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क्यों दुर्घटनाग्रस्त हुआ जनरल रावत का हेलीकॉप्टर
- Friday December 10, 2021
- Ravish Kumar
तमिलनाडु में आज भारत के प्रथम प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को लेकर उड़ रहा हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें उनकी और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की मौत हो गई. आज दोपहर 12 बजकर 22 मिनट के करीब जब यह खबर आई तो सरकार और रक्षा प्रतिष्ठानों में सन्नाटा पसर गया. सरकार की इस चुप्पी के कारण कई घंटों तक अफवाहें फैलती रहीं. दुनिया भर की नज़रें सरकार की तरफ थीं कि सरकार क्या कहती है. छह घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आधिकारिक सूचना का इंतज़ार किया जाता रहा. इस बारे में भी कयास लग रहे थे कि दुर्घटना की खबर आने के छह घंटे से अधिक हो गए, सरकार आधिकारिक सूचना क्यों नहीं दे रही है. इतना लंबा वक्त क्यों लगा? उनके घर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के सांसद पहुंच गए मगर जनरल रावत कैसे हैं, इसकी कोई सूचना नहीं आई.
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पहले दंगों से जूझे अब चुनौतियों से जूझ रहे हैं
- Thursday March 5, 2020
- Ravish Kumar
दिल्ली दंगों की बहसें बड़ी होने लगी हैं. इन बहसों के लिए खलनायक चुन लिए गए हैं ताकि आराम कुर्सी पर बैठे प्रवक्ताओं के भाषण में जोश आ सके. धीरे-धीरे अब चैनलों से मरने वालों की संख्या भी हटती जा रही है, लेकिन उनके पीछे परिवार वाले अलग-अलग चुनौतियों से जूझ रहे हैं.
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दिल्ली चुनाव - बिरयानी का सियासी झूठ और रोज़गार का फ़रेब
- Tuesday February 4, 2020
- Ravish Kumar
दिल्ली के चुनावों में फिर से एक बार बिरयानी की देग चढ़ गई है. राजनीति ने एक चश्मा दिया है और चाहती है कि आप उस चश्मे से खाने पीने और पहनने ओढ़ने की चीज़ों को देखना शुरू कर दे. बहुत लोग देखने भी लगे होंगे. हम भाषणों के झोंक में भूल जाते हैं कि भारत में शाकाहारी भी हैं और मांसाहारी भी हैं. जो मांसाहारी हैं वो भी त्योहारों के समय शाकाहारी हो जाते हैं और कई घरों में शाकाहारी भी होते हैं और मांसाहारी भी. बिरयानी हर मज़हब के लोग खाते हैं मगर दिल्ली के चुनावों ने जो चश्मा दिया है वो चाहता है कि आप उस चश्मे से सिर्फ एक समुदाय को बिरयानी खाते हुए देखें.
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शाहीन बाग़ जैसे प्रदर्शनों से कौन बोर हो गया है?
- Saturday January 18, 2020
- Ravish Kumar
ऐसा क्या फैसला है ये कि इसे समझाने के लिए बीजेपी को देश भर में 250 प्रेस कांफ्रेंस और 1000 सभाएं करनी पड़ रही हैं. इसमें स्थानीय और राष्ट्रीय नेता भी हैं और दरवाज़े दरवाज़े जाकर कानून को समझाने का कार्यक्रम भी है. जब इस कानून को 130 करोड़ भारतीयों का समर्थन हासिल है तो फिर बीजेपी को इतनी रैलियां क्यों करनी पड़ रही हैं. अब यह देखा जाना चाहिए कि 1000 सभाओं में से कितनी सभाएं असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में होती हैं. जहां इस कानून के विरोध का स्वरूप ही कुछ अलग है.
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आतंकवादियों से क्या नाता रहा डीएसपी देविंदर सिंह का?
- Wednesday January 15, 2020
- Ravish Kumar
मुझे हैरानी हो रही है कि डीएसपी दविंदर सिंह की आतंकवादियों के साथ गिरफ्तारी से लोग हैरान हैं. दरअसल हैरानी इसलिए कि बार-बार मना करने के बाद भी बहुत लोग आतंकवाद को मज़हब की निगाह से ही देखते हैं. आतंक को दूसरे सवालों और संबंधों के साथ नहीं देखते हैं?
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नागरिकता देने में धार्मिक आधार पर भेदभाव क्यों?
- Friday December 6, 2019
- Ravish Kumar
राष्ट्रवाद की चादर में लपेटकर सांप्रदायिकता अमृत नहीं हो जाती है. उसी तरह जैसे ज़हर पर चांदी का वर्क चढ़ा कर आप बर्फी नहीं बना सकते हैं. हम चले थे ऐसी नागरिकता की ओर जो धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करती हो, लेकिन पहुंचने जा रहे हैं वहां जहां धर्म के आधार पर नागरिकता का फैसला होगा. नागरिकता को लेकर बहस करने वाले लोग पहले यही फैसला कर लें कि इस देश में किस-किस की नागरिकता अभी तय होनी है
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इलेक्टोरल बॉन्ड क्या पारदर्शिता के खिलाफ नहीं?
- Thursday November 28, 2019
- Ravish Kumar
सिर्फ सरकार को पता है कि कौन कंपनी किसे चंदा दे रही है. अगर सरकार ने दबाव डालकर विरोधी दल को चंदा रोक दिया तो? आखिर दान देने वाले की पहचान छिपाने के पीछे मकसद क्या है?
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राज्यपाल ने संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन किया?
- Tuesday November 26, 2019
- Ravish Kumar
लोकतंत्र में जब संविधान की धज्जियां उड़ने लगें तो वह भी नरक ही होता है अगर नरक होता है तो. यह तो सुप्रीम कोर्ट को तय करना है कि महाराष्ट्र में संविधान की धज्जियां उड़ी की नहीं हैं. 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाते हैं. इसी दिन भारत का संविधान तैयार रूप में स्वीकृत हुआ था. इसी दिन सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट के मामले में फैसला आएगा. 26 जनवरी 2016 को जब भारत संविधान के लागू होने के जश्न में डूबा था तब शाम सात बजकर 59 मिनट पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के कैबिनेट की सिफारिश पर दस्तखत कर रहे थे
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प्राइम टाइम इंट्रो: व्हाट्सएप कॉल में सेंध, पत्रकारों के फोन हुए हैक
- Friday November 1, 2019
- Ravish Kumar
तो क्या व्हाट्सएप कॉल की जासूसी की जा सकती है? जिस व्हाट्सएप कॉल पर आम आदमी भी भरोसा करता है कि कोई सुन नहीं रहा होगा, उसे भी किसी सॉफ्टवेयर की मदद से हैक कर सुना जा सकता है. यह भरोसा टूटने पर आपको कैसा लगेगा?
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प्राइम टाइम इंट्रो: गोपाल कांडा और भारतीय राजनीति की बेशर्मी
- Friday October 25, 2019
- Ravish Kumar
हरियाणा के सिरसा से विधायक गोपाल कांडा की बात क्या सिर्फ इसलिए हो रही है कि कांडा ने बीजेपी को सपोर्ट देने की बात कही है? क्या हम इस सवाल का जवाब ठोस रूप से जानते हैं कि अगर कांग्रेस को ज़रूरत होती तो गोपाल कांडा का सपोर्ट लेने से इंकार कर देती?
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प्राइम टाइम इंट्रो: महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम का विश्लेषण
- Friday October 25, 2019
- Ravish Kumar
महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी की सरकार बन रही है. देवेंद्र फडणवीस और मनोहर लाल खट्टर ही मुख्यमंत्री होंगे. प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दोनों के पिछले कार्यकाल की तारीफ की है और आगे के लिए बधाई दे दी है. इस चुनाव में जनता ने अपनी तरफ से विपक्ष को भी मज़बूत किया है.
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भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी समेत तीन को नोबेल पुरस्कार
- Monday October 14, 2019
- Ravish Kumar
आज का दिन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरी ख़बर लेकर आया है, मगर भारतीय मूल के अर्थशास्त्री के लिए बहुत ही अच्छी ख़बर लाया है. विश्व बैंक ने भारत की जीडीपी का अनुमान डेढ़ प्रतिशत घटा दिया है. 7.5 प्रतिशत से घटा कर 6 प्रतिशत कर दिया है. डेढ़ प्रतिशत की कमी बहुत होती है. दूसरी तरफ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में एमए करने वाले अभिजीत विनायक बनर्जी को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है.
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चीन में पत्रकारों को देना होगा चाटुकारिता का टेस्ट
- Friday September 27, 2019
- Ravish Kumar
पत्रकारिता में चाटुकारिता करने वालों के लिए बुरी ख़बर है. अब तक चाटुकारिता को सबसे आसान बीट माना जाता था, लेकिन हर माल को सस्ता बनाकर बेचने वाले चीन ने चाटुकारिता को महंगा यानी मुश्किल बना दिया है. चीन में राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा होने जा रही है, जिसमें राष्ट्रपित शी जिनपिंग के राजनीतिक विचारों और मार्क्सवाद से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे. जो इस परीक्षा में पास होगा उसी को प्रेस कार्ड मिलेगा.
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झारखंड में पेड न्यूज का नया चेहरा
- Thursday September 19, 2019
- Ravish Kumar
पेड न्यूज़ का नया रूप आया है. आया है, तो क्या कमाल आया है. क्या आपने या किसी नॉन रेज़िडेंट इंडियन ने यह सुना है कि सरकार अपनी योजनाओं की तारीफ छपवाने के लिए टेंडर निकाले और पत्रकारों से कहे कि वे अर्जी दें कि कैसे तारीफ करेंगे? विदेशों में ऐसा होता है या नहीं, ये तो नान रेज़िडेंट इंडियन ही बता सकते हैं कि क्या वाशिंगटन पोस्ट, गार्डियन, न्यूयार्क टाइम्स अपने पत्रकारों से कहे कि वे सरकार का टेंडर लें, उसकी योजना की जमकर तारीफ करते हुए लेख लिखें और फिर उसे दफ्तर ले आएं ताकि फ्रंट पेज पर छाप सकें? इसलिए कहा कि ऐसा कमाल बहुत कम होता है. युगों-युगों में एक बार होता है जब चाटुकारिता आफिशियल हो जाती है. वैसे भी होती है लेकिन जब विज्ञापन निकले, तारीफ के पैसे मिलें, यह बताया जाए तो चाटुकारिता पारदर्शी हो जाती है.
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पटना हाईकोर्ट में जज के फैसले से सनसनी क्यों?
- Friday August 30, 2019
- Ravish Kumar
पटना हाई कोर्ट में आज अप्रत्याशित हुआ. जस्टिस राकेश कुमार के फैसले को 24 घंटे के भीतर 11 जजों की बेंच ने निरस्त कर दिया. जस्टिस राकेश कुमार से इस वक्त सारा काम ले लिया गया है. वो किसी केस की सुनवाई नहीं कर रहे हैं. इस फैसले में ऐसा क्या था कि सुबह-सुबह 11 जजों की बैठक हुई और पूरे फैसले को निरस्त किया. जस्टिस राकेश कुमार पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैय्या की अग्रिम ज़मानत के मामले में सुनवाई कर रहे थे. 23 मार्च 2018 को हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका ठुकरा दी थी.
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क्यों दुर्घटनाग्रस्त हुआ जनरल रावत का हेलीकॉप्टर
- Friday December 10, 2021
- Ravish Kumar
तमिलनाडु में आज भारत के प्रथम प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को लेकर उड़ रहा हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें उनकी और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की मौत हो गई. आज दोपहर 12 बजकर 22 मिनट के करीब जब यह खबर आई तो सरकार और रक्षा प्रतिष्ठानों में सन्नाटा पसर गया. सरकार की इस चुप्पी के कारण कई घंटों तक अफवाहें फैलती रहीं. दुनिया भर की नज़रें सरकार की तरफ थीं कि सरकार क्या कहती है. छह घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आधिकारिक सूचना का इंतज़ार किया जाता रहा. इस बारे में भी कयास लग रहे थे कि दुर्घटना की खबर आने के छह घंटे से अधिक हो गए, सरकार आधिकारिक सूचना क्यों नहीं दे रही है. इतना लंबा वक्त क्यों लगा? उनके घर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के सांसद पहुंच गए मगर जनरल रावत कैसे हैं, इसकी कोई सूचना नहीं आई.
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पहले दंगों से जूझे अब चुनौतियों से जूझ रहे हैं
- Thursday March 5, 2020
- Ravish Kumar
दिल्ली दंगों की बहसें बड़ी होने लगी हैं. इन बहसों के लिए खलनायक चुन लिए गए हैं ताकि आराम कुर्सी पर बैठे प्रवक्ताओं के भाषण में जोश आ सके. धीरे-धीरे अब चैनलों से मरने वालों की संख्या भी हटती जा रही है, लेकिन उनके पीछे परिवार वाले अलग-अलग चुनौतियों से जूझ रहे हैं.
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दिल्ली चुनाव - बिरयानी का सियासी झूठ और रोज़गार का फ़रेब
- Tuesday February 4, 2020
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दिल्ली के चुनावों में फिर से एक बार बिरयानी की देग चढ़ गई है. राजनीति ने एक चश्मा दिया है और चाहती है कि आप उस चश्मे से खाने पीने और पहनने ओढ़ने की चीज़ों को देखना शुरू कर दे. बहुत लोग देखने भी लगे होंगे. हम भाषणों के झोंक में भूल जाते हैं कि भारत में शाकाहारी भी हैं और मांसाहारी भी हैं. जो मांसाहारी हैं वो भी त्योहारों के समय शाकाहारी हो जाते हैं और कई घरों में शाकाहारी भी होते हैं और मांसाहारी भी. बिरयानी हर मज़हब के लोग खाते हैं मगर दिल्ली के चुनावों ने जो चश्मा दिया है वो चाहता है कि आप उस चश्मे से सिर्फ एक समुदाय को बिरयानी खाते हुए देखें.
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शाहीन बाग़ जैसे प्रदर्शनों से कौन बोर हो गया है?
- Saturday January 18, 2020
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ऐसा क्या फैसला है ये कि इसे समझाने के लिए बीजेपी को देश भर में 250 प्रेस कांफ्रेंस और 1000 सभाएं करनी पड़ रही हैं. इसमें स्थानीय और राष्ट्रीय नेता भी हैं और दरवाज़े दरवाज़े जाकर कानून को समझाने का कार्यक्रम भी है. जब इस कानून को 130 करोड़ भारतीयों का समर्थन हासिल है तो फिर बीजेपी को इतनी रैलियां क्यों करनी पड़ रही हैं. अब यह देखा जाना चाहिए कि 1000 सभाओं में से कितनी सभाएं असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में होती हैं. जहां इस कानून के विरोध का स्वरूप ही कुछ अलग है.
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आतंकवादियों से क्या नाता रहा डीएसपी देविंदर सिंह का?
- Wednesday January 15, 2020
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मुझे हैरानी हो रही है कि डीएसपी दविंदर सिंह की आतंकवादियों के साथ गिरफ्तारी से लोग हैरान हैं. दरअसल हैरानी इसलिए कि बार-बार मना करने के बाद भी बहुत लोग आतंकवाद को मज़हब की निगाह से ही देखते हैं. आतंक को दूसरे सवालों और संबंधों के साथ नहीं देखते हैं?
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नागरिकता देने में धार्मिक आधार पर भेदभाव क्यों?
- Friday December 6, 2019
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राष्ट्रवाद की चादर में लपेटकर सांप्रदायिकता अमृत नहीं हो जाती है. उसी तरह जैसे ज़हर पर चांदी का वर्क चढ़ा कर आप बर्फी नहीं बना सकते हैं. हम चले थे ऐसी नागरिकता की ओर जो धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करती हो, लेकिन पहुंचने जा रहे हैं वहां जहां धर्म के आधार पर नागरिकता का फैसला होगा. नागरिकता को लेकर बहस करने वाले लोग पहले यही फैसला कर लें कि इस देश में किस-किस की नागरिकता अभी तय होनी है
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इलेक्टोरल बॉन्ड क्या पारदर्शिता के खिलाफ नहीं?
- Thursday November 28, 2019
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सिर्फ सरकार को पता है कि कौन कंपनी किसे चंदा दे रही है. अगर सरकार ने दबाव डालकर विरोधी दल को चंदा रोक दिया तो? आखिर दान देने वाले की पहचान छिपाने के पीछे मकसद क्या है?
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राज्यपाल ने संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन किया?
- Tuesday November 26, 2019
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लोकतंत्र में जब संविधान की धज्जियां उड़ने लगें तो वह भी नरक ही होता है अगर नरक होता है तो. यह तो सुप्रीम कोर्ट को तय करना है कि महाराष्ट्र में संविधान की धज्जियां उड़ी की नहीं हैं. 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाते हैं. इसी दिन भारत का संविधान तैयार रूप में स्वीकृत हुआ था. इसी दिन सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट के मामले में फैसला आएगा. 26 जनवरी 2016 को जब भारत संविधान के लागू होने के जश्न में डूबा था तब शाम सात बजकर 59 मिनट पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के कैबिनेट की सिफारिश पर दस्तखत कर रहे थे
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प्राइम टाइम इंट्रो: व्हाट्सएप कॉल में सेंध, पत्रकारों के फोन हुए हैक
- Friday November 1, 2019
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तो क्या व्हाट्सएप कॉल की जासूसी की जा सकती है? जिस व्हाट्सएप कॉल पर आम आदमी भी भरोसा करता है कि कोई सुन नहीं रहा होगा, उसे भी किसी सॉफ्टवेयर की मदद से हैक कर सुना जा सकता है. यह भरोसा टूटने पर आपको कैसा लगेगा?
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प्राइम टाइम इंट्रो: गोपाल कांडा और भारतीय राजनीति की बेशर्मी
- Friday October 25, 2019
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हरियाणा के सिरसा से विधायक गोपाल कांडा की बात क्या सिर्फ इसलिए हो रही है कि कांडा ने बीजेपी को सपोर्ट देने की बात कही है? क्या हम इस सवाल का जवाब ठोस रूप से जानते हैं कि अगर कांग्रेस को ज़रूरत होती तो गोपाल कांडा का सपोर्ट लेने से इंकार कर देती?
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प्राइम टाइम इंट्रो: महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम का विश्लेषण
- Friday October 25, 2019
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महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी की सरकार बन रही है. देवेंद्र फडणवीस और मनोहर लाल खट्टर ही मुख्यमंत्री होंगे. प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दोनों के पिछले कार्यकाल की तारीफ की है और आगे के लिए बधाई दे दी है. इस चुनाव में जनता ने अपनी तरफ से विपक्ष को भी मज़बूत किया है.
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भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी समेत तीन को नोबेल पुरस्कार
- Monday October 14, 2019
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आज का दिन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरी ख़बर लेकर आया है, मगर भारतीय मूल के अर्थशास्त्री के लिए बहुत ही अच्छी ख़बर लाया है. विश्व बैंक ने भारत की जीडीपी का अनुमान डेढ़ प्रतिशत घटा दिया है. 7.5 प्रतिशत से घटा कर 6 प्रतिशत कर दिया है. डेढ़ प्रतिशत की कमी बहुत होती है. दूसरी तरफ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में एमए करने वाले अभिजीत विनायक बनर्जी को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है.
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चीन में पत्रकारों को देना होगा चाटुकारिता का टेस्ट
- Friday September 27, 2019
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पत्रकारिता में चाटुकारिता करने वालों के लिए बुरी ख़बर है. अब तक चाटुकारिता को सबसे आसान बीट माना जाता था, लेकिन हर माल को सस्ता बनाकर बेचने वाले चीन ने चाटुकारिता को महंगा यानी मुश्किल बना दिया है. चीन में राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा होने जा रही है, जिसमें राष्ट्रपित शी जिनपिंग के राजनीतिक विचारों और मार्क्सवाद से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे. जो इस परीक्षा में पास होगा उसी को प्रेस कार्ड मिलेगा.
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झारखंड में पेड न्यूज का नया चेहरा
- Thursday September 19, 2019
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पेड न्यूज़ का नया रूप आया है. आया है, तो क्या कमाल आया है. क्या आपने या किसी नॉन रेज़िडेंट इंडियन ने यह सुना है कि सरकार अपनी योजनाओं की तारीफ छपवाने के लिए टेंडर निकाले और पत्रकारों से कहे कि वे अर्जी दें कि कैसे तारीफ करेंगे? विदेशों में ऐसा होता है या नहीं, ये तो नान रेज़िडेंट इंडियन ही बता सकते हैं कि क्या वाशिंगटन पोस्ट, गार्डियन, न्यूयार्क टाइम्स अपने पत्रकारों से कहे कि वे सरकार का टेंडर लें, उसकी योजना की जमकर तारीफ करते हुए लेख लिखें और फिर उसे दफ्तर ले आएं ताकि फ्रंट पेज पर छाप सकें? इसलिए कहा कि ऐसा कमाल बहुत कम होता है. युगों-युगों में एक बार होता है जब चाटुकारिता आफिशियल हो जाती है. वैसे भी होती है लेकिन जब विज्ञापन निकले, तारीफ के पैसे मिलें, यह बताया जाए तो चाटुकारिता पारदर्शी हो जाती है.
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पटना हाईकोर्ट में जज के फैसले से सनसनी क्यों?
- Friday August 30, 2019
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पटना हाई कोर्ट में आज अप्रत्याशित हुआ. जस्टिस राकेश कुमार के फैसले को 24 घंटे के भीतर 11 जजों की बेंच ने निरस्त कर दिया. जस्टिस राकेश कुमार से इस वक्त सारा काम ले लिया गया है. वो किसी केस की सुनवाई नहीं कर रहे हैं. इस फैसले में ऐसा क्या था कि सुबह-सुबह 11 जजों की बैठक हुई और पूरे फैसले को निरस्त किया. जस्टिस राकेश कुमार पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैय्या की अग्रिम ज़मानत के मामले में सुनवाई कर रहे थे. 23 मार्च 2018 को हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका ठुकरा दी थी.
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