कमाल की बातें : वो और लोग थे जो कराची चले गए

कमाल की बातें : वो और लोग थे जो कराची चले गए

बीजेपी नेता संगीत सोम (फाइल फोटो)

यूपी में बीजेपी विधायक संगीत सोम ने मेरठ की एक चुनावी सभा में कहा कि अगर बीजेपी यूपी में अगला विधानसभा चुनाव हार गई तो यूपी पाकिस्‍तान बन जाएगा. इसका मतलब यह है कि संगीत सोम को ये लगता है कि यूपी विधानसभा चुनावों में अगर बीजेपी जीती तो हिंदुस्‍तान जीतेगा. लेकिन अगर गैर बीजेपी दल जीते तो यह जीत पाकिस्‍तान की होगी.

मेरठ की सरधाना सीट से सोम बीजेपी के पहली बार विधायक बने हैं. अपने विधानसभा क्षेत्र के अस्‍सा गांव में एक छोटी चुनावी सभा में उन्‍होंने कहा, 'लड़ाई यहां हिंदुस्‍तान और पाकिस्‍तान की है. ये ध्‍यान रखियो. एक तरफ पाकिस्‍तान है, एक तरफ हिंदुस्‍तान. उसमें तुम्‍हें क्‍या करना है ये सोच लो. एक तरफा कर लो मामला.

ऐसी बात कहने वाले संगीत सोम अकेले नहीं है. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री बन गए गिरिराज सिंह ने झारखंड के बोकारो में कहा था कि, 'जो मोदी को वोट नहीं देना चाहते, वो चुनाव के बाद पाकिस्‍तान चले जाएं.' उसके कुछ दिन बाद बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने बिहार के रक्‍सौल में कहा, 'अगर बीजेपी हारी तो पाकिस्‍तान में पटाखे छूटेंगे.'

यूपी बीजेपी के अध्‍यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद में इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'यह भाजपा नहीं कह रही है और ना हम इस बात का समर्थन करते हैं. लेकिन हम इस बयान की समीक्षा करेंगे. उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे.

अब सवाल ये है कि क्‍या प्रदेश बीजेपी अध्‍यक्ष यह बयान अपनी पार्टी लाइन कि खिलाफ दे रहे हैं? क्‍योंकि पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का भी यह मानना था कि नीतीश-लालू की जीत से हिंदुस्‍तान नहीं बल्कि पाकिस्‍तान खुश होगा. इस लिहाज से संगीत सोम पार्टी की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.

मेरठ की सरधाना सीट पर संगीत सोम के खिलाफ बीएसपी ने एक मुस्लिम इमरान याकूब को टिकट दिया है. सभा में संगीत सोम ने कहा, 'भाजपा का चुनाव एकतरफा है. अगर कोई थोड़ा बहुत चुनाव में रहेगा तो बसपा वाला रहेगा. यह सच्‍चाई है या नहीं? सपा वाले कह रहे हैं कि हम तो हार ही गए. हमें तो ये विधायक हराना है. विधायक को हराकर क्‍या पाकिस्‍तान बनाना है... मुझे बता दो.'

ऐसे में अगर वो बीएसपी उम्‍मीदवार इमरान याकूब को पाकिस्‍तानी कह रहे हैं तो यह और भी आपत्ति‍‍जनक है. और सिर्फ इमरान याकूब को नहीं, इस देश के हर मुसलमान को अपमानित करने वाला बयान है. पाकिस्‍तान से जैसे भारत के रिश्‍ते हैं, ऐसे में मुसलमानों को पाकिस्‍तानी कहना उन्‍हें गाली देने और देशद्रोही कहने जैसा है.

हिंदुस्‍तान के मुसलमान की 'पैन इस्‍लामिक आइडेंटिटी' नहीं है. वे इस मुल्‍क की मिट्टी से बने हैं और यहां यहां का कल्‍चर उनके डीएनए में है. यहां की खूबिंया और खामियों से वे भरे पड़े हैं. शादी में दहेज लेते हैं और बिहारी मुसलमान तो तिलक भी चढ़वाते हैं. मुमकिन है कि उनमें से कई के रिश्‍तेदार पाकिस्‍तान में हों. हालांकि अब पाकिस्‍तान-हिंदुस्‍तान के मुसलमानों के बीच रिश्‍तेदारियां भी काफी कम हो गई हैं.

भारत-पाक विभाजन को भी 69 साल हो गए, मालूम नहीं संगीत सोम जैसे लोग कब तक देश के मुसलमानों को पाकिस्‍तानी बताते रहेंगे. और मुनव्‍वर राणा ने तो काफी पहले सफाई भी दे दी थी कि 'पैदा यहीं हुआ था, यहीं पे मरूंगा मैं, वो और लोग थे जो कराची चले गए.'

(कमाल खान एनडीटीवी में रेजिडेंट एडिटर हैं)

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