Health Signs on Tongue: हम अक्सर थकावट, दर्द या कमजोरी को मामूली समझ लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका शरीर हर रोज खामोशी से संकेत भेजता है कि कुछ ठीक नहीं है? आपका जीभ का रंग, नाखूनों की बनावट, पैरों की सूजन या फिर त्वचा की बनावट, सभी आपको अंदरूनी स्वास्थ्य की हकीकत बताते हैं. सबसे बड़ी बात ये संकेत अक्सर बीमारी से महीनों पहले हमें चेतावनी दे देते हैं अगर हम उन्हें पहचान पाएं.
ज्यादतर लोग दूसरी बातों पर ध्यान देते हैं, जैसे रिपोर्ट या ब्लड-टेस्ट. लेकिन, वास्तव में आपका शरीर पहले ही संकेत दे चुका होता है. अगर आप सही ढंग से इन संकेतों को पढ़ना सीख लें, तो बड़ी बीमारियों को रोका जा सकता है. यहां हम उन्हीं संकेतों को आसान भाषा में समझेंगे ताकि आप बिना महंगी जांच के अपनी सेहत सुधार सकें.
शरीर में बीमारी शुरू होने के संकेत कैसे पहचानें? | How to Recognize the Signs of illness Starting in the Body?
1. जीभ
आपकी जीभ सिर्फ स्वाद और बोलने के लिए नहीं है. इसका रंग, बनावट और कोटिंग (परत) आपके शरीर की स्थिति को बताता है. आम तौर पर हल्का गुलाबी रंग हेल्दी जीभ का होता है. जीभ की संरचनात्मक और कार्यात्मक असामान्यताएं पर किए गए शोध में 1130 से ज्यादा जीभ की संरचनाओं और टुकड़ों (कोटिंग आदि) का अध्ययन किया गया है, जो जीभ की स्थिति को स्वास्थ्य से संबंधित पाया गया.
जीभ का रंग बदलना क्या कहता है?
पीला कोटिंग: पाचन या लिवर की समस्या
उजला-सफेद कोटिंग: ज्यादा संक्रमण या फंगल समस्या
गहरे लाल रंग: विटामिन की कमी
नीले-बैंगनी रंग के संकेत: खून में ऑक्सीजन की कमी या ब्लड सर्कुलेशन की समस्या.
यह सच है कि वैज्ञानिक शोध में यह पाया गया है कि जीभ की तस्वीरें देखकर डायबिटीज और एनीमिया जैसी स्थितियों की पहचान 95% तक सटीक हो सकती है. अगर जीभ पर कोटिंग लगातार 3-4 हफ्ते तक बनी रहे या उसमें घाव दिखें, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
2. नाखून
आपके नाखून सिर्फ सुंदरता के लिए नहीं होते, वे आपकी हेल्थ का बड़ा संकेतक भी हैं. कुछ आसान-से संकेत हैं:
- मोटे या फटी हुई नाखून: न्यूट्रिशन की कमी.
- सफेद धब्बे या धूसर रंग: फंगस-इन्फेक्शन
- नाखून का रंग बदलना: हो सकता है हार्मोनल इंबैलेंस या विटामिन की कमी
अगर आप अपने नाखूनों को ध्यान से देखें, तो आप काफी पहले खुद का स्वास्थ्य बेहतर कर सकते हैं बिना टेस्ट के पहले ही.
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3. पैरों की सूजन और दर्द
कभी पैरों का सूजना, सुन्न होना या भारी-भारी महसूस होना असहज नहीं लगता, लेकिन ये हार्ट, किडनी या डायबिटिक न्यूरोपैथी जैसे जोखिमों का संकेत हो सकता है.
4. रोजाना छोटे-छोटे बदलाव, बड़े खतरे से पहले चेतावनी
थकान और कमजोरी, बार-बार सर्दी-जलन, पाचन संबंधी परेशानी, बार-बार खुजली या सूखा त्वचा, ये सभी छोटे संकेत हैं, जिन्हें आप अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन इन्हें समय रहते समझ लेना ही हेल्दी जीवन का राज है.
क्या करें जब शरीर संकेत दे?
- हर खास बदलाव को नज़रअंदाज न करें.
- अपने डेली ऑब्जर्वेशन को नोट करें.
- 3-4 हफ्तों में बदलाव स्थिर न हो, तो हेल्थ चेकअप कराएं.
शरीर बड़ी बीमारी से पहले कई महीनों या हफ्तों तक संकेत भेजता है, अगर आप इन संकेतों को पढ़ पाएं तो आप बीमारी को पहले ही रोक सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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