विज्ञापन
This Article is From Apr 26, 2024

डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकते हैं ये फूड्स, जानिए किन चीजों से बना लेनी चाहिए दूरी- एक्सपर्ट से जानें

एक्सपर्ट का कहना है कि आइसक्रीम, कुकीज, दही और मेयोनेज में स्वाद बढ़ा देने वाले जैंथम गम और ग्वार गम जैसे इमल्सीफायर डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकते हैं.

डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकते हैं ये फूड्स, जानिए किन चीजों से बना लेनी चाहिए दूरी- एक्सपर्ट से जानें

एक्सपर्ट का कहना है कि आइसक्रीम, कुकीज, दही और मेयोनेज में स्वाद बढ़ा देने वाले जैंथम गम और ग्वार गम जैसे इमल्सीफायर डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकते हैं.

लंबे समय से सीमित स्तर पर सुरक्षित माने जाने वाले ये फूड एडिटिव अब ब्रेस्ट और प्रोस्टेट के कैंसर जैसे कई हेल्थ मुद्दों के लिए खतरनाक कारक के रूप में उभर रहे हैं.

'द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी' जर्नल में छपे 14 साल लंबे फ्रांसीसी स्टजी से पता चला है कि आमतौर पर इमल्सीफायर टाइप 2 डायबिटीज के बढ़ने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

स्टडी के अनुसार डायबिटीज के खतरे को बढ़ाने वाले इमल्सीफायर में कैरेजेनन (प्रति दिन 100 मिलीग्राम की वृद्धि पर 3 प्रतिशत जोखिम), ट्रिपोटेशियम फॉस्फेट (प्रति दिन 500 मिलीग्राम की वृद्धि पर 15 प्रतिशत जोखिम) शामिल हैं. साथ ही फैटी एसिड के मोनो और डाइएसिटाइल टार्टरिक एसिड एस्टर (प्रति दिन 100 मिलीग्राम पर 4 प्रतिशत जोखिम), सोडियम साइट्रेट (प्रति दिन 500 मिलीग्राम की वृद्धि पर 4 प्रतिशत बढ़ा हुआ जोखिम), ग्वार गम (500 मिलीग्राम की वृद्धि पर 11 प्रतिशत जोखिम), अरबी गम (प्रति दिन 1,000 मिलीग्राम पर 3 प्रतिशत जोखिम) और ज़ैंथन गम (प्रति दिन 500 मिलीग्राम पर 8 प्रतिशत जोखिम) शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: मिजोरम में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का कहर, लगा हाईअलर्ट अब तक 174 सुअरों की हुई मौत

एक्सपर्ट के अनुसार ये फूड एडिटिव आंत के माइक्रोबायोटा को बदल देते हैं, जिससे सूजन होती है और डायबिटीज हो जाती है.

सर गंगा राम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार एम वली ने आईएएनएस को बताया, ''स्टडी बताती हैं कि इन इमल्सीफायरों के लंबे समय तक यूज से आंत के माइक्रोबायोटा में गड़बड़ी जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. जब ऐसा होता है तो इंसुलिन रेसिस्टेंस में वृद्धि होती है.''

सीके बिड़ला अस्पताल गुरुग्राम के कंसल्टेंट्स इंटरनल मेडिसिन तुषार तायल ने कहा, ''इमल्सीफायर्स को आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है और कुछ इमल्सीफायर्स जैसे जैंथम गम को कुछ परीक्षण विषयों में कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ फास्टिंग और पोस्ट-मील ब्लड शुगर को कम करने के लिए भी पाया गया.''

उन्‍होंने कहा, ''हालांकि,डायबिटीज और अन्य बीमारियों के साथ उनका संबंध आंत माइक्रोफ्लोरा में बदलाव के कारण होता है, यह ध्यान में रखते हुए कि बीमारी से बचने का सबसे सरल तरीका पैकेज्ड फूड आइटम्ल के सेवन से बचना है.''

इमल्सीफायर फूड एडिटिव हैं जो दो पदार्थों को मिलाने में मदद करते हैं जो आम तौर पर संयुक्त होने पर अलग हो जाते हैं. इनका उपयोग फूड मेकर्स द्वारा बनावट को बढ़ाने और अलग-अलग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड आइटम्स में लंबे समय तक शेल्फ-लाइफ देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा के कंसल्टेंट डायबेटोलॉजी एंड एंडोक्राइनोलॉजी राकेश कुमार प्रसाद ने आईएएनएस को बताया, ''इमल्सीफायर सीधे आंतों के माइक्रोबायोटा की संरचना और कार्य को नियंत्रित कर सकते हैं, जिससे माइक्रोबायोटा अतिक्रमण और आंतों की सूजन हो सकती है, जिससे चयापचय संबंधी विकार बढ़ सकते हैं और उच्च रक्तचाप, मोटापा, डायबिटीज और अन्य कार्डियोमेटाबोलिक विकारों जैसी कई बीमारियों का भी खतरा हो सकता है."

नवीनतम अध्ययन दुनिया भर और भारत में उच्च डायबिटीज दर के बीच आया है. आईसीएमआर के आंकड़ों के अनुसार, भारत में डायबिटीज का कुल प्रसार 11.4 प्रतिशत होने का अनुमान है, जबकि प्रीडायबिटीज 15.3 प्रतिशत है.

डॉक्टरों ने कहा कि जो लोग नियमित रूप से प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, या ऐसे फूड आइटम्स जिनमें इमल्सीफायर के रूप में एडिटिव होते हैं, उन्हें जोखिम ज्‍यादा होता है.

Arvind Kejriwal के Tihar में आम खाने का विवाद, जानिए क्या Mango बढ़ाता है Sugar | Sawaal India Ka
 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com