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ब्लॉग राइटर
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प्रियदर्शन की 'बात पते की' : आमिर का भारत, आमिर की भारतीयता
साठ के दशक में मनोज कुमार भारत कुमार कहलाते थे। 'उपकार' और 'पूरब और पश्चिम' से लेकर 'क्रांति' तक वे देशप्रेम की रोमानी कहानियां कहते रहे जिनमें देश की धरती सोना और हीरे-मोती उगला करती थी।