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बाप रे बाप! छठी मईया अब लौटें कैसे? बिहार में लौटती ट्रेनों में जरा भीड़ देखिए

Bihar UP Delhi Mumbai Trains: दीपावली और छठ के बाद नौकरी पर लौटते श्रमिक और यात्री श्रमजीवी एक्सप्रेस में जोखिम भरी यात्रा करने को मजबूर हैं. शौचालय में बैठकर कर रहे यात्रा, आरक्षित टिकट होने के बावजूद नहीं चढ़ पा रहे ट्रेन पर ...

बाप रे बाप! छठी मईया अब लौटें कैसे? बिहार में लौटती ट्रेनों में जरा भीड़ देखिए
Bihar UP Delhi Mumbai Trains: बिहार से जाने वाली ट्रेनों में चढ़ पाना भी यात्रियों के लिए मुश्किल हो रहा है.

Bihar UP Delhi Mumbai Train: अपने घर से मीलों दूर काम करने वाले बिहार के लोग साल भर में कम से कम एक बार छठ के मौके पर अपने घर जरूर पहुंचना चाहते हैं. यही कारण है कि हर साल रेलवे की तरफ से पुरजोर व्यवस्था के बावजूद हालात बदतर ही रहते हैं. बिहार के हर रेलवे स्टेशन पर कमोबेश एक ही नजारा है. ट्रेन आती है और उसमें सवार होने के लिए यात्रियों में दम-खम का पूरा जोर लगता है. कुछ जीतकर ट्रेन में सवार हो जाते हैं और बाकी प्लेटफॉर्म पर ही रह जाते हैं.

बिहार शरीफ का हाल जान लें

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बिहार शरीफ का ही नजारा देखिए. यहां छठ पूजा खत्म होते ही श्रमजीवी एक्सप्रेस में यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. हालात ऐसे हैं कि कई यात्री पटरी के पास खड़े होकर यात्रा कर रहे हैं. वहीं कुछ शौचालय में यात्रा करने को मजबूर हैं. मुन्नी खातून, पंकज कुमार, बबलू कुमार जैसे यात्रियों ने बताया कि दिल्ली जाने के लिए श्रमजीवी एक्सप्रेस ही एकमात्र ट्रेन है.इस वजह से रोजाना इसमें भारी भीड़ देखने को मिल रही है. आज स्थिति ऐसी हो गई कि एसी टिकट लेकर सफर करने वाले यात्री जनरल बोगी में यात्रा करने को मजबूर हैं और जो बिना टिकट के हैं, वे एसी बोगी में सफर कर रहे हैं. यात्रियों का कहना है कि लगभग 25% यात्रियों को ट्रेन के अत्यधिक भीड़ के कारण घर लौटना पड़ रहा है. बख्तियारपुर और शेखपुरा जिलों से भी लोग बिहार शरीफ जंक्शन पर श्रमजीवी एक्सप्रेस पकड़ने के लिए आते हैं, लेकिन भीड़ की वजह से ट्रेन छूट जाती है. यात्रियों ने सरकार से मांग की है कि इस रूट पर अधिक ट्रेनें चलाई जाएं ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके और किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके.

मुजफ्फरपुर, सहरसा का भी यही हाल

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मुजफ्फरपुर का हाल भी जान लीजिए. बिहार से दिल्ली आने वाली ट्रेनों में भीड़ की वजह से पैर रखना मुश्किल हो रहा है. भीड़ की वजह से स्थिति यह है कि लोग ट्रेन के शौचालय में बैठ कर यात्रा कर रहे हैं. बिहार के सहरसा से दिल्ली आने वाली 12553 वैशाली एक्सप्रेस में छठ और दिवाली के लिए घर गए लोगों की वापसी की वजह से शौचालय भी ऊपर तक भरे हुए हैं. ट्रेनों के शौचालय में खड़े होकर यात्रा कर रहे दिल्ली में चप्पल की फैक्ट्री में काम करने वाले इमरान ने ट्रेन में होने वाली दिक्कत पर बात करते हुए आईएएनएस से कहा, “भीड़ की वजह से हम लोगों को यात्रा में बहुत दिक्कत होती है. आलम यह है कि हम सब शौचालय में खड़े होकर 1000 किलोमीटर से ज्यादा का सफर करने को मजबूर हैं. मैं इस ट्रेन पर बरौनी से सफर कर रहा हूं. इसमें बहुत ज्यादा भीड़ है. हम सिर्फ दो दिन के लिए घर आए थे. मेरे साथ ट्रेन के शौचालय में दो महिलाएं और दो बच्चे भी बैठे हैं.” एक अन्य यात्री सूरजकांत झा बताते हैं, “हम सहरसा स्टेशन से दिल्ली जा रहे हैं. ट्रेन चलने के बहुत पहले ही स्टेशन पर पहुंच गया था. इतनी ज्यादा भीड़ है. हम लोग एक साल बाद अपने घर आते हैं. इस तरह से जाने में बहुत परेशानी होती है. बैठने में इतनी परेशानी है कि हम लोग भीड़ की वजह से दब गए हैं. सरकार को और ट्रेनें चलानी चाहिए. ट्रेन में इतनी भीड़ नहीं होनी चाहिए.'

सारे इंतजाम हो रहे फेल

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दिल्ली जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे एक बुजुर्ग मोहम्मद नूर आलम बताते हैं, “ मैं हॉलीडे स्पेशल ट्रेन के लिए पिछले 12 घंटे से इंतजार कर रहा हूं. ट्रेन अभी तक नहीं मिली है. ट्रेन रात 10 बजे आने को बताई गई थी. अब 31.5 घंटे लेट बताई जा रही है. मेरी पत्नी दिल की बीमारी से ग्रसित है. ट्रेन न मिलने से मैं बहुत परेशान हूं.” भीड़ की वजह से सीतामढ़ी से आ रहे चंदन सिंह ने अपनी ट्रेन मुजफ्फरपुर जंक्शन पर छोड़ दी. उन्होंने आईएएनएस को बताया, “मेरी ट्रेन को कई बार रिशेड्यूल किया गया. अभी भी ट्रेन 31 मिनट लेट है. मैं अपने परिवार को लेकर बहुत परेशान हूं.” मुजफ्फरपुर में आरपीएफ के एक अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, “भीड़ के चलते यात्रियों को चढ़ने में कोई दिक्कत न हो इसलिए हमने रस्सी लगा दी है. लोगों को लाइन से जनरल कोच में बिठाया जा रहा है. हमने पूरे स्टेशन एरिया में जवानों को फैला दिया है, जिससे कोई दुर्घटना न हो पाए. हम ड्रोन कैमरे से स्टेशन के चारों तरफ की फुटेज देख रहे हैं. दमकल की गाड़ियां भी मौके पर बुला ली हैं, जिससे किसी प्रकार की कोई दुर्घटना न हो.”

शुक्रवार को बरौनी, दरभंगा, दानापुर, गया, जयनगर, मुजफ्फरपुर, पटना, रक्सौल, सहरसा, समस्तीपुर एवं अन्य स्टेशनों से 35 विशेष ट्रेनें देश के विभिन्न स्टेशनों के लिए चलीं.

पटना से लेकर हर जगह वही कहानी

पटना के रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर भी भीड़ लगी है. स्टेशनों के टिकट खिड़कियों पर लोगों की लंबी कतार लगी है, तो कई तत्काल में ही टिकट ले रहे हैं. ऐसे लोग भी हैं, जो छठ पर अपने प्रदेश आये थे, उन्हें ट्रेनों में सीट नहीं रहने के कारण चिंता सता रही है. ट्रेन में भीड़ से बचने के लिए लोग बसों का सहारा ले रहे हैं. बिहार से अन्य राज्यों में जाने वाली बसों का किराया आसमान छू रहा है. बताया जा रहा है पटना से लखनऊ के लिए निजी बसों में 2800 से 3000 रुपये तक किराया वसूला जा रहा है. कुछ लोग भीड़ से बचने के लिए चार -पांच दिन बाद वापस लौटने की योजना बना रहे हैं. इधर, भीड़ को देखते हुए रेलवे ने विशेष व्यवस्था बनाई है. पूर्व मध्य रेलवे का दावा है कि विभिन्न रेलवे स्टेशनों से विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि आठ नवंबर से 22 नवंबर के बीच पूर्व मध्य रेल के विभिन्न स्टेशनों से लंबी दूरी की 446 विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था की गई है. सुरक्षा को लेकर भी चौकसी बरती जा रही है. राज्य सरकार से समन्वय स्थापित कर विभिन्न स्टेशनों पर होमगार्ड की तैनाती की गई है.

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