Pancreatic Cancer Symptoms: ब्रिटेन के टुनब्रिज वेल्स में रहने वाली 58 साल की एनी डी'एथ एक सामान्य, स्वस्थ जिंदगी जी रही थीं. जनवरी में एक दिन उन्होंने महसूस किया कि उन्हें भूख ही नहीं लग रही है. न वजन घटाने की कोशिश, न कोई डाइट...बस अचानक appetite loss. एनी ने इसे तनाव का असर मानकर नजरअंदाज कर दिया, जैसा हम में से कई लोग करते हैं, लेकिन जब हफ्तों तक हालात नहीं बदले, तो उनकी बेटी ने डॉक्टर को दिखाने के लिए जोर दिया. यही फैसला उनकी जिंदगी का सबसे अहम मोड़ साबित हुआ.
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अल्ट्रासाउंड में सामने आई डरावनी सच्चाई (sudden loss of appetite cancer diagnosis)
फरवरी में डॉक्टर ने एनी को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी. रिपोर्ट में जो सामने आया, उसने सबको हिला दिया. एनी के अग्नाशय यानी पैनक्रियाज (Pancreas) में एक गांठ पाई गई. आगे की जांच में यह साफ हुआ कि यह पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic Cancer) है...एक ऐसा कैंसर जो अक्सर देर से पकड़ में आता है. एनी के मुताबिक, 'मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी दुनिया खत्म हो गई हो. मैं पूरी जिंदगी स्वस्थ रही, कभी बीमारी की वजह से छुट्टी तक नहीं ली.'

कीमोथेरेपी का दर्दनाक दौर (Painful Chemotherapy Journey)
मार्च में कई स्कैन और एंडोस्कोपी के बाद डॉक्टरों ने तुरंत कीमोथेरेपी शुरू कर दी. इलाज के लिए उनकी छाती में पोर्ट-ए-कैथ लगाया गया, जिससे दवाएं दी जाती थीं. हर दूसरे हफ्ते पूरे दिन अस्पताल में रहना पड़ता था. एनी बताती हैं कि यह दौर शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से बेहद कठिन था. डॉक्टरों ने साफ कहा कि इस तरह के कैंसर में सर्जरी ही इलाज का एकमात्र मौका होती है, वरना बीमारी को सिर्फ कंट्रोल में रखा जा सकता है.
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ब्रिटेन में सर्जरी से इनकार, विदेश से जगी उम्मीद (pancreatic tumor warning signs)
ट्यूमर की जटिल स्थिति को देखते हुए ब्रिटेन के डॉक्टरों ने सर्जरी को बेहद जोखिम भरा मानते हुए विकल्प से बाहर कर दिया. यह खबर एनी और उनके परिवार के लिए किसी झटके से कम नहीं थी, लेकिन उम्मीद पूरी तरह खत्म नहीं हुई. लिस्बन के बॉटन-चैंपलीमाउड पैंक्रियाटिक कैंसर सेंटर में मशहूर सर्जन प्रोफेसर मार्कस बुचलर से परामर्श के बाद एक नई राह खुली. वीडियो कॉल पर डॉक्टर ने पुष्टि की कि सही स्तर तक कीमोथेरेपी के बाद ऑपरेशन संभव है.

महंगी सर्जरी ही अब आखिरी रास्ता (expensive cancer surgery abroad)
डॉक्टरों के मुताबिक, ट्यूमर मार्कर एक निश्चित स्तर तक कम होते ही एनी को तुरंत लिस्बन ले जाकर सर्जरी करनी होगी. समस्या ये है कि इस पूरे इलाज का खर्च बेहद ज्यादा है. एनी जिस स्कूल में 15 साल से शिक्षण सहायक के तौर पर काम कर रही हैं, वहां उनके सहकर्मियों ने फंडरेजिंग अभियान शुरू किया है. इलाज, सर्जरी और यात्रा खर्च के लिए 25,000 पाउंड जुटाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक 17,500 पाउंड जमा हो चुके हैं.
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अचानक भूख खत्म होना (pancreatic cancer real life story)
यह कहानी सिर्फ एक महिला की नहीं है, बल्कि उन हजारों लोगों की है जो appetite loss, थकान या हल्के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं. पैंक्रियाटिक कैंसर जैसे रोगों में शुरुआती संकेत ही जीवन रक्षक साबित हो सकते हैं. एनी डी'एथ की कहानी हमें सिखाती है कि शरीर के छोटे बदलाव भी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते हैं. समय पर जांच, सही जानकारी और उम्मीद...यही तीन चीजें किसी की भी जिंदगी बचा सकती हैं. भूख न लगना मामूली लग सकता है, लेकिन कभी-कभी यही जिंदगी और मौत के बीच का फर्क बन जाता है.
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