
- मंत्री छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री को आठ पन्नों का पत्र लिखकर मराठा आरक्षण के सरकारी निर्णय पर आपत्ति जताई है
- मंत्रिमंडल उपसमिति के अध्यक्ष विखे पाटिल ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को आदेश लागू करने के निर्देश दिए हैं
- मराठा समुदाय के युवाओं को कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने और आपराधिक मामले वापस लेने की कार्रवाई होगी
एक तरफ नाराज मंत्री छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री को 8 पन्नों का पत्र लिखकर मराठा आरक्षण के लिए निकाले गए GR पर आपत्ति जताई. वहीं मराठा आरक्षण के लिए बने मंत्रिमंडल की उपसमिति ने मंत्री विखे पाटिल के नेतृत्व में इस GR को लागू करने के लिए एक अहम बैठक ली.
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद, मराठा आरक्षण मंत्रिमंडल उप-समिति की बैठक हुई. राज्य के सभी जिलाधिकारियों को मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन के बाद सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं.
मराठा आरक्षण मंत्रिमंडल उप समिति के अध्यक्ष मंत्री विखे पाटिल ने बताया कि मनोज जरांगे पाटिल की मांग और सरकार द्वारा जारी सरकारी निर्णय के अनुसार लिए गए निर्णयों के संबंध में राज्य के सभी जिलाधिकारियों के साथ चर्चा की गई. तदनुसार, मराठा समुदाय के युवाओं को कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने के संबंध में कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए गए. राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया कि इस महीने के अंत तक आपराधिक मामले वापस ले लिए जाएंगे.
विखे पाटिल ने बताया कि हर सोमवार को जिले में जिला कलेक्टरों और पुलिस अधिकारियों की बैठक होगी, जिसके बाद मंगलवार को कैबिनेट को जानकारी दी जाएगी. इस बीच, सरकार ने मराठा आरक्षण आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी और सहायता देने के आदेश भी दिए हैं. मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार द्वारा जारी किए गए सरकारी आदेश को जल्द लागू करने की मांग की है. सरकार ने इसके अनुसार आदेश दे दिए हैं. हालांकि, विखे पाटिल ने यह भी कहा कि वह मनोज जरांगे पाटिल से अनुरोध करते हैं कि वे इसे लागू करने के लिए कुछ समय दें.
नाराज बताए जा रहे मंत्री छगन भुजबल पर मंत्री विखे पाटील ने कहा कि राज्य सरकार पर कोई दबाव नहीं था, सरकार ने सोच-समझकर यह फैसला लिया है. मैं छगन भुजबल से मिलकर उनकी गलतफहमी दूर करूंगा इसलिए, सरकार के फैसले को वापस लेने की कोई जरूरत नहीं है.
इस पर मनोज जरांगे ने कहा, "भुजबल चाहे फडणवीस को जितने भी पन्नों की शिकायत करें, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. भुजबल को मराठाओं को बरगलाने की आदत हो गई है और मराठा को सावधान रहना चाहिए. हमें पूरा यकीन है कि देवेंद्र फडणवीस किसी की नहीं सुनेंगे. हमारे जीआर में कोई हेराफेरी नहीं होगी, अगर कोई हेराफेरी की गई तो सरकार को परिणाम भुगतने होंगे."
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