कश्मीरी पंडितो पर बनी यह फिल्म 'शिकारा' अपने बनने के दौरान उस पुराने कश्मीर को भी गढ़ती है. क्या यह सुखद नहीं है कि इस फिल्म के लिए असली किरदार जम्मू के जगती कैंप के लोग हैं. वहां से कई हज़ार लोगों को बसों में भर कर उस श्रीनगर में ले जाया गया जहां शिकारा की शूटिंग होती है. जब वे फिल्म की शूटिंग के लिए वापस जा सकते हैं तो उम्मीद होनी चाहिए कि घर भी जा सकते हैं. यही कारण था कि विधु विनोद चोपड़ा ने शूटिंग में मदद के लिए कश्मीर के मुसलमानों का भी शुक्रिया अदा किया.