तमिलनाडु में आज भारत के प्रथम प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को लेकर उड़ रहा हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें उनकी और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की मौत हो गई. आज दोपहर 12 बजकर 22 मिनट के करीब जब यह खबर आई तो सरकार और रक्षा प्रतिष्ठानों में सन्नाटा पसर गया. सरकार की इस चुप्पी के कारण कई घंटों तक अफवाहें फैलती रहीं. दुनिया भर की नज़रें सरकार की तरफ थीं कि सरकार क्या कहती है. छह घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आधिकारिक सूचना का इंतज़ार किया जाता रहा. इस बारे में भी कयास लग रहे थे कि दुर्घटना की खबर आने के छह घंटे से अधिक हो गए, सरकार आधिकारिक सूचना क्यों नहीं दे रही है. इतना लंबा वक्त क्यों लगा? उनके घर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के सांसद पहुंच गए मगर जनरल रावत कैसे हैं, इसकी कोई सूचना नहीं आई.
यह कोई सामान्य घटना नहीं है, न ही Mi सीरीज़ के इस हेलिकॉप्टर का दुर्घटनाग्रस्त हो जाना सामान्य बात है. शाम छह बजकर तीन मिनट पर भारतीय वायु सेना ने ट्वीट कर पुष्टि कर दी कि भारत के प्रथम प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत नहीं रहे. यह बताया गया कि इस हेलिकॉप्टर में सवार 14 में से 13 लोगों की मौत हो चुकी हैं. ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का इलाज चल रहा है. वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल में.
पूरे दिन हम ख़बरों के क्रम को आगे पीछे करते रहे और आधिकारिक सूचना का इंतज़ार करते रहे. हम चाहते हैं कि आप भी इस खबर को उसी क्रम में देखें. सुलूर एयरबेस भारतीय वायु सेना का महत्वपूर्ण एयरबेस माना जाता है. सुलूर कोयम्बटूर में है. यहीं से जनरल रावत सहित 14 लोगों को लेकर Mi-17V5 हेलिकॉप्टर उड़ा था जिसे वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेस स्टाफ कालेज पहुंचना था. ऊटी में यह कालेज है.
हमारे सहयोगियों और चश्मदीदों की जानकारी के अनुसार यह हेलिकॉप्टर उतरने से कुछ मिनट पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हमारी सारी जानकारियां शुरुआती हैं तकनीकि तौर पर कुछ अपुष्ट भी हो सकती हैं. हेलिकॉप्टर का पुर्ज़ा-पुर्ज़ा बिखर गया है और जल गया है. चश्मदीदों ने ऐसा बताया कि हेलिकॉप्टर काफी नीचे उड़ रहा था. सुलूर से उड़ान भरने के बाद इसने 94 किमी की यात्रा तय कर ली थी मगर मंज़िल पर पहुंचने से कुछ मिनट पहले क्रैश हो गया. जहां पर दुर्घटना हुई है उस जगह से वेलिंगटन का आर्मी कैंप 16 किलोमीटर की दूरी पर बताया जा रहा है. जहां यह घटना हुई है उसका नाम नांचापा चथारम है. कट्टेरी इलाका है. हमारे सहयोगी विष्णु सोम ने बताया कि तस्वीरें बता रही हैं कि ढलान पर दुर्घटना हुई है. कारणों का पता ब्लैक बॉक्स, डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकार्डर या कॉकपिट वाइस रिकार्डर से ही पता चलेगा. मौसम और अन्य कारणों की क्या भूमिका होगी यह सब जांच के बाद ही पता चलेगा.
Mi-17V5 हेलिकाप्टर में 14 लोग सवार थे जिसमें से 5 क्रू मेंबर थे. यह हेलिकॉप्टर भारतीय वायु सेना का था. दुर्घटना के कुछ ही देर बाद खबरें आने लगी कि पांच लोगों की मौत हो चुकी हैं. फिर उनकी पहचान नहीं बताई गई. कुछ के अस्तपाल ले जाने की भी सूचना गई. मगर कई घंटे बीत जाने तक जनरल रावत के बारे में कोई सूचना जारी नहीं की गई.
इस हेलिकॉफ्टर में जनरल रावत के साथ ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह भी सवार थे. जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत और रक्षा कमांडो भी थे. रक्षा सहायक भी थे. नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार. विवेक कुमार, बी साई तेजा, हवलदार सतपाल के अलावा पांच क्रू मेंबर भी थे.
दुर्घटना के वक्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री के साथ कैबिनेट की बैठक में शामिल थे. कैबिनेट की यह बैठक संसद में चल रही थी. ख़बर आई कि रक्षा मंत्री कैबिनेट की बैठक छोड़कर रक्षा मंत्रालय पहुंचे और वहां से जानकारी लेनी शुरू कर दी. रक्षा मंत्री संसद में भी बयान देंगे.
जैसे ही रक्षा मंत्री चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के घर पहुंचे, समझा जाने लगा कि अब कोई घोषणा होगी. लेकिन रक्षा मंत्री कामराज मार्ग स्थित जनरल रावत के घर ज्यादा देर नहीं रुके. वापस संसद की तरफ रवाना हो गए. उनके जाने के बाद खबर आई की उत्तराखंड से सांसद तीरथ सिंह रावत और अजय टम्टा भी जनरल रावत के घर पहुंच गए. तब जनरल रावत की स्थिति को लेकर संदेह और गहराने लगा. यहां उनके रिश्तेदार भी पहुंचने लगे थे. दोपहर ही खबर आ गई थी कि भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर मार्शल विवेक राम चौधरी घटना स्थल की तरफ रवना हो गए. भारतीय सेना के तीनों अंगों के प्रमुख का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है यह कोई सामान्य खबर नहीं है. इसलिए सूचना प्रसारण मंत्री ने भी कह दिया कि संबंधित मंत्रालय ही जानकारी देगा.
इस तरह से दिन के सवा चार बज गए. जनरल बिपिन रावत कैसे हैं किस हाल में हैं कोई पुष्ट जानकारी नहीं थी. हमारे सहयोगी अरविंथ ने बताया कि उन्हें बताया कि जनरल रावत को वेलिंगटन अस्पताल ले जाया गया है. उन्हें काफी बर्न इंजरी हुई है यानी गंभीर रूप से जल गए हैं.
जनरल बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी इस हेलिकॉप्टर में सवार थीं. मधुलिका रावत इंडियन कैंसर सोसायटी के लिए काम करती हैं. काफी लंबे समय से वे इससे जुड़ी हुई हैं. इस बीच तमिलनाडु के वन मंत्री घटनास्थल पर पहुंच चुके थे और खबर आई कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी मौके की तरफ रवाना हो रहे हैं. मुख्यमंत्री स्टालिन ने ट्वीट किया कि वे इस खबर से सदमे में हैं और आहत हैं कि जनरल रावत का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. मैंने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है कि बचाव कार्य में हर तरह की मदद पहुंचाएं और मैं खुद भी घटना स्थल पर पहुंच रहा हूं. राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर जनरल रावत की ख़ैरियत की प्रार्थना की.
छह साल पहले 2015 में नगालैंड के दीमापुर में भी एक हेलिकॉप्टर हादसे में जनरल रावत बचे थे. तब वे भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर थे. उस समय चीता हेलिकाप्टर पर सवार थे. उस समय हेलिकॉप्टर ज़्यादा ऊंचा नहीं गया था. बीस फुट ऊपर ही गया था कि क्रैश हो गया. उसमें सवार लोगों को मामूली चोटें आई थीं.
चार बजकर 43 मिनट पर हमारे सहयोगी सैम डैनियल ने खबर दी कि हेलिकॉप्टर में सवार 13 लोगों की मौत हो चुकी है. सैम को नीलगिरी के कलेक्टर ने यह जानकारी दी थी. सैम ने बताया कि एक व्यक्ति का इलाज चल रहा है. लेकिन इस वक्त तक भी जनरल रावत के बारे में कोई जानकारी नहीं आई. 14 लोग सवार थे और 13 लोगों के मरने की खबर आ जाती है.
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष को लेकर किसी भी तरह की सूचना इसलिए नहीं आ रही थी कि यह मामला सरकार और रक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील था. रक्षा मंत्री अपनी तरफ से मामले पर नज़र रख रहे थे. देश के कई महत्वपूर्ण विभाग सतर्क हो गए थे. दुर्घटना की खबर सबके सामने होने के बाद भी कई सारी जानकारियों का इंतज़ार किया गया. दूसरी तरफ संसद का सत्र चल रहा है. समझा गया कि रक्षा मंत्री शायद संसद में बयान दें. वे जनरल रावत के घर भी गए लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई. सभी उनकी ख़ैरियत की दुआ करते रहे. Mi हेलिकॉप्टर काफी भरोसेमंद माना जाता है. उस हेलिकॉप्टर पर मैंने भी सवारी की है. इसका क्रैश होना कोई सामान्य घटना नहीं है.ज़ाहिर है सरकार को ज़्यादा वक्त लेना ही था.
सवा पांच बजते-बजते खबर आने लगती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साढ़े छह बजे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई है. इस समय तक साफ होने लगा कि जनरल रावत के बारे में आज ही घोषणा की जाएगी. 6:03 पर भारतीय वायुसेना ने इसकी पुष्टि की कि जनरल बिपिन रावत नहीं रहे.
31 दिसंबर 2019 को जनरल विपिन रावत भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बने थे. इसके पहले तक वे तीन साल भारतीय सेना के प्रमुख के पद पर रह चुके थे. रक्षा मंत्रालय में सैनिक मामलों से जुड़े सभी मामले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के पास ही आते हैं. रक्षा मंत्री के प्रमुख रक्षा सलाहकार माने जाते हैं. न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के लिए भी रक्षा सलाहकार की भूमिका निभाते हैं. इस पद की कई अहम ज़िम्मेदारियां हैं जिसकी ज़रूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी.
वैसे जनरल रावत पीएचडी भी थे. उन्होंने मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से मिलिट्री मीडिया स्ट्रेटिजिक स्टडीज़ में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी. शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल के छात्र रहे जनरल रावत ने नेशनल डिफेंस एकेडमी से अपनी ट्रेनिंग ली. 1978 में इलेवेंथ गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन में शामिल हुए थे. तारीख थी 16 दिसंबर. इस बटालियन को उनके पिता ने भी कमांड किया था. अलग-अलग मोर्चों पर जनरल रावत का विशाल सैन्य रणनीतिक अनुभव हासिल था. पूर्वोत्तर के कोर कमांडर के पद पर रह चुके थे. जम्मू कश्मीर में अलग-अलग भूमिकाओं में रह चुके थे. इनका बायोडेटा वृहद है. 42 साल का अनुभव है. आज जिस डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ कालेज वेलिंगडन में भाषण देने जा रहे थे वहां से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की थी. वे 61 साल के थे.
अब 6:29 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी ट्वीट आ गया. प्रधानमंत्री ने तीन ट्वीट किए. पहले ट्वीट में प्रधानमंत्री जनरल रावत और अन्य सैन्य अधिकारियों के प्रति संवेदना जताई और कहा कि उनके विचार परिवार के साथ है. इन सभी ने पूरी निष्ठा के साथ देश की सेवा की है. दूसरे ट्वीट पर जनरल रावत के साथ अपनी तस्वीरें साझा की और बताया कि सेना को आधुनिक बनाने में उनकी कितनी अहम भूमिका थी. प्रधानमंत्री के बाद राष्ट्रपति ने भी ट्वीट कर अपनी संवेदना जताई.
हमारे सहयोगी विष्णु सोम ने बताया कि 1963 का हेलिकाप्टर क्रैश इससे भी बड़ा था. उस हेलिकाप्टर में सेना और वायुसेना के 11 बड़े अधिकारी सवार थे. जम्मू कश्मीर के पुंछ में चेतक हेलिकाप्टर क्रैश कर गया था जिसमें सेना के कई बड़े अधिकारी शामिल थे. लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह, जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ, वेस्टर्न कमांड, एयर वाइस मार्शल ई डब्ल्यू पिंटो थे.
MI-17V5 सीरीज़ का हेलिकॉप्टर अच्छा माना जाता है और बहुत पुराना भी नहीं है. आज इस दुर्घटना के संदर्भ में एनडीटीवी पर जितने भी पूर्व सैनिक अधिकारी आए सबने इस हेलिकॉप्टर की तारीफ की जिसमें प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत सवार थे.
इस हेलिकॉप्टर को भारत के लिए ही खास तौर से डिज़ाइन किया गया है. भारत में इसका खूब इस्तेमाल होता है. भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी इसका इस्तेमाल करते हैं. दक्षिण एशियाई देशों में भी यह हेलिकॉप्टर काफी इस्तेमाल में लाया जाता है. 2012 मे हमारे डिफेंस एडिटर राजीव रंजन ने वतन के रखवाले नाम से भारतीय सेना के तककीनी पहलुओं पर कई गंभीर कार्यक्रम किए थे. इस कार्यक्रम में राजीव रंजन ने इन हेलिकॉप्टरों पर बहुत अच्छी रिपोर्ट की थी.
तब यह हेलिकाप्टर भारतीय वायु सेना में नया-नया आया था और चेतक की मारक क्षमता इसके आगे फीकी लगने लगी थी. राजीव ने बार-बार ज़ोर दिया था कि देखने में यह हेलिकॉप्टर पुरानी डिज़ाइन का लगता है मगर सभी आधुनिक तकनीकी क्षमताओं से लैस है. युद्ध के मैदान और बचाव कार्यों में बराबर काम करता है. इसमें वेदर रेडार होता है जो अगले छह सौ किलो मीटर के इलाके में मौसम का हाल बताता है. दो-दो एंजिन हैं और इतना ईंधन भरा जा सकता है कि यह ग्यारह सौ किमी तक उड़ान भर सकता है. पहाड़ों के ऊपर उड़ने में ही इसे महारत हासिल है और यह आज पहाड़ों पर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया. MI सीरीज़ का यह रूसी हेलिकॉप्टर राहत और बचाव कार्यों के लिए काफी सक्षम माना जाता है. चार टन का वज़न आराम से उठाकर मौके पर पहुंचा देता है. इस हेलिकॉप्टर में एयरकंडीशन है. किसी ऊंची इमारत या जंगल में आग लग जाए तो पास की नदी से तीन हज़ार लीटर पानी खींचकर फायर ब्रिगेड की भूमिका निभा सकता है. यह भारतीय वायु सेना का बेहतरीन हेलिकॉप्टर है. कंप्यूटर के जरिए किस ऊंचाई और गति से उड़ रहे हैं इन सबकी जानकारी मिलती जाती है.
2016 के साल में जब उत्तराखंड के जंगलों में आग लगी थी तब बुझाने के लिए MI-17 का इस्तेमाल हुआ था. यह हेलिकाप्टर पास की नदी से पानी भर लेता है और आग बुझाने के काम में जुट जाता है. आज का दिन वाकई मुश्किलों भरा रहा है.