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40 के बाद पेट की दिक्कतें करती हैं परेशान, पेट फूलने से लेकर एसिडिटी तक, जानें गट प्रोब्लम्स को कैसे मात दें

Bloating Remedies For Adults: 40 की उम्र के बाद शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा असर गट हेल्थ यानी पाचन तंत्र पर पड़ता है. अगर गट ठीक से काम न करे तो पेट फूलना, एसिडिटी, कब्ज या कभी-कभी गंभीर GI (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) डिसऑर्डर भी हो सकते हैं.

40 के बाद पेट की दिक्कतें करती हैं परेशान, पेट फूलने से लेकर एसिडिटी तक, जानें गट प्रोब्लम्स को कैसे मात दें
उम्र के साथ पाचन एंजाइम्स की मात्रा कम हो जाती है.

Digestive Issues Over 40: 40 की उम्र के बाद शरीर के कई अंगों में बदलाव शुरू हो जाते हैं और पाचन तंत्र यानी गट हेल्थ पर इसका खास असर दिखता है. इस दौर में पेट फूलना, गैस, कब्ज, एसिडिटी जैसी दिक्कतें आम हो जाती हैं, जो कभी-कभी गंभीर GI डिसऑर्डर्स में बदल सकती हैं. सही समय पर इन संकेतों को पहचानना और इनका समाधान अपनाना जरूरी है ताकि शरीर की संपूर्ण सेहत बनी रहे. इस लेख में हम समझेंगे कि 40 के बाद गट हेल्थ से जुड़ी चुनौतियां क्या हैं, कौन-से नए डिसऑर्डर्स उभर सकते हैं और किन आसान उपायों से आप अपने पाचन तंत्र को हेल्दी बनाए रख सकते हैं.

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40 के बाद क्यों बढ़ती हैं गट से जुड़ी समस्याएं?

एंजाइम्स की कमी: उम्र के साथ पाचन एंजाइम्स की मात्रा कम हो जाती है जिससे खाना अच्छी तरह से नहीं पचता.

हॉर्मोनल बदलाव: यह बदलाव आंतों की गतिविधि को प्रभावित कर सकते हैं.

फाइबर और पानी की कमी: कई लोग इस उम्र में कम फाइबर वाला खाना खाते हैं और पानी कम पीते हैं, जिससे कब्ज हो सकती है.

दवाओं का सेवन: ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और अन्य बीमारियों की दवाएं गट पर असर डाल सकती हैं.

GI डिसऑर्डर्स जो 40 के बाद आम हो जाते हैं

  • IBS (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम)
  • GERD (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिज़ीज)
  • पेट में गैस, फुलाव, और मरोड़
  • आंतों में इंफेक्शन या सूजन

इन समस्याओं की पहचान समय रहते करना जरूरी है ताकि गंभीर बीमारी का रूप न ले.

गट हेल्थ को बेहतर बनाने के उपाय (Ways To Improve Gut Health)

1. फाइबर युक्त भोजन लें: साबुत अनाज, फल, सब्जियां और बीन्स को डाइट में शामिल करें.
2. पानी भरपूर मात्रा में पिएं: रोज 8–10 गिलास पानी पीना पाचन को दुरुस्त रखता है.
3. तनाव कम करें: योग और मेडिटेशन से मानसिक तनाव कम होता है, जो गट हेल्थ से सीधा जुड़ा है.
4. प्रोबायोटिक्स अपनाएं: दही, छाछ, या प्रोबायोटिक सप्लीमेंट आंतों के लिए फायदेमंद होते हैं.
5. फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है: रोजाना 30 मिनट टहलना या हल्की एक्सरसाइज करना पाचन सुधारता है.

40 की उम्र के बाद गट हेल्थ पर ध्यान देना सिर्फ पेट की समस्या से बचाव नहीं, बल्कि पूरे शरीर की सेहत बनाए रखने की चाबी है. सही खानपान, एक्टिव लाइफस्टाइल और मानसिक शांति अपनाकर आप गट प्रोब्लम्स को मात दे सकते हैं और उम्र के साथ भी हेल्दी रह सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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