- सब
- ख़बरें
- वीडियो
- वेब स्टोरी
-
सीरिया के भविष्य को लेकर पश्चिन एशिया के पुराने दो दुश्मनों में बढ़ रही कटुता
- Wednesday December 18, 2024
- Reported by: भाषा
सीरिया में बशर अल-असद के शासन का अंत होने के बाद पश्चिमी एशिया के पुराने दो दुश्मनों के बीच एक बार फिर से कटु प्रतिद्वंद्विता उभर रही है. सीरिया में ईरान और रूस की सबसे प्रभावशाली भूमिका के बजाय इजरायल और तुर्किये अपने परस्पर विरोधी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने का अवसर तलाश रहे हैं. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के नेतृत्व में हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंध तेजी से खराब हुए हैं. इससे दोनों देशों के बीच सीरिया को लेकर कटु टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई है.
- ndtv.in
-
Explainer: कभी बिकिनी में बोल्ड दिखने वाली ईरानी महिलाओं के सिर पर कैसे आया हिजाब? क्या है इसकी कहानी
- Tuesday December 17, 2024
- Edited by: अंजलि कर्मकार
ईरान में हिजाब लंबे समय से विवाद का मुद्दा रहा है. हिजाब का मुद्दा 70 साल पुराना है. 1979 से पहले ईरान बहुत ही खुला हुआ समाज था. वहां महिलाओं को वोटिंग राइट से लेकर शॉर्ट्स और बिकिनी पहनने की इजाजत थी. लेकिन, शाह के तख्तापलट के बाद सब कुछ बदल गया. हिजाब को महिलाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया.
- ndtv.in
-
बिना हिजाब के वर्चुअल कॉन्सर्ट में गाने पर ईरान की गायिका को किया गया गिरफ्तार
- Monday December 16, 2024
- Written by: राजीव मिश्र
ईरान में इस्लामी शासन है और इस्लामी शासन में गाना बजाना पर रोक होती है. ऐसे में एक महिला का बिना हिजाब के गाना तो और बड़ा अपराध हो जाता है. ऐसे में पुलिस की कार्रवाई होना तय होता है. टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, 27 वर्षीय ईरानी गायिका को बिना हिजाब पहने यूट्यूब पर एक वर्चुअल कॉन्सर्ट में प्रस्तुति देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है.
- ndtv.in
-
ईरान की सिंगर ने वर्चुअल कॉन्सर्ट में किया परफॉर्म, हिजाब नहीं पहनने पर हुई अरेस्ट
- Sunday December 15, 2024
- NDTV
परस्तू अहमदी ने गुरुवार को अपना कॉन्सर्ट ऑनलाइन पोस्ट किया था और इसके बाद ही एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
- ndtv.in
-
असद सरकार के पतन के बाद सीरिया में अमेरिका, रूस और ईरान का क्या हित है, क्या कर रहा है इजरायल
- Tuesday December 10, 2024
- Written by: राजेश कुमार आर्य
सीरिया में बशर अल असद की सत्ता का पतन होने के बाद अब उस पर किन देशों की नजर है. और अब वो क्या रुख अपनाएंगे. इसका पता आने वाले समय में ही चल पाएगा.
- ndtv.in
-
इस बार बशर अल असद के साथ क्यों नहीं आए रूस और ईरान, भारत क्या करेगा
- Monday December 9, 2024
- Edited by: राजेश कुमार आर्य
हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएएस) के लड़ाकों ने रविवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा जमा लिया. इसी के साथ राष्ट्रपति बशर अल असद की 24 साल पुरानी सत्ता का अंत हो गया. क्या इस बार रूस और ईरान से सीरिया की तरफ से आंखें मूद लीं. अगर हां तो दोनों ने ऐसा क्यों किया.
- ndtv.in
-
3 थके हुए दोस्त और... रूस, ईरान, हिजबुल्लाह ने असद को अकेला क्यों छोड़ा? सीरिया की पूरी कहानी समझिए
- Monday December 9, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: रितु शर्मा
59 वर्षीय बशर अल-असद ने अपने पिता हाफ़िज़ अल-असद की मृत्यु के बाद साल 2000 में सीरिया की सत्ता संभाली थी. साल 2011 के विरोध प्रदर्शनों का सामना करते हुए उन्होंने अपने पिता के क्रूर तरीकों को अपनाया और सीरिया को गृहयुद्ध में झोंका दिया था.
- ndtv.in
-
ईरान-इजरायल के बीच तनाव को लेकर वैश्विक चिंताएं, जयशंकर ने बताया भारत ने क्या किया
- Monday December 9, 2024
- Reported by: भाषा
विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा कि हम सभी के लिए इजरायल और ईरान के बीच संबंध या इसकी (संबंध की) अनुपस्थिति विशेष रूप से चिंता का विषय रही है. इसलिए हमारे कुछ कूटनीतिक प्रयास उस विशेष पहलू पर केंद्रित रहे हैं.
- ndtv.in
-
Explainer: सीरिया के पतन से मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन पर क्या होगा असर?
- Sunday December 8, 2024
- Written by: सूर्यकांत पाठक
मध्य पूर्व में एक बड़े तख्ता पलट के तहत सीरिया में इस्लामी विद्रोहियों ने दमिश्क पर नियंत्रण करने के बाद रविवार को राष्ट्रपति बशर अल-असद को पद से हटाने की घोषणा कर दी. इससे असद को भागने पर मजबूर होना पड़ा. करीब 13 साल से अधिक समय तक चले गृहयुद्ध के बाद असद के परिवार के दशकों के शासन का अंत हो गया. बशर अल-असद का पतन क्षेत्र में बड़ा प्रभाव रखने वाले रूस और ईरान के लिए एक बड़ा झटका है. यह दोनों असद के ऐसे प्रमुख सहयोगी हैं जिन्होंने संघर्ष में महत्वपूर्ण दौर में उनका समर्थन किया था.
- ndtv.in
-
कभी जनता पर चलवाए थे तोप के गोले, लाखों का कराया था कत्लेआम, सीरिया में खत्म हुआ असद का 50 साल पुराना शासन
- Sunday December 8, 2024
- Written by: समरजीत सिंह
बशर अल असद को शुरू से ही रूस और ईरान जैसे देशों को समर्थन प्राप्त था लेकिन बीते कुछ वर्षों में रूस जहां यूक्रेन से युद्ध में वहीं ईरान के इजरायल से संघर्ष में शामिल होने से असद का सत्ता पर कंट्रोल पहले के मुकाबले कमजोर हुआ था.
- ndtv.in
-
लंबी लड़ाई के बाद इजरायल को चाहिए गोला-बारूद, दुनिया में मची हथियारों की होड़
- Friday November 29, 2024
- Written by: राजीव मिश्र
युद्धविराम के बाद इजराइल (Israel) की सबसे बड़ी चुनौती लेबनान (Lebanon) में नहीं बल्कि अमेरिका और जर्मनी (United States and Germany) में है. क्या कारण इस पर बात करेंगे, लेकिन ऐसी स्थिति क्यों बनी पहले यह समझना जरूरी हो जाता है. इजरायल ने गाज़ा (Gaza) में हमास (Hamas) के खिलाफ पिछले एक साल से ज्यादा समय से हमले कर रहा है. फिर पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त तक लेबनान पर भी इजरायल ने कई हमले किए ताकि हिजबुल्लाह (Hezbollah) लड़ाकों का सफाया किया जा सके. इस बीच में ईरान (Iran) और इजरायल ने एक दूसरे पर मिसाइल और लड़ाकू विमानों से हमले किए. इतने लंबे समय से गोला-बारूद, मिसाइलों से हमले, टैंकों का इस्तेमाल, लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल और लड़ाकू हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करने से इजरायल का रक्षा तंत्र कुछ कमजोर होता जा रहा है.
- ndtv.in
-
हिजबुल्लाह का हो गया सफाया, इजरायल को फिर क्यों सता रहा वापसी का डर
- Friday November 29, 2024
- Written by: राजीव मिश्र
लेबनान के साथ इजरायल ने समझौता कर लिया है. इजरायल लेबनान के भीतर हिजबुल्लाह आतंकी संगठन को निशाना बना रहा था और इजरायल ने संगठन को मिटाने के अपने मकसद को पूरा करने के बाद इजरायल से समझौता भी कर लिया और एक सवाल जो सबके मन में है कि क्या हिजबुल्लाह के आतंकियों को पूरी तरह से मिटा दिया गया है. क्या उनके हथियारों को नष्ट कर दिया गया है. क्या अब फिर कभी हिजबुल्लाह के लड़ाके फिर कभी सिर नहीं उठा पाएंगे. 27 नवंबर को यह समझौता किया गया और इसे तुरंत इसी शर्त के साथ लागू किया गया कि यदि लेबनान की ओर से फिर इजरायल पर कोई हमला होता है तब इजरायल एक बार फिर सैन्य कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है. इजरायल ने भी इस बारे में धमकी में यह बात कही है.
- ndtv.in
-
इजरायल ने युद्ध विराम के बाद केंद्रीय स्थलों पर लोगों के एकत्र होने संबंधी पाबंदी हटाई
- Friday November 29, 2024
- Reported by: IANS, Edited by: रितु शर्मा
7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था. हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था. इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है.
- ndtv.in
-
ईरान की चेतावनी, यदि प्रतिबंध फिर से लागू किए तो वह न्यूक्लियर आर्म्स बेन कर सकता है खत्म
- Friday November 29, 2024
- Reported by: एएफपी, Edited by: सूर्यकांत पाठक
ईरान के शीर्ष राजनयिक ने गुरुवार को द गार्जियन को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि यदि पश्चिमी देशों ने उस पर प्रतिबंध फिर से लगाए तो ईरान परमाणु हथियार प्राप्त करने पर प्रतिबंध हटा सकता है. ईरान शुक्रवार को अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी से मिलने वाला है. ईरानी राजनयिक ने इस बातचीत से पहले उक्त बात कही. इन तीनों सरकारों ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था द्वारा तेहरान की निंदा करवाने के लिए अमेरिका के साथ हाथ मिलाया है.
- ndtv.in
-
सीरिया के भविष्य को लेकर पश्चिन एशिया के पुराने दो दुश्मनों में बढ़ रही कटुता
- Wednesday December 18, 2024
- Reported by: भाषा
सीरिया में बशर अल-असद के शासन का अंत होने के बाद पश्चिमी एशिया के पुराने दो दुश्मनों के बीच एक बार फिर से कटु प्रतिद्वंद्विता उभर रही है. सीरिया में ईरान और रूस की सबसे प्रभावशाली भूमिका के बजाय इजरायल और तुर्किये अपने परस्पर विरोधी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने का अवसर तलाश रहे हैं. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के नेतृत्व में हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंध तेजी से खराब हुए हैं. इससे दोनों देशों के बीच सीरिया को लेकर कटु टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई है.
- ndtv.in
-
Explainer: कभी बिकिनी में बोल्ड दिखने वाली ईरानी महिलाओं के सिर पर कैसे आया हिजाब? क्या है इसकी कहानी
- Tuesday December 17, 2024
- Edited by: अंजलि कर्मकार
ईरान में हिजाब लंबे समय से विवाद का मुद्दा रहा है. हिजाब का मुद्दा 70 साल पुराना है. 1979 से पहले ईरान बहुत ही खुला हुआ समाज था. वहां महिलाओं को वोटिंग राइट से लेकर शॉर्ट्स और बिकिनी पहनने की इजाजत थी. लेकिन, शाह के तख्तापलट के बाद सब कुछ बदल गया. हिजाब को महिलाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया.
- ndtv.in
-
बिना हिजाब के वर्चुअल कॉन्सर्ट में गाने पर ईरान की गायिका को किया गया गिरफ्तार
- Monday December 16, 2024
- Written by: राजीव मिश्र
ईरान में इस्लामी शासन है और इस्लामी शासन में गाना बजाना पर रोक होती है. ऐसे में एक महिला का बिना हिजाब के गाना तो और बड़ा अपराध हो जाता है. ऐसे में पुलिस की कार्रवाई होना तय होता है. टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, 27 वर्षीय ईरानी गायिका को बिना हिजाब पहने यूट्यूब पर एक वर्चुअल कॉन्सर्ट में प्रस्तुति देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है.
- ndtv.in
-
ईरान की सिंगर ने वर्चुअल कॉन्सर्ट में किया परफॉर्म, हिजाब नहीं पहनने पर हुई अरेस्ट
- Sunday December 15, 2024
- NDTV
परस्तू अहमदी ने गुरुवार को अपना कॉन्सर्ट ऑनलाइन पोस्ट किया था और इसके बाद ही एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
- ndtv.in
-
असद सरकार के पतन के बाद सीरिया में अमेरिका, रूस और ईरान का क्या हित है, क्या कर रहा है इजरायल
- Tuesday December 10, 2024
- Written by: राजेश कुमार आर्य
सीरिया में बशर अल असद की सत्ता का पतन होने के बाद अब उस पर किन देशों की नजर है. और अब वो क्या रुख अपनाएंगे. इसका पता आने वाले समय में ही चल पाएगा.
- ndtv.in
-
इस बार बशर अल असद के साथ क्यों नहीं आए रूस और ईरान, भारत क्या करेगा
- Monday December 9, 2024
- Edited by: राजेश कुमार आर्य
हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएएस) के लड़ाकों ने रविवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा जमा लिया. इसी के साथ राष्ट्रपति बशर अल असद की 24 साल पुरानी सत्ता का अंत हो गया. क्या इस बार रूस और ईरान से सीरिया की तरफ से आंखें मूद लीं. अगर हां तो दोनों ने ऐसा क्यों किया.
- ndtv.in
-
3 थके हुए दोस्त और... रूस, ईरान, हिजबुल्लाह ने असद को अकेला क्यों छोड़ा? सीरिया की पूरी कहानी समझिए
- Monday December 9, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: रितु शर्मा
59 वर्षीय बशर अल-असद ने अपने पिता हाफ़िज़ अल-असद की मृत्यु के बाद साल 2000 में सीरिया की सत्ता संभाली थी. साल 2011 के विरोध प्रदर्शनों का सामना करते हुए उन्होंने अपने पिता के क्रूर तरीकों को अपनाया और सीरिया को गृहयुद्ध में झोंका दिया था.
- ndtv.in
-
ईरान-इजरायल के बीच तनाव को लेकर वैश्विक चिंताएं, जयशंकर ने बताया भारत ने क्या किया
- Monday December 9, 2024
- Reported by: भाषा
विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा कि हम सभी के लिए इजरायल और ईरान के बीच संबंध या इसकी (संबंध की) अनुपस्थिति विशेष रूप से चिंता का विषय रही है. इसलिए हमारे कुछ कूटनीतिक प्रयास उस विशेष पहलू पर केंद्रित रहे हैं.
- ndtv.in
-
Explainer: सीरिया के पतन से मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन पर क्या होगा असर?
- Sunday December 8, 2024
- Written by: सूर्यकांत पाठक
मध्य पूर्व में एक बड़े तख्ता पलट के तहत सीरिया में इस्लामी विद्रोहियों ने दमिश्क पर नियंत्रण करने के बाद रविवार को राष्ट्रपति बशर अल-असद को पद से हटाने की घोषणा कर दी. इससे असद को भागने पर मजबूर होना पड़ा. करीब 13 साल से अधिक समय तक चले गृहयुद्ध के बाद असद के परिवार के दशकों के शासन का अंत हो गया. बशर अल-असद का पतन क्षेत्र में बड़ा प्रभाव रखने वाले रूस और ईरान के लिए एक बड़ा झटका है. यह दोनों असद के ऐसे प्रमुख सहयोगी हैं जिन्होंने संघर्ष में महत्वपूर्ण दौर में उनका समर्थन किया था.
- ndtv.in
-
कभी जनता पर चलवाए थे तोप के गोले, लाखों का कराया था कत्लेआम, सीरिया में खत्म हुआ असद का 50 साल पुराना शासन
- Sunday December 8, 2024
- Written by: समरजीत सिंह
बशर अल असद को शुरू से ही रूस और ईरान जैसे देशों को समर्थन प्राप्त था लेकिन बीते कुछ वर्षों में रूस जहां यूक्रेन से युद्ध में वहीं ईरान के इजरायल से संघर्ष में शामिल होने से असद का सत्ता पर कंट्रोल पहले के मुकाबले कमजोर हुआ था.
- ndtv.in
-
लंबी लड़ाई के बाद इजरायल को चाहिए गोला-बारूद, दुनिया में मची हथियारों की होड़
- Friday November 29, 2024
- Written by: राजीव मिश्र
युद्धविराम के बाद इजराइल (Israel) की सबसे बड़ी चुनौती लेबनान (Lebanon) में नहीं बल्कि अमेरिका और जर्मनी (United States and Germany) में है. क्या कारण इस पर बात करेंगे, लेकिन ऐसी स्थिति क्यों बनी पहले यह समझना जरूरी हो जाता है. इजरायल ने गाज़ा (Gaza) में हमास (Hamas) के खिलाफ पिछले एक साल से ज्यादा समय से हमले कर रहा है. फिर पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त तक लेबनान पर भी इजरायल ने कई हमले किए ताकि हिजबुल्लाह (Hezbollah) लड़ाकों का सफाया किया जा सके. इस बीच में ईरान (Iran) और इजरायल ने एक दूसरे पर मिसाइल और लड़ाकू विमानों से हमले किए. इतने लंबे समय से गोला-बारूद, मिसाइलों से हमले, टैंकों का इस्तेमाल, लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल और लड़ाकू हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करने से इजरायल का रक्षा तंत्र कुछ कमजोर होता जा रहा है.
- ndtv.in
-
हिजबुल्लाह का हो गया सफाया, इजरायल को फिर क्यों सता रहा वापसी का डर
- Friday November 29, 2024
- Written by: राजीव मिश्र
लेबनान के साथ इजरायल ने समझौता कर लिया है. इजरायल लेबनान के भीतर हिजबुल्लाह आतंकी संगठन को निशाना बना रहा था और इजरायल ने संगठन को मिटाने के अपने मकसद को पूरा करने के बाद इजरायल से समझौता भी कर लिया और एक सवाल जो सबके मन में है कि क्या हिजबुल्लाह के आतंकियों को पूरी तरह से मिटा दिया गया है. क्या उनके हथियारों को नष्ट कर दिया गया है. क्या अब फिर कभी हिजबुल्लाह के लड़ाके फिर कभी सिर नहीं उठा पाएंगे. 27 नवंबर को यह समझौता किया गया और इसे तुरंत इसी शर्त के साथ लागू किया गया कि यदि लेबनान की ओर से फिर इजरायल पर कोई हमला होता है तब इजरायल एक बार फिर सैन्य कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है. इजरायल ने भी इस बारे में धमकी में यह बात कही है.
- ndtv.in
-
इजरायल ने युद्ध विराम के बाद केंद्रीय स्थलों पर लोगों के एकत्र होने संबंधी पाबंदी हटाई
- Friday November 29, 2024
- Reported by: IANS, Edited by: रितु शर्मा
7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था. हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था. इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है.
- ndtv.in
-
ईरान की चेतावनी, यदि प्रतिबंध फिर से लागू किए तो वह न्यूक्लियर आर्म्स बेन कर सकता है खत्म
- Friday November 29, 2024
- Reported by: एएफपी, Edited by: सूर्यकांत पाठक
ईरान के शीर्ष राजनयिक ने गुरुवार को द गार्जियन को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि यदि पश्चिमी देशों ने उस पर प्रतिबंध फिर से लगाए तो ईरान परमाणु हथियार प्राप्त करने पर प्रतिबंध हटा सकता है. ईरान शुक्रवार को अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी से मिलने वाला है. ईरानी राजनयिक ने इस बातचीत से पहले उक्त बात कही. इन तीनों सरकारों ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था द्वारा तेहरान की निंदा करवाने के लिए अमेरिका के साथ हाथ मिलाया है.
- ndtv.in