
लोग अब फोन के इतने आदी हो गए हैं, कि बस जब नहाने जाते हैं, तभी उनके पास फोन नहीं होता है, नहीं तो हर मोमेंट पर इंसान के हाथ में फोन लगा रहता है. कुछ लोग तो ऐसे भी हैं, जो नहाते समय भी फोन का इस्तेमाल करते हैं. इसे देख कर तो ऐसा ही लगता है कि इंसान, मोबाइल फोन को नहीं बल्कि फोन इंसान को चला रहा है. बड़े तो बड़े अगर चलते कार्टून के दौरान बच्चे के आगे से फोन हटा लिया तो वो भी शोर मचा देते हैं. लोग गली, चौराहे, सड़क, यहां तक कि ड्राइविंग के दौरान भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना नहीं भूलते हैं. कई दफा जब रास्ते में फोन हाथ से छूटकर गिर जाता है, तो इंसान की जान हलक में आ जाती है. इस वीडियो को देखिए एक युवक का फोन ऐसी जगह गिर गया, जिसके एक रेस्क्यू ऑपरेशन तक चलाना पड़ा गया.
रैपिड मेट्रो के ट्रैक पर गिरा फोन (Man Mobile Phone fell at Rapid Metro Station Track)
वीडियो में दिख रहा यह नजारा 19 सितंबर को गुड़गांव के सिकंदरपुर रैपिड मेट्रो स्टेशन का है जहां, ट्रैक पर एक युवक मोबाइल फोन गिर गया. ऐसे में रैपिड मेट्रो का एक कर्मचारी ने कड़ी मशक्कत के बाद छड़ी से युवक का फोन ट्रैक से उठाया. फोन मिलते ही युवक के चेहरे पर 36 इंच की स्माइल देखने को मिली. इस वीडियो को विकास रावत नामक शख्स ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है और लिखा है, 'सुबह सुबह भाई का फोन गुड़गांव के सिकंदरपुर रैपिड मेट्रो स्टेशन पर गिर गया और उसके बाद मोबाइल का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा'. सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो पर लोगों के क्या रिएक्शन हैं चलिए पढ़ते हैं.
देखें Video:
सुबह सुबह भाई का फ़ोन गुड़गांव के सिकंदरपुर रैपिड मेट्रो स्टेशन पर गिर गया ।
— Vikas Rawat (@TweetViku) September 19, 2025
उसके बाद मोबाइल का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा ???????? ???????? pic.twitter.com/elaSjjFEWw
लोगों ने रूल फॉलो करने की दी नसीहत (Mobile Phone fell at Rapid Metro Station)
इस पर एक यूजर ने लिखा है, 'कितने तेजस्वी लोग हैं, दो मिनट के अंदर जाकर खुद लेकर आ सकता था'. दूसरा यूजर लिखता है, 'भाई ट्रैक पर जाने की मनाही है और ऐसा करना गैर-कानूनी है, स्टेशन स्टाफ ने उसे अनुमति नहीं दी और सभी को ये नियम फॉलो करने पड़ते हैं'. एक और यूजर ने लिखा है, 'वीडियो में गुरुग्राम के सिकंदरपुर रैपिड मेट्रो स्टेशन पर फोन गिरने के बाद स्टेशन स्टाफ और लोगों द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन दिखाया गया है, जो मेट्रो सिस्टम की सुरक्षा और कुशलता को दर्शाता करता है, यह घटना दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क और सुरक्षा उपायों की महत्ता को दर्शाती है, जहां ट्रैक पर उतरना जोखिम भरा माना जाता है'. एक अन्य ने लिखा है, 'दिल्ली मेट्रो में पॉलिसी है कि आप नीचे नहीं उतर सकते, इसलिए स्टेशन स्टाफ ने अनुमति नहीं दी और खुद फोन निकालने में मदद की'. अब लोग इस घटना पर ऐसे ही नियमों का पालन करने वाले संदेश दे रहे हैं.
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