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कौन सा तेल 200 डिग्री सेल्सियस पर जहर में बदल जाता है! कड़ाही का तेल यूं बन रहा सेहत का दुश्मन, जानिए

Best Cooking Oils: कई रिसर्च में पाया गया है कि कुछ तेल 200 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचते ही टूटने लगते हैं और ऐसे कम्पाउंड बनाते हैं जो हार्ट डिजीज, सूजन, मोटापा, यहां तक कि कैंसर तक का खतरा बढ़ा सकते हैं.

कौन सा तेल 200 डिग्री सेल्सियस पर जहर में बदल जाता है! कड़ाही का तेल यूं बन रहा सेहत का दुश्मन, जानिए
कौन सा तेल खाना पकाने के लिए सबसे अच्छा है?

Healthiest Cooking Oils: आजकल ज्यादातर लोग घर में तली हुई चीजें बनाते समय सिर्फ स्वाद का ध्यान रखते हैं, लेकिन एक अहम बात को नजरअंदाज कर देते हैं. तेल किस तापमान पर जहरीले यौगिक (toxins) बनाने लगता है. कड़ाही में बार-बार गर्म होने वाला या बहुत ज्यादा तापमान तक पहुंचने वाला तेल आपकी सेहत के लिए उतना ही नुकसानदेह है जितना बाहर का जंक फूड. कई रिसर्च में पाया गया है कि कुछ तेल 200 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचते ही टूटने लगते हैं और ऐसे कम्पाउंड बनाते हैं जो हार्ट डिजीज, सूजन, मोटापा, यहां तक कि कैंसर तक का खतरा बढ़ा सकते हैं.

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स्मोक पॉइंट क्या होता है और क्यों जरूरी है? | What Is a Smoke Point and Why Is it Important?

हर तेल का एक स्मोक पॉइंट होता है, वह तापमान जिस पर तेल से धुआं निकलना शुरू होता है और उसके पोषक तत्व टूटने लगते हैं. यही टूटे हुए कम्पाउंड शरीर में जाकर फ्री रैडिकल्स बनाते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए अगर आप रोजमर्रा में खाना बनाने के लिए गलत तेल चुनते हैं या उसे जरूरत से ज्यादा गर्म कर देते हैं, तो वही तेल आपकी सेहत का दुश्मन बन जाता है.

कौन सा तेल 200 डिग्री के आसपास पहुंचते ही जहर में बदल जाता है?

सनफ्लावर ऑयल (Sunflower Oil) - 200 डिग्री के बाद सबसे ज्यादा खतरनाक

हाल के शोधों में पाया गया है कि सनफ्लावर ऑयल, जो घरों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. 200 डिग्री सेल्सिस के आसपास पहुंचते ही तेजी से टूटने लगता है. इसकी वजह है इसमें मौजूद PUFA (Polyunsaturated Fats) की ज्यादा मात्रा. हाई टेंपरेचर पर PUFA ऑक्सीडाइज होकर ये खतरनाक केमिकल बनाते हैं:

  • Aldehydes - दिल की बीमारी का खतरा.
  • Trans fats - ब्लड प्रेशर बढ़ाते हैं.
  • Free radicals - कोशिकाओं को नुकसान, कैंसर का जोखिम.

यानी तलने-छोलने में जब कड़ाही का तापमान 200–230°C तक पहुंच जाता है, तो सनफ्लावर ऑयल के फायदे खत्म होकर नुकसान शुरू हो जाते हैं.

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Photo Credit: Canva

कौन से तेल हाई-हीट में ज्यादा सुरक्षित हैं? | Which Oils Are Safest For High-heat Cooking? 

अगर आप डीप फ्राई या हाई-हीट कुकिंग करते हैं, तो इन तेलों का स्मोक पॉइंट ज्यादा होने से ये सुरक्षित हैं—

1. मूंगफली का तेल (Peanut Oil): स्मोक पॉइंट लगभग 225–230 डिग्री सेल्सियस. फ्राई करने के लिए बेहतरीन और कम टूटता है.

2. राइस ब्रैन ऑयल (Rice Bran Oil): स्मोक पॉइंट 232 डिग्री सेल्सियस. एंटीऑक्सिडेंट भी मौजूद, हाई-टेम्परेचर में सुरक्षित.

3. सरसों का तेल (Mustard Oil): स्मोक पॉइंट 250 डिग्री सेल्सियस. देसी खाना बनाने के लिए सबसे सुरक्षित और बेहतर.

4. घी: स्मोक पॉइंट लगभग 250 डिग्री सेल्सियस. आयुर्वेद में भी हाई-हीट कुकिंग के लिए सबसे अच्छा माना गया है.

तेल को जहर बनने से कैसे बचाएं? | How to prevent oil from becoming toxic?

  • एक ही तेल को बार-बार गर्म न करें.
  • खाना तलते समय गैस को बहुत तेज न रखें.
  • कड़ाही में तेल को धुआं उठने से पहले ही इस्तेमाल करें.
  • रोजमर्रा के लिए ठंडे तापमान वाले तेल जैसे ऑलिव ऑयल से बचें.

तेल हर रसोई का जरूरी हिस्सा है, लेकिन गलत तेल या गलत तापमान पर बना खाना धीरे-धीरे शरीर के लिए जहर का काम करता है। खासकर सनफ्लावर ऑयल 200 डिग्री सेल्सियस पर सबसे ज्यादा खतरनाक यौगिक बनाता है, इसलिए सोच-समझकर तेल चुनना बेहद जरूरी है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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