
Fasting Side Effects: कई सारे त्योहार पर हम व्रत रखते हैं, जो हमारा अपने आराध्य के लिए समर्पण, आराधना और उन्हें प्रसन्न करने का एक तरीका हो सकता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि फास्ट को सिर्फ धार्मिक नजरिए से नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालता है. व्रत के दौरान हम अन्न का त्याग करते हैं और फलाहार या कुछ भी नहीं खाते हैं. हमारे कैलेंडर के अनुसार कई तीज-त्योहार आते हैं, जिनमें हम कभी एक दिन तो कभी नवरात्रि पर नौ दिन तो सावन में महीने भर भी व्रत रखते हैं. क्या आप जानते हैं कि अचानक भोजन छोड़ना शरीर पर क्या असर डालता है. व्रत करने के फायदे और नुकसान क्या हो सकते हैं. आइए इस लेख में समझने की कोशिश करते हैं.
भारत में व्रत रखना एक आम परंपरा है, जो धार्मिक आस्था और आत्मसंयम से जुड़ी होती है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि अचानक भोजन छोड़ देने से आपके पेट पर क्या असर पड़ सकता है? व्रत रखना भले ही आध्यात्मिक रूप से लाभकारी हो, लेकिन अगर सही तरीके से न किया जाए तो यह आपके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है. तो चलिए जान हैं क्या है सही तरीका और कैसे गलत फास्टिंग आपको नुकसान पहुंचा सकती है.
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व्रत रखने के नुकसान (Side Effects of Fasting)
1. शरीर की आदतें और अचानक बदलाव
हमारा शरीर रोजाना एक तय समय पर भोजन करने का आदी होता है. जब हम अचानक खाना बंद कर देते हैं, तो शरीर को समझ नहीं आता कि अब उसे एनर्जी कहां से मिलेगी. इससे पेट में एसिड बनना शुरू हो जाता है, जो खाली पेट में जलन और दर्द पैदा कर सकता है. इससे एसिडिटी की समस्या होने लगती है.
2. एसिडिटी और गैस की समस्या
व्रत के दौरान जब आप लंबे समय तक कुछ नहीं खाते, तो पेट में एसिड का लेवल बढ़ जाता है. यह एसिड पेट की दीवारों को नुकसान पहुंचा सकता है और गैस, जलन, उल्टी जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है. कुछ लोगों को सिरदर्द और चक्कर भी महसूस होते हैं.
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3. ओवरईटिंग का खतरा
व्रत खोलते समय कई लोग एक साथ बहुत सारा खाना खा लेते हैं. इससे पेट पर अचानक दबाव पड़ता है और पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है. ओवरईटिंग से अपच, भारीपन और थकान महसूस हो सकती है.
4. एनर्जी की कमी और कमजोरी
भोजन से हमें एनर्जी मिलती है. जब आप व्रत रखते हैं और शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता, तो कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ापन हो सकता है. खासकर अगर आप शारीरिक काम करते हैं या गर्मी में व्रत रखते हैं, तो शरीर जल्दी थक सकता है.
5. पेट की पुरानी बीमारियां बढ़ सकती हैं
अगर आपको पहले से गैस्ट्रिक, अल्सर या एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याएं हैं, तो व्रत रखना आपके लिए जोखिम भरा हो सकता है. बिना डॉक्टर की सलाह के व्रत रखना इन बीमारियों को और बढ़ा सकता है.
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व्रत रखते समय इन बातों का रखें ध्यान:
- व्रत से पहले हल्का और पौष्टिक भोजन करें.
- दिनभर पानी और तरल पदार्थ लेते रहें.
- व्रत खोलते समय धीरे-धीरे और संतुलित भोजन करें.
- अगर कमजोरी या चक्कर महसूस हो, तो तुरंत कुछ खा लें.
- अगर आपको कोई पेट की बीमारी है, डॉक्टर से सलाह लें.
व्रत रखना एक अच्छी परंपरा है, लेकिन शरीर की जरूरतों को नजरअंदाज करना ठीक नहीं. सही जानकारी और सावधानी से व्रत रखने से आप न सिर्फ अपनी आस्था निभा सकते हैं, बल्कि अपने स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रख सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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