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ब्लॉग राइटर
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मैं 'बिग बॉस' इसलिए देखती हूं...और आप?
बिग बॉस की प्रासंगिकता ही है जो मुझे इससे चिपकाए रखती है. इस शो और इसके प्रतिभागियों में अक्सर राजनीतिक और सामाजिक उठापटक का अक्स नज़र आता है.
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- कल्पना
- जनवरी 28, 2017 18:07 pm IST
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भोपाल गैस त्रासदी के एक साल बाद एक और फैक्ट्री में गैस लीक हुई थी...
भोपाल गैस त्रासदी के ठीक एक साल बाद 4 और 6 दिसंबर 1985 का है जब दिल्ली की श्रीराम फूड एंड फर्टिलाइज़र्स इंडस्ट्री की एक यूनिट से जानलेवा ओलियम गैस लीक हो गई थी. जानिए क्या मामला था.
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- कल्पना
- दिसंबर 04, 2016 17:19 pm IST
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बॉन्ड! क्या आपको सच में लगता था कि पान मसाले से दांत 'सफेद' होते हैं
क्या ब्रोसनन अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को ध्यान में रखते हुए इस विज्ञापन से हाथ झाड़ रहे हैं, या फिर वह सचमुच पान मसाले और टूथ वाइटनर को एक समझ बैठे थे या फिर अपनी पान से सनी फेक तस्वीर देखकर, वह इतने सिहर गए कि खुद को ठगा हुआ बताने लग गए.
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- कल्पना
- अक्टूबर 21, 2016 15:58 pm IST
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पूर्वोत्तर का 'तगड़ा पहलवान' AFSPA जो गांव छोड़ने को राज़ी नहीं...
पूर्वोत्तर के संकट ग्रस्त इलाकों में सेना की हालत 'तगड़ा पहलवान' जैसी हो गई है। जब हालात बिगड़ते हैं तो गांववाले तगड़ा पहलवान से मदद मांगते हैं। इसके बदले पहलवान की काफी सेवा की जाती है, उसका मनोरंजन किया जाता है। लेकिन फिर...
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- कल्पना
- जुलाई 09, 2016 01:21 am IST
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'ज़की-उर-रहमान लखवी अपने इस मालिक की सिर्फ हां में हां मिलाता था...'
आईएसआई और लश्कर के बीच की यह शादी बेहद अजीब थी और मैं जानता हूं कि लश्कर इससे खुश नहीं था। लश्कर के लिए जिहाद सबसे जरूरी था लेकिन आईएसआई को जिहाद से कोई सरोकार नहीं था।
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CJI ठाकुर का दर्द, जस्टिस भगवती की किताब और न्याय से एक 'मुलाक़ात'
आमतौर पर हमें जजों के जीवन,उनके काम की चुनौतियों के बारे में बहुत कुछ जानने को नहीं मिल पाता। सामने आता है तो अखबारों में छपे उनके फैसले और निर्देश या फिर फिल्मों में वकीलों की बहस के बीच जज का 'ऑर्डर ऑर्डर' कहना।
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वह 50 साल का चीनी जिसने 'वेलकम टू सज्जनपुर' 10 बार देखी है...
बनारस की वह शाम जब मेरी मुलाकात फायो से हुई। हिंदुस्तानी फिल्मों के लिए उसके प्रेम को जानकर आप खुद को बॉलीवुड का फैन कहने से पहले दस बार सोचेंगे...
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किताब मिली - 'नॉन रेज़िडेंट बिहारी'...जो किसी गुजराती या पंजाबी की प्रेम कहानी भी हो सकती है
नॉन रेज़िडेंट बिहार का मुख्य किरदार राहुल है जो एक संपन्न परिवार से है लेकिन बाकी बिहारियों की तरह उसे भी यूपीएससी की अग्नि परीक्षा से होकर गुज़रना है जिसकी तैयारी के लिए वह दिल्ली का रुख़ करता है लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती...
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कल्पना का ब्लॉग : जब बेटियों से आपका 'पेट' भर जाए तो क्या कीजिएगा...
भतेरी, धापली, चिंता, आचुकी - अजीबोगरीब लगने वाले ऐसे कई नाम है जिनसे भारत की बेटियों को 'नवाज़ा' जाता है..क्या आपने भी कभी ऐसा कोई नाम सुना है...