Vastu Shastra: घर की दिशा और दशा के बारे में वास्तु बहुत कुछ कहता है, घर में किस दिशा में रसोई, कहां बेडरूम, कहां लिविंग रूम और कहां बाथरूम होना चाहिए यह भी वास्तु में मौजूद है. इसी चलते वास्तु शास्त्र के अनुसार ही लोग अपने घर का निर्माण करवाते हैं. माना जाता है कि घर की कुछ दिशाएं (Directions) ऐसी हैं जहां कुछ विशेष काम नहीं किए जाते हैं, उदाहरण के तौर पर शौच करना. वास्तु शास्त्र में शौचालय (Toilet) बनाने के लिए घर की किस दिशा को गलत कहा गया है, जानें.
असल में वास्तु शास्त्र में घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में शौचालय बनाने को वर्जित बताया गया है. माना जाता है कि उत्तर-पश्चिम दिशा में दही मथने जैसे भोजन बनाने वाले कार्य किए जाते थे. इस दिशा को इसलिए शौच के लिए अच्छा नहीं माना जाता.
शौचालय जिस जगह पर बनाया जाता है वहां अक्सर गड्ढा खोदा जाता है और फिर शौचालय निर्माण का कार्य शुरू किया जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर-पश्चिम (North-West) दिशा में गड्ढा खोदने को अच्छा नहीं माना जाता, कहते हैं ऐसा करने पर घर की आर्थिक स्थिति पर फर्क पड़ता है. वहीं, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व दिशा में शौचालय ना बनवाने की सलाह भी दी जाती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की बाकी दिशाओं में टॉयलेट बनवाया जा सकता है.
वहीं, अगर उत्तर पश्चिम दिशा में पहले से ही शौचालय बना हो तो ऐसे व्यक्तियों को कर्ज (Loan) लेते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए और जितना हो सकते कर्ज के लेन-देन से बचना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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