राहुल गांधी इधर हिंदू दिखने की कोशिश करते नजर आते हैं…अपने अमेठी दौरे के दौरान भी दुर्गा जी के दर्शन करने गए...हाल में उन्होंने गुजरात में तीन मंदिरों में दर्शन किए और यूपी में अपनी किसान यात्रा के बीच 14 मंदिरों में दर्शन करने गए.....यह बड़ा सवाल है कि क्या बीजेपी की विशाल जीत से राहुल गांधी पर हिंदू दिखने का दबाव है? यही अखिलेश यादव कर रहे हैं…जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहते हैं कि “मैं भी हिंदू हूं…मैं भी व्रत रखता हूं.” इस नवरात्रि में नवमी के दिन उन्होंने एक फोटो ट्वीट की जिसमें डिंपल कुंवारी कन्याओं को खिलाती दिख रही हैं.
अमेठी दौरे पर आए राहुल पहले जनता से मुखातिब हुए…उसके फौरन बाद दुर्गा जी से..गौरीगंज जाते हुए जामो में दुर्गा पूजा पंडाल में गए..शीश नवाया और आशीर्वाद लिया. हाल ही में अपने गुजरात दौरे के दौरान राहुल गांधी दो दिनों में तीन बड़े मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचे. 25 सितंबर को द्वारिका मंदिर…और 27 सितंबर को चोटिला मंदिर और खोदियार माता मंदिर के दर्शन किए.
पिछले 25 सालों में गांधी परिवार के वे अकेले शख्स हैं जो 9 सितंबर को अयोध्या पहुंचे. हनुमान गढ़ी में दर्शन कर साधु-संतों से कांग्रेस की विजय के लिए आशीर्वाद लिया. हनुमान गढ़ी के महंत ज्ञान दस उनसे मिलने के बाद कहते हैं कि-
“अवधपुरी में राम रहे रघुकुल अवध नरेश,
जेहि पर विपदा पड़त है, सो आवत ई देश.”
यानी राम अपने राज्य की राजधानी में विराजमान हैं…जिसे कष्ट होता है वह उनकी शरण में आता है.
लेकिन राहुल भगवान राम ही नहीं तमाम देवी-देवताओं के यहां पहुंच रहे हैं. राहुल गांधी ने सितंबर 2016 में 4000 किलोमीटर लंबी किसान यात्रा से यूपी में चुनाव प्रचार की शुरुआत की..और इसे शुरू किया राहुल ने देवरिया में दुग्धेश्वरनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करके. राहुल अपनी किसान यात्रा के बीच 14 मंदिरों में गए. जिनमें देवरिया का दुग्धेश्वर नाथ मंदिर, अयोध्या का हनुमान गढ़ी मंदिर, मथुरा का द्वारकाधीश मंदिर, मिर्ज़ापुर का विंध्याचल मंदिर, चित्रकूट का कामदगिरी मंदिर, उरई का माता संकता मंदिर, बरेली का डोपेश्वरनाथ मंदिर और लखनऊ में हनुमान सेतु मंदिर शामिल हैं.
पहले पीएम मोदी ही हिंदुत्व के प्रतीक थे. अब योगी भी आ गए हैं, जो सीएम बनने के बाद तीन बार अयोध्या जा चुके हैं. गोरखनाथ मंदिर में जिनकी पूजापाठ की तस्वीरें लगातार आती रहती हैं. समझा जाता है कि इससे राहुल गांधी पर हिंदू दिखने का दबाव है. और यही दबाव अखिलेश पर है जो तमाम विकास के काम करने के बावजूद बीजेपी से बुरी तरह हार गए. अभी नवरात्रि की नवमी को उन्होंने डिंपल यादव की फोटो रीट्वीट की जिसमें वे कुंवारी कन्याओं को खिलाते नजर आ रही हैं. नीचे लिखा है…” मां दुर्गा हम सबके जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि का संचार करें. महानवमी की आप सबको अनेक शुभकामनाएं. जय माता दी.''
कार्ल मार्क्स ने 1843 में “Critique of Hegel’s Philosophy of Right” में लिखा था कि “रिलीजन इस द ओपियम ऑफ द पीपल.”…यानी धर्म अवाम के लिए अफीम के नशे की तरह काम करता है. राहुल गांधी को शायद लगने लगा है कि बीजेपी की इतनी बड़ी जीत में हिंदुत्व का भी रोल है. शायद इसीलिए अपने वामपंथी रुझान के लिए जाने जाने वाले नेहरू का परनाती अपनी रजनीतिक विजय का मंत्र धर्म में तलाश रहा है.
कमाल खान एनडीटीवी इंडिया के रेजिडेंट एडिटर हैं.
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This Article is From Oct 06, 2017
कमाल की बात : हिंदू दिखने के दबाव में राहुल
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