लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने ऐसा नजारा पहले कभी देखा न था. मंगलवार आधी रात से देश की सारी डोमेस्टिक फ्लाइट्स बंद होने का एलान था. ऐसे में कल रात 8 बजे के बाद एक-एक कर 6 फ्लाइट्स गोआ,मुम्बई,चंडीगढ़,दिल्ली से लैंड कीं. यूं तो आखिरी फ्लाइट दिल्ली से 12 बजे आनी थी लेकिन वो सवा बजे रात को आई. लेकिन लखनऊ में तीन दिन से लॉकडाउन होने की वजह से मुसाफिरों के लिए न तो कोई टैक्सी थी और न ही लखनऊ में रहने वाला कोई शख्स अपने घर से कोई गाड़ी मंगवा सकता था.
आज वाजपेयी बहुत याद आते हैं. और बहुत सी यादें ऐसी हैं जिन्हें याद कर के यकीन नहीं होता कि क्या वाकई ये सब हुआ था? 2004 में लोकसभा चुनाव हो रहे थे. वाजपेयी लखनऊ से चुनाव जीत कर तीसरी बार पीएम थे. वो फिर यहां से लोकसभा उम्मीदवार थे. लखनऊ के राजभवन में उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी. इस बार उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए सिक्योरिटी काफी सख्त थी.
सूफ़ी फ़क़ीर शाह नियाज़ लिखते हैं ,”होली होय रही है अहमद जियो के द्वार…हज़रत अली का रंग बनो है, हसन-हुसैन खिलाड़….'' उनके कलाम में तो पैगंबर मोहम्मद साहिब के नवासे हसन और हुसैन रंग खेल रहे हैं. और गुज़रे ज़माने की गायिका गौहर जान ने तो गाया है …”मेरे हज़रत ने मदीने में मनाई होली” होली को लेकर इससे बड़ी बात क्या हो सकती है.
सरकार ने हज सब्सिडी खत्म कर दी है. काफी पहले खत्म हो जानी चाहिए थी. इसके साथ ही मुसलमानों पर सरकारी एहसान भी खत्म हुआ. अब दक्षिणपंथी संगठन और राजनीतिक दल हज में मुस्लिम तुष्टिकरण के ताने भी नहीं दे पाएंगे.
अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई के पहले ही दिन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल की इस मांग पर एक नई बहस छिड़ गई कि इसकी सुनवाई 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद हो.
एक नई बहस छिड़ी है कि क्या आरएसस 'योगी मॉडल' को 'मोदी मॉडल' का विकल्प बना रहा है. इसकी वजह यह है कि केरल में अमित शाह ने योगी के साथ सीपीएम के खिलाफ मार्च निकाला और जिस गुजरात में मोदी ने 12 साल हुकूमत की और हिंदू हृदय सम्राट कहलाए, वहां चुनाव में योगी आज स्टार प्रचारक हैं.
राजा दशरथ को तो श्रवण कुमार के अंधे मां-बाप ने श्राप दिया था कि “जिस तरह हम पुत्र शोक में मर रहे हैं, उसी तरह तुम भी पुत्र शोक में मरोगे.”…लेकिन राजेश और नुपुर तलवार को किसने श्राप दिया कि तुम बेटी की मौत के गम में…बेटी के बदचलन होने की बदनामी के गम में और बेटी के कातिल होने के दाग के साथ जिंदा रहोगे...लेकिन वो जिंदगी मौत से भी बदतर होगी.
अब तो सरकार बसें ही नहीं, गरीबों को सब्जी के ठेले भी भगवा रंग के ही बांट रही है. सरकारी इश्तेहार के रंग भगवा हैं. सरकारी पंडाल के रंग भगवा और अक्सर सरकारी कार्यक्रमों में फूलों की सजावट भी भगवा ही होती है.
राहुल गांधी इधर हिंदू दिखने की कोशिश करते नजर आते हैं…अपने अमेठी दौरे के दौरान भी दुर्गा जी के दर्शन करने गए...हाल में उन्होंने गुजरात में तीन मंदिरों में दर्शन किए और यूपी में अपनी किसान यात्रा के बीच 14 मंदिरों में दर्शन करने गए.....यह बड़ा सवाल है कि क्या बीजेपी की विशाल जीत से राहुल गांधी पर हिंदू दिखने का दबाव है?
तुलसीदास जी ने रामचरित मानस के लंका कांड में रावण वध का जिक्र किया है. वे लिखते हैं कि रावण के शव पर रोते हुए मंदोदरी ने कहा कि "राम बिमुख अस हाल तुम्हारा...रहा न कोऊ कुल रोवन हारा.'' यानी राम से विमुख होकर तुम्हारा यह हाल हुआ कि तुम्हारी मौत पर तुम्हारे खानदान में कोई रोने वाला ही नहीं है. लेकिन हमारे मुल्क के नेताओं ने मंदोदरी की बात गांठ बांध ली है. उन्होंने तय किया है कि वे किसी चुनाव के वक्त राम से विमुख नहीं रहेंगे.
उत्तर प्रदेश के यादव परिवार के झगड़े को लेकर सोशल मीडिया में चर्चा है कि अखिलेश यादव ने घर बदल लिया. दफ्तर बदल लिया. दिल भी बदल गया है. क्या अब दल भी बदलेंगे? कुछ लोग लिख रहे हैं कि अमित शाह ने उन्हें ऑफर दिया है कि अगर वो पिता और चाचा से अलग हो जाएं तो बीजेपी उन्हें चुनाव में यूपी के सीएम के तौर पर पेश कर सकती है.
अखिलेश यादव ने जिन अमर सिंह को 'बाहरी आदमी' करार देकर 'अंकल' कहने से इनकार कर दिया था, उन्हें उनके पिता ने 'भीतरी आदमी' बना दिया. मुलायम ने अमर सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाने के लिए अपने हाथ से खत लिखा, जबकि बाकी सारी नियुक्तियों के लिए खत मुलायम की तरफ से उनके चचेरे भाई रामगोपाल यादव जारी करते हैं.
यूपी में बीजेपी विधायक संगीत सोम ने मेरठ की एक चुनावी सभा में कहा कि अगर बीजेपी यूपी में अगला विधानसभा चुनाव हार गई तो यूपी पाकिस्तान बन जाएगा. इसका मतलब यह है कि संगीत सोम को ये लगता है कि यूपी विधानसभा चुनावों में अगर बीजेपी जीती तो हिंदुस्तान जीतेगा.
मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय की खबरों से यादव खानदान की फूट फिर सामने आ गई है. मुलायम और उनके भाई शिवपाल विलय चाहते हैं, जबकि अखिलेश इसके सख्त खिलाफ हैं. अब कोशिश है कि विलय कुछ इस तरह हो कि काम भी हो जाए और अखिलेश की बेइज्जती भी ना हो.
यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष केशव मौर्य ने सोमवार को जब अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला तो उनके कंधे गले में पड़ी मालाओं के बोझ से दबे थे। लेकिन उनके कंधों पर उससे बड़ा बोझ यूपी में एक तीसरे नंबर की पार्टी को जिताने का है और सामने लक्ष्य है लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत को दोहराने का।