
अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान के क्रैश मामले की अभी जांच जारी है. नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने इस मामले की जांच को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने NDTV से खास बातचीत में कहा कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) पिछले महीने अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना की सभी पहलुओं से जांच कर रहा है, जिसमें तोड़फोड़ भी शामिल है. इस दुर्घटना में विमान में सवार और घटनास्थल पर मौजूद कुल 274 लोग मारे गए थे. केंद्रीय मंत्री मोहोल ने यह भी कहा कि एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 171 का ब्लैक बॉक्स एएआईबी के पास है और पूरी जांच के लिए इसे देश से बाहर नहीं ले जाया जाएगा. उन्होंने पुणे में इमर्जिंग बिजनेस कॉन्क्लेव में एनडीटीवी के जितेंद्र दीक्षित के साथ बातचीत के दौरान की.

उन्होंने आगे कहा कि यह (विमान दुर्घटना) एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. AAIB ने इसकी पूरी जांच शुरू कर दी है. इसकी सभी कोणों से जांच की जा रही है, जिसमें किसी भी संभावित तोड़फोड़ की संभावना भी शामिल है. सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की जा रही है और सभी कोणों का आकलन किया जा रहा है. कई एजेंसियां इस पर काम कर रही हैं.
आपको बता दें कि 12 जून को लंदन जाने वाला विमान AI 171, जो बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 बेड़े का था, सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान में सवार 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से केवल एक ही बच पाया.
अधिकारियों ने बताया कि दोपहर करीब 1.30 बजे उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान की ऊंचाई कम हो गई. यह मेघानीनगर इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के आवासीय क्वार्टर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और फिर उसमें आग लग गई, जिससे हवा में घने काले धुएं का गुबार उठने लगा. इस दुर्घटना में जमीन पर मारे गए लोगों में संस्थान के नौ छात्र और उनके रिश्तेदार भी शामिल थे.
मुरलीधर मोहोल ने दुर्घटना को "दुर्लभ मामला" बताया. उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि दोनों इंजन एक साथ बंद हो गए हों. साथ ही उन्होंने अनुभवी पायलटों और विशेषज्ञों के दावों का हवाला देते हुए कहा कि दोहरे इंजन की विफलता के कारण दुर्घटना हुई. एक बार (जांच) रिपोर्ट आने के बाद हम पता लगा पाएंगे कि यह इंजन की समस्या थी या ईंधन आपूर्ति का मुद्दा या फिर दोनों इंजन क्यों काम करना बंद कर दिए थे. ब्लैक बॉक्स में एक सीवीआर (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) है जिसमें दोनों पायलटों के बीच की बातचीत को स्टोर किया गया है. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन जो भी होगा, वह सामने आएगा. रिपोर्ट तीन महीने में आएगी.
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