैं.

वर्ल्ड हार्ट डे 2025 की थीम (Theme of World Heart Day 2025)

वर्ल्ड हार्ट डे 2025 की ऑफिशियल थीम है – "डोंट मिस अ बीट"("Don't Miss a Beat"). यह पावरफुल मैसेज हमें दिल की सेहत पर लगातार ध्यान देने की अहमियत को समझाता है. यह लोगों को बताता है, किसी भी चेतावनी संकेत को नजरअंदाज न करें, नियमित जांच करवाएं, स्वस्थ आदतें अपनाएं और समय पर इलाज कराएं, ताकि हार्ट डिजीज की वजह से समय से पहले होने वाली मौतों को रोका जा सके.

वर्ल्ड हार्ट डे का इतिहास (History of World Heart Day)

वर्ल्ड हार्ट डे की शुरुआत 1999 में वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के सहयोग से की गई थी, ताकि दुनियाभर में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के बढ़ते आंकड़ों को कम किया जा सके. समय के साथ यह दुनियाभर में मनाया जाने लगा, जिसमें सरकारें, स्वास्थ्य संस्थाएं और समुदाय मिलकर लोगों में जागरूकता फैलाते हैं और हार्ट डिजीज से बचाव के लिए शुरुआती रोकथाम को बढ़ावा देते हैं.

वर्ल्ड हार्ट डे क्यों जरूरी है?

वर्ल्ड हार्ट डे दुनिया भर में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के बारे में जागरूकता बढ़ाता है. यह हमें कुछ जरूरी बातों पर फोकस करने के लिए प्रेरित करता है, जैसे:

  • लोगों को कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और उसके रिस्क फैक्टर के बारे में जानकारी देना.
  • बैलेंस डाइट, फिजिकल एक्टिविटी और तंबाकू छोड़ने जैसी हेल्दी आदतों को बढ़ावा देना.
  • रोकथाम और इलाज को बेहतर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का इस्तेमाल करना
  • सरकारों और संस्थाओं को बेहतर हार्ट हेल्थ पॉलिसी बनाने के लिए प्रेरित करना.

हार्ट डिजीज का ग्लोबल इम्पैक्ट

  • वर्ल्ड हार्ट डे हमें यह याद दिलाता है कि हार्ट की सेहत सबसे जरूरी है और हमें इससे जुड़े खतरे को कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए.
  • कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (CVD) दुनियाभर में मौत का सबसे बड़ा कारण है. हर 3 में से 1 मौत की वजह यही है.
  • हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के लगभग 80% मामले लाइफस्टाइल में बदलाव और समय पर इलाज से रोके जा सकते हैं.

भारत में बढ़ते मामले

भारत में वर्ल्ड हार्ट डे जैसी मुहिम बहुत जरूरी हैं, क्योंकि यह युवाओं सहित सभी को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रेरित (मोटिवेट) करती हैं.

भारत में हार्ट डिजीज बढ़ने के खास कारण हैं:

  • अनहेल्दी और प्रोसेस्ड (पैक्ड) फूड का ज्यादा सेवन
  • बैठे-बैठे काम करना और फिजिकल एक्टिविटी की कमी
  • ज्यादा तनाव और खराब वर्क-लाइफ बैलेंस
  • मोटापा, डायबिटीज और हाइपरटेंशन
  • समय पर हेल्थ चेकअप न कराना

खराब हार्ट हेल्थ के संकेत

हार्ट डिजीज से बचने के लिए शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है.

इसके सामान्य संकेत में शामिल हैं:

  • सीने में दर्द या बेचैनी
  • सांस लेने में तकलीफ
  • बिना कारण थकान और कमजोरी
  • तेज या अनियमित धड़कन

सीने में दर्द या बेचैनी

यह हार्ट प्रॉब्लम का सबसे आम संकेत है. मरीज को हल्के दबाव से लेकर तेज दर्द तक हो सकता है. यह अक्सर ब्लड फ्लो में रुकावट का संकेत देता है. इसमें शामिल हो सकते हैं:

  • सीने में भारीपन, दबाव या कसाव महसूस होना.
  • हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ तक दर्द फैलना.
  • फिजिकल एक्टिविटी करने पर दर्द बढ़ना.

सांस लेने में तकलीफ

अगर सामान्य काम करते समय या आराम करते हुए सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो यह हार्ट प्रॉब्लम का संकेत हो सकता है.

  • हल्की मेहनत के बाद या आराम करते समय सांस फूलना
  • सीधे लेटने पर घुटन जैसा महसूस होना
  • अचानक रात में सांस लेने में तकलीफ होना

बिना वजह थकान और कमजोरी

  • लगातार थकान महसूस होना बताता है कि हार्ट ठीक से ब्लड पंप नहीं कर पा रहा है.
  • पर्याप्त आराम के बाद भी थकान महसूस होना.
  • रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत.
  • हल्की मेहनत पर भी कमजोरी बढ़ना.

तेज या अनियमित धड़कन

  • दिल की धड़कन का असामान्य होना (अरिदमिया) ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट डाल सकता है और हार्ट डिजीज का संकेत हो सकता है.
  • सीने में फड़फड़ाहट या धड़कन जोर से महसूस होना.
  • दिल की धड़कन का बहुत तेज या अनियमित होना.
  • अनियमित धड़कन के कारण चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना.

जरूरी हार्ट हेल्थ टेस्ट, जो हर किसी को कराने चाहिए

दिल की नियमित जांच बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे हार्ट से जुड़ी बीमारियों का समय रहते पता चल सकता है और उन्हें रोका जा सकता है. हार्ट के कुछ जरूरी टेस्ट हैं:

  • ईसीजी (Electrocardiogram)
  • 2D इको (Echocardiogram)
  • लिपिड प्रोफाइल टेस्ट
  • टीएमटी (Treadmill Test)
  • ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग
  • ब्लड शुगर टेस्ट

ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम)

ECG हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी (electrical activity) को रिकॉर्ड करता है और धड़कन में गड़बड़ी का पता लगाता है.

  • अरिदमिया (अनियमित धड़कन) और असामान्य हार्टबीट पहचानता है.
  • पहले हो चुके या मौजूदा हार्ट अटैक के संकेतों का पता लगाता है.
  • रेगुलर चेकअप में हार्ट हेल्थ को मॉनिटर करता है.

2D इको (इकोकार्डियोग्राम)

यह टेस्ट अल्ट्रासाउंड से हार्ट की इमेज बनाता है और उसके स्ट्रक्चर व फंक्शन को दिखाता है.

  • हार्ट के वाल्व और चैम्बर्स की जांच करता है.
  • हार्ट की पंपिंग कैपेसिटी को मापता है.
  • हार्ट के स्ट्रक्चर में गड़बड़ी या उसमें तरल (फ्लूड) जमा होने की समस्या का पता लगाता है.

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट

यह ब्लड टेस्ट कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को मापता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा पता चलता है.

  • LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) और HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) का स्तर बताता है.
  • आर्टरी ब्लॉकेज (एथेरोस्क्लेरोसिस) के रिस्क का पता लगाने में मदद करता है.
  • डाइट और इलाज तय करने में मदद करता है.

TMT (ट्रेडमिल टेस्ट)

इस टेस्ट से पता करते हैं कि फिजिकल एक्टिविटी के दौरान दिल कैसे काम करता है. यह टेस्ट आमतौर पर ट्रेडमिल पर चलते हुए किया जाता है.

  • एक्सरसाइज के दौरान हार्ट तक ब्लड फ्लो कैसा है, यह जांचता है.
  • कोरोनरी आर्टरी डिजीज या ब्लॉकेज का पता लगाता है.
  • एक्सरसाइज करने की क्षमता और हार्ट फिटनेस मापने में मदद करता है.

ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और ब्लड शुगर टेस्ट

ब्लड प्रेशर चेक करना जरूरी होता है क्योंकि हाइपरटेंशन हार्ट डिजीज का बड़ा कारण है. ब्लड शुगर टेस्ट डायबिटीज या प्रीडायबिटीज का पता लगाता है, जो हार्ट डिजीज से जुड़ा है.

  • ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने से स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है.
  • ब्लड शुगर टेस्ट से डायबिटीज के कारण होने वाले हार्ट रिस्क का पता चलता है.
  • दोनों टेस्ट लाइफस्टाइल में बदलाव या दवाइयों से हो रहे इलाज के असर को जांचते हैं.

लाइफस्टाइल का हार्ट हेल्थ पर असर

हमारी रोजमर्रा की आदतें सीधे तौर पर कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ पर असर डालती हैं. कुछ साधारण बदलावों से हम हार्ट डिजीज के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं:

  • डाइट
  • एक्टिविटी
  • रूटीन

हेल्दी हार्ट के लिए डाइट और न्यूट्रीशन

संतुलित डाइट कोलेस्ट्रॉल कम करने, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने और दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है.

  • ज्यादा से ज्यादा फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं.
  • प्रोसेस्ड फूड, शुगर और अनहेल्दी फैट को कम करें.
  • नट्स, सीड और मछली जैसे हेल्दी फैट लें.

रेगुलर एक्सरसाइज का महत्व

फिजिकल एक्टिविटी दिल को मजबूत बनाती है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करती है.

  • रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें.
  • पैदल चलना, साइकिल चलाना या स्विमिंग जैसी एक्टिविटी फायदेमंद होती हैं.
  • वजन, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करती है.

तनाव और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना

लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव (क्रोनिक स्ट्रेस) दिल पर दबाव बढ़ाता है और पूरे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है.

  • योग और मेडिटेशन जैसी रिलैक्सेशन तकनीकों की प्रैक्टिस करें.
  • पर्याप्त नींद और आराम करें.
  • जब तनाव ज्यादा लगे तो प्रोफेशनल की मदद लें.

धूम्रपान छोड़ें और शराब कम करें

  • तंबाकू और ज्यादा शराब दोनों ही दिल के लिए खतरनाक हैं.
  • धूम्रपान (स्मोकिंग) छोड़ने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी कम होता है.
  • शराब का सेवन सीमित मात्रा में करें.
  • दोनों आदतें छोड़ने से दिल की सेहत बेहतर होती है.

हार्ट डिजीज की रोकथाम में रेगुलर चेकअप की अहमियत

दिल को स्वस्थ रखने के लिए रोकथाम (प्रिवेंटिव केयर) सबसे अहम है. यही वजह है कि रेगुलर चेकअप कराना जरूरी माना जाता है:

  • हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या डायबिटीज जैसी समस्याओं का समय रहते पता चल जाता है.
  • ईसीजी, इको या स्ट्रेस टेस्ट से हार्ट फंक्शन को मॉनिटर कर सकते हैं.
  • चल रहे इलाज या लाइफस्टाइल में किए गए बदलावों के असर को ट्रैक किया जा सकता है,
  • दिल की बीमारियों का खतरा कम करने के लिए पर्सनलाइज्ड एडवाइज मिलती है.

सालाना हार्ट स्क्रीनिंग

हर साल हार्ट की जांच कराने से बिना लक्षणों वाले लोगों में भी छुपे हुए खतरों का पता चल सकता है.

  • इसमें ईसीजी, लिपिड प्रोफाइल, ब्लड प्रेशर जैसी जांचें शामिल हो सकती हैं. डॉक्टर मरीज की उम्र और रिस्क प्रोफाइल के मुताबिक दूसरे टेस्ट कराने की भी सलाह दे सकते हैं.
  • हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल के शुरुआती संकेतों का पता चलता है.
  • हार्ट हेल्थ बनाए रखने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करने में मदद मिलती है.

ज्यादा रिस्क वाले लोगों के लिए प्रिवेंटिव चेकअप

जिन लोगों के परिवार में हार्ट डिजीज, डायबिटीज, मोटापा या स्मोकिंग की हिस्ट्री रही है, उन्हें ज्यादा बार जांच करानी चाहिए.

  • संवेदनशील लोगों में रिस्क फैक्टर मॉनिटर करने में मदद करता है.
  • समय रहते इलाज शुरू करने का मौका देता है.
  • डाइट, एक्सरसाइज और दवाओं को लेकर व्यक्तिगत सुझाव देता है.

वर्ल्ड हार्ट डे 2025 में कैसे शामिल हों

वर्ल्ड हार्ट डे 2025 अपने दिल की सेहत का ध्यान रखने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने का मौका है. इसमें शामिल होने के कुछ तरीके हैं:

  • दिल की जांच कराएं.
  • जागरूकता कार्यक्रमों में हिस्सा लें.
  • लोगों में जागरूकता फैलाएं.

हार्ट हेल्थ चेकअप बुक करें

समय पर जांच कराने से बीमारी जल्दी पकड़ में आती हैं और इलाज समय पर हो सकता है.

  • ईसीजी, लिपिड प्रोफाइल और ब्लड प्रेशर जैसे टेस्ट करवाएं.
  • डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह लें.
  • रिजल्ट के आधार पर रोकथाम के कदम उठाएं.

जागरूकता कार्यक्रम या वॉकाथॉन में भाग लें

कम्युनिटी इवेंट्स लोगों में स्वस्थ आदतें अपनाने और जागरूकता फैलाने का अच्छा तरीका हैं.

  • लोकल वॉक, मैराथन या फिटनेस ड्राइव में शामिल हों.
  • सेमिनार या स्वास्थ्य वार्ता (health talks) में भाग लें.
  • परिवार और दोस्तों को भी मोटिवेट करें.

सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाएं

  • डिजिटल प्लेटफॉर्म दिल की सेहत से जुड़ी जानकारी और मैसेज शेयर करने के लिए बहुत अच्छा माध्यम हैं.
  • वर्ल्ड हार्ट डे और कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ से जुड़ी जानकारियां और टिप्स पोस्ट करें.
  • इस साल की थीम और वर्ल्ड हार्ट डे की पिछली थीमों के महत्व पर चर्चा करें.

Gurudev Sri Sri Ravi Shankar on NDTV: Stress, Anxiety, से लेकर Relationship, Spirituality तक हर बात 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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