PM मोदी ने लैंड डिजिटाइजेशन के लिए की प्रशंसा लेकिन MP के कुछ BJP नेताओं पर ही जमीन पर कब्‍जे के आरोप..

सागर में सूखी झील की जमीन पर अंदर तक 1.34 एकड़ में अतिक्रमण हो गया. नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल (एनजीटी) ने कलेक्टर को सीमांकन के आदेश दिये हैं, लेकिन आरोप है कि बीजेपी के पूर्व सांसद सहित कई रसूखदारों का जमीन पर कब्जा है इसलिये प्रशासन कुछ कर नहीं रहा.

भोपाल :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh)में लैंड डिजिटाइजेशन को लेकर शिवराज सिंह चौहान सरकार की खूब तारीफ की है, लेकिन कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर ही जमीन कब्जाने के गंभीर आरोप हैं. पीएम मोदी ने कहा था, 'शिवराज के नेतृत्व में एमपी लैंड डिजिटाइजेशन के मामले में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है. चाहे डिजिटल रिकॉर्ड का दायरा बढ़ाना हो या फिर रिकॉर्ड की क्वालिटी, मध्यप्रदेश प्रशंसनीय कार्य कर रहा है. प्रधानमंत्री कह रहे हैं लैंड डिजिटाइजेशन के मामले में मध्यप्रदेश अव्वल नंबर पर है

पीएम भले ही इस मामले में मध्‍य प्रदेश की तारीफ कर रहे हैं लेकिन कुछ सवाल भी उठ रहे हैं.सीहोरे जिले में एक पंप के गेट पर पीछे हर जगह प्रशासन ने कंटीली बाड़ लगा दी है. आरोप है कि सीहोर जिले में शाहगंज के पंप मालिक ने जमीन का अतिक्रमण किया. खसरा नंबर 188, 189-3, वैसे इसी तहसीलदार दफ्तर ने सालों पहले कहा था कि यही खसरा 188, 189-3 सड़क निर्माण में जा चुका है.सवाल है जिस जमीन पर चलती फिरती सड़क है उस पर अतिक्रमण हुआ तो भी तो कैसे? दूसरी ओर पंप मालिक का कहना है कि सत्ताधारी दल के ताकतवर सांसद की उनकी जमीन पर नजर है. पेट्रोल पंप मालिक अनिरुद्ध प्रताप सिंह कहते हैं, 'पटवारी की रिपोर्ट पर मुझे बेरोजगार कर दिया. वो सांसद हैं मैं आम आदमी हूं. मैं नतमस्तक होना चाहता हूं वो सब लें लें, पंप ले लें जमीन ले लें मुझे बख्श दें .

सागर में तो सूखी झील की जमीन पर अंदर तक 1.34 एकड़ में अतिक्रमण हो गया. नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल (एनजीटी) ने कलेक्टर को सीमांकन के आदेश दिये हैं, लेकिन आरोप है कि बीजेपी के पूर्व सांसद सहित कई रसूखदारों का जमीन पर कब्जा है इसलिये प्रशासन कुछ कर नहीं रहा. वकील जगदेव सिंह ठाकुर ने कहा, 'प्रशासन ने 2016 में पैमाइश करवाई थी तो ढाई-तीन एकड़ में अतिक्रमण पाया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हाईकोर्ट ने नगर निगम और शासन से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. पुन पैमाइश में कुछ रकबा घटा है जिसमें कई रसूखदार लोगों के मकान बने हैं जिसमें पूर्व सांसद लक्ष्मी यादव, आरएसएस का भी कार्यालय है.

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह इस मामले में गंभीर सवाल उठा रहे हैं,वहीं तो बीजेपी सवालों के जवाब देने के बजाए दिग्विजय पर हीसवाल उठा रही है. दिग्विजय ने कहा, 'शायद मोदीजी को जानकारी नहीं है. शिवराज जी का भूमिप्रेम और बीजेपी नेताओं और आरएसएस के भूमि प्रेम के बारे में उनको जानकारी नहीं है.आज विदिशा के सांसद, पेट्रोल पंप ओनर को प्रदेश छोड़कर जाने के लिये मजबूर कर रहे हैं. इससे पहले, भोपाल में गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र के पार्क की जमीन को आरएसएस से जुड़ी एक संस्था को दिए जाने पर भी गंभीर सवाल उठे हैं. पुरानी कहावत है ' जब बागड़ ही खेत को खाने लगे', सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर जमीन कब्जाने के जो आरोप लग रहे हैं, इसे देखते हुए यही कहावत याद आती है. जिस राज्य में हजारों एकड़ की जमीन सीमांकन को तरस रही हो वहां डिजिटाइजेशन के रिकॉर्ड की बातें बेमानी लगती है. 
 

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