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गुरुग्राम में शराब की दुकानों पर L-1, L-2 क्यों लगा होता है? जानें क्या है इस ‘L’ का मतलब

गुरुग्राम और हरियाणा की शराब दुकानों पर दिखने वाले L-1 और L-2 कोड दरअसल सरकार के आबकारी विभाग के जारी लाइसेंस की कैटेगरी हैं. जो थोक और फुटकर बिक्री के अंतर को स्पष्ट करते हैं.

गुरुग्राम में शराब की दुकानों पर L-1, L-2 क्यों लगा होता है? जानें क्या है इस ‘L’ का मतलब
गुरुग्राम में एल-1 शॉप का मतलब

गुरुग्राम और हरियाणा के कई इलाकों में शराब की दुकानों के बोर्ड पर आपने L-1 और L-2 जैसे कोड अक्सर देखे होंगे. बहुत से लोग इन्हें दुकानों के नाम या किसी खास ब्रांड का हिस्सा समझ लेते हैं, लेकिन असल में इसका सीधा संबंध सरकार के जारी किए जाने वाले लाइसेंस से होता है. ये लेबल हरियाणा के आबकारी विभाग की नीति के तहत जारी अलग-अलग श्रेणी के लाइसेंस को दर्शाते हैं. इन कोड्स से पता चलता है कि दुकान थोक बिक्री के लिए है या रिटेल बिक्री के लिए. दिलचस्प बात यह है कि कई बार L-1 लाइसेंस वाली दुकानों पर भी लोग सीधे शराब खरीद लेते हैं. जिसके कारण ग्राहकों के मन में कंफ्यूजन पैदा हो जाता है कि दोनों दुकानों में फर्क आखिर है क्या.

क्या है L-1 और L-2 लाइसेंस?

हरियाणा की आबकारी नीति के तहत शराब के कारोबार को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है., और इन्हीं श्रेणियों के आधार पर लाइसेंस जारी किए जाते हैं. इनमें L-1 लाइसेंस मुख्य रूप से थोक व्यापार के लिए जारी किया जाता है. इस लाइसेंस के तहत काम करने वाले कारोबारी भारतीय मादक पेय यानी IMFL की सप्लाई और डिस्ट्रिब्यूशन का काम करते हैं. दूसरी ओर L-2 लाइसेंस उन दुकानों के लिए होता है जो खुदरा यानी कि फुटकर स्तर पर आम लोगों को शराब बेचती हैं. इन्हें आमतौर पर वाइन शॉप या रिटेल शराब की दुकान के रूप में जाना जाता है. जहां ग्राहक सीधे जाकर खरीदारी कर सकते हैं.

इसके अलावा हरियाणा में L-4, L-5, L-10 और L-12 जैसे अन्य कई लाइसेंस भी जारी किए जाते हैं. जो होटलों, बार, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल और एयरपोर्ट जैसी जगहों के लिए अलग-अलग श्रेणियों में दिए जाते हैं.

दुकानों पर ये लेबल क्यों लगाया जाता है?

इन लेबलों का मकसद दुकानों को क्लियर पहचान देना और उन्हें अलग-अलग श्रेणियों में कैटगराइज करना है. इससे सरकार को शराब के कारोबार पर निगरानी रखने, नियमों के पालन को सुनिश्चित करने और टैक्स व्यवस्था को व्यवस्थित रखने में मदद मिलती है. गुरुग्राम में कई ऐसी दुकानें भी दिखाई देती हैं जिनके पास L-1 लाइसेंस होता है. ये लाइसेंस बेस्ड व्यवस्था सरकार को ये तय करने में मदद करती है कि किस दुकान से किस तरह की बिक्री हो सकती है और वो कैटेगरी में आती है.  

गुरुग्राम और हरियाणा की शराब दुकानों पर दिखने वाले L-1 और L-2 कोड दरअसल सरकार के आबकारी विभाग के जारी लाइसेंस की कैटेगरी हैं. जो थोक और फुटकर बिक्री के अंतर को स्पष्ट करते हैं.

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