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पेट को हेल्दी रखने में मदद करेंगे ये 8 मसाले, AIIMS के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने बताए फायदे और सेवन का तरीका

Pet Ko Kaise Thik Rakhe: आज के समय में लोगों का खान-पान और लाइफस्टाइल ऐसा हो गया है जिसकी वजह से अमूमन लोग पेट से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त हो जाते हैं. बात जब पेट की समस्याओं की होती है तो इसमें गैस, सूजन और अपच होना आम बात है. इन समस्याओं से राहत पाने में ये 8 मसाले आपके बेहद काम आ सकते हैं.

पेट को हेल्दी रखने में मदद करेंगे ये 8 मसाले, AIIMS के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने बताए फायदे और सेवन का तरीका
Gut Health: पेट के लिए फायदेमंद है ये मसाले.

Pet Ko Kaise Thik Rakhe: आज के समय में लोगों का खान-पान और लाइफस्टाइल ऐसा हो गया है जिसकी वजह से अमूमन लोग पेट से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त हो जाते हैं. बात जब पेट की समस्याओं की होती है तो इसमें गैस, सूजन और अपच होना आम बात है. हालांकि इन समस्याओं से राहत दिलाने में दवाएं आपकी मदद कर सकती हैं, लेकिन इनसे राहत पाने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों की भी मदद ले सकते हैं. प्राकृतिक उपाय बिना किसी साइड इफेक्ट के लंबे समय तक फायदा पहुंचा सकते हैं. बता दें कि इन नुस्खों के लिए आपको कही दूर जाने की जरूरत नही है आपको रसोई में ही सदियों से इस्तेमाल हो रही जड़ी-बूटियां और मसाले अब आधुनिक विज्ञान द्वारा भी पाचन तंत्र को ठीक करने वाले तत्वों के रूप में पहचाने जा रहे हैं.

डॉ. सौरभ सेठी( AIIMS,हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से प्रशिक्षित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट) का ऐसा मानना है कि असली पाचन सुधार आपकी रसोई से शुरू होता है.  हाल ही में उन्होंने ऐसी आठ जड़ी-बूटियों के बारे में बताया जिन पर वे खुद बेहतर पाचन के लिए भरोसा करते हैं. हल्दी से लेकर जीरा तक, ये साधारण चीजें रोज़ के खाने में शामिल करके आप पेट की तकलीफ को कम कर सकते हैं और पाचन तंत्र को प्राकृतिक रूप से मजबूत बना सकते हैं.

पेट के लिए हेल्दी हैं ये मसाले ( Spices Which is Good for Gut Health)

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हल्दी 

यह सुनहरी मसाला (हल्दी) न केवल पाचन तंत्र को शांत करता है, बल्कि गट हेल्थ को भी हेल्दी बनाए रखने में भी मदद करता है. इसका नियमित सेवन लंबे समय तक चलने वाली सूजन संबंधी आंत की समस्याओं के खतरे को कम कर सकता है. एक मानव परीक्षण अध्ययन में पाया गया कि हल्दी या करक्यूमिन के सप्लीमेंट लेने से आंतों में मौजूद माइक्रोबायोटा की संरचना में उल्लेखनीय बदलाव आया. करक्यूमिन के सेवन से आंतों में पाए जाने वाले जीवों की संख्या में 69% की वृद्धि हुई, जबकि प्लेसबो लेने वालों में यह संख्या 15% तक घट गई.  हल्दी को गर्म दूध के साथ पीना लाभदायी होता है.

अदरक

अदरक का सेवन सूजन और मतली को दूर करने में असरदायी होता है. अदरक पेट की सफाई की प्रोसेस को तेज करता है, गैस और सूजन को कम करने में मदद करता है, और मतली से राहत दिलाता है. डॉ. सेठी सलाह देते हैं कि खाने के बाद फ्रेश अदरक को गर्म पानी में डालकर पीना लाभदायी होता है.

सौंफ

सौंफ गैस और पेट की सूजन को कम करने में मदद करती है. खाने के बाद सौंफ चबाना एक पुरानी भारतीय परंपरा है, और अब विज्ञान भी इसके फायदों की पुष्टि करता है. सौंफ में ऐसे कंपाउंड पाए जाते हैं जो आंतों की मांसपेशियों को आराम देते हैं, जिससे फंसी हुई गैस बाहर निकलने में मदद मिलती है और सूजन कम होती है. आप खाने के बाद इसको चबाकर या फिर इसकी चाय बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं. 

जीरा 

जीरा पेट की ऐंठन को कम करने में मदद करता है. ये पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसका सेवन इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) से पीड़ित लोगों के लिए भी उपयोगी है, क्योंकि यह पेट की ऐंठन को कम करने में मदद करता है. जीरे को हल्का भूनकर दालों, सब्जियों या करी में मिलाएं. इससे न केवल स्वाद बढ़ता है, बल्कि पोषक तत्वों का अवशोषण और पाचन क्रिया भी बेहतर होती है.

दालचीनी

दालचीनी का सेवन पाचन और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है. ये खाने में गर्माहट और मिठास दोनों जोड़ती है, लेकिन इसका औषधीय महत्व भी है. ये गट मोटिलिटी यानी आंतों की गति को नियंत्रित करती है, जिससे पाचन का प्रोसेस ज्यादा बेहतर हो जाता है. इसके साथ ही ये ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखने में भी मदद करती है. दालचीनी को आप ओट्स या कॉफी पर छिड़क कर खा सकते हैं. इसके अलावा दालचीनी में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड होते हैं जो आंतों की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करते हैं और सूजन को कम कर कोलेस्ट्रॉल को घटाने में भी मदद कर सकते हैं.

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पुदीना

पुदीने का सेवन आंतों की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है. पुदीने की तासीर ठंडी होती है और यह एक नेचुरल गट मसल रिलैक्सेंट के रूप में काम करता है. ये पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है. आप पुदीने के पत्तों की चाय या फिर पुदीना ऑयल कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं. 
हालांकि, जिन लोगों को एसिड रिफ्लक्स की समस्या है, तो पुदीना का सेवन न करें.

लहसुन

लहसुन का सेवन आंतों के गुड बैक्टीरिया को पोषण देने में मदद करता है. ये एक नेचुरल  देता है प्रीबायोटिक है. इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीपैरासिटिक गुण होते हैं जो हानिकारक सूक्ष्म जीवों को कंट्रोल में रखते हैं. लहसुन को पकाने से पहले हल्का कुचलें ताकि इसके गट-बूस्टिंग कंपाउंड्स एक्टिव हो सकें. इसके बाद ही इसका सेवन करें. 

धनिया

धनिया ना सिर्फ सूजन को कम करता है बल्कि खाने के स्वाद को भी बढ़ाता है. धनिया एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो पाचन तंत्र को आराम देती है. यह गैस, सूजन और अपच को कम करने में मदद करता है और खाने में ताजगी जोड़ता है. धनिया को आप करी, चटनी और सलाद में शामिल कर सकते हैं. इसमें नेचुरल सूजन-रोधी गुण होते हैं जो पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होते हैं.

पाचन तंत्र की सेहत इस बात पर निर्भर करती है कि हम रोज़ाना क्या खाते हैं. केवल दवाओं पर निर्भर रहने के बजाय, हल्दी, अदरक, सौंफ, जीरा, दालचीनी, पुदीना, लहसुन और धनिया जैसी जड़ी-बूटियों को अपने भोजन में शामिल करके पाचन को अधिक सहज और आरामदायक बनाया जा सकता है. ये प्राकृतिक उपाय तब सबसे अधिक असरदार होते हैं जब इन्हें नियमित रूप से संतुलित आहार के हिस्से के रूप में लिया जाए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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