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Doctor ने बताया कान से मैल न‍िकालने का बेस्‍ट तरीका, उंगली, पैंस‍िल, पि‍न या इयरबड नहीं, ऐसे खुदबखुद बाहर आएगी कान में जमी गंदगी

Kaan Ki Gandagi Kaise Nikale: बिना नुकसान पहुंचाए कान में जमा गंदगी को चुंबक की तरह खींचकर निकाल बाहर कर देंगे ये 3 तरीके. तो चलिए जानते हैं डॉक्टर का क्या कहना है इस बारे में.

Doctor ने बताया कान से मैल न‍िकालने का बेस्‍ट तरीका, उंगली, पैंस‍िल, पि‍न या इयरबड नहीं, ऐसे खुदबखुद बाहर आएगी कान में जमी गंदगी
Tips to Remove Earwax: कान में जमा मैल कैसे निकालें.

Tips to Remove Earwax: आज के समय में बहुत से लोग कान का मैल यानी ईयरवैक्स से परेशान रहते हैं. सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि छोटे बच्चों में भी ये समस्या काफी देखी जाती है.  इसे मेडिकल भाषा में सिरुमेन कहा जाता है. यह नेचुरल पदार्थ है जो कान की ग्रंथियों से बनता है. हालांकि वैक्स कान की सुरक्षा के लिए जरूरी है. लेकिन समय पर देखभाल न करने से कई बार ये इंफेक्शन का कारण भी बनता है. क्योंकि कई लोग उंगली, पैंस‍िल, पि‍न या इयरबड का इस्तेमाल करते हैं. क्या आप भी कान के मैल को निकालने के लिए सुरक्षित उपाय तलाश रहे हैं तो चलिए डॉक्टर से जानते हैं.

अपोलो हॉस्पिटल में ईएनटी सर्जन डॉक्टर अजय जैन के अनुसार कान में बनने वाला वैक्स कान को धूल, बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक कणों से बचाने का काम करता है. अगर आप कान का मैल निकालना चाहते हैं तो इसके कई तरीके हैं. डॉक्टर जैन का कहना है कि सबसे अच्छा तरीका है कि वैक्स कान से अपने आप बाहर निकल जाए. इसके लिए जरूरी है कि वैक्स मुलायम बना रहे. इसके लिए आप मार्केट में मिलने वाले कई तरह के ओवर द काउंटर वैक्स सॉफ्टनिंग ईयर ड्रॉप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन ड्रॉप्स को नियमित रूप से कान में डालने से वैक्स धीरे-धीरे नरम होकर अपने आप बाहर आ जाता है. इसमें कई दिन या हफ्ते भी लग सकते हैं. 

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यहां देखेंः 

कैसे निकाले कान का मैल- (Kaan Ka Mail Kaise Nikale)

1. वैक्यूम क्लीनिंग-

वैक्यूम क्लीनिंग में डॉक्टर खास मशीन से वैक्स को खींचकर बाहर निकालते हैं. इसे ड्राई क्लीनिंग भी कहा जाता है क्योंकि इसमें पानी का इस्तेमाल नहीं होता और इन्फेक्शन का खतरा बहुत कम रहता है.

2. पिचकारी से धोना-

डॉक्टर के अनुसार इसे इसमें पानी से कान का मैल निकाला जाता है. यह तरीका बच्चों में अक्सर इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि छोटे बच्चे सक्शन या मैनुअल पिकिंग में सहयोग नहीं कर पाते.

3. मैनुअल पिकिंग-

इस मेथड में डॉक्टर खास उपकरणों की मदद से वैक्स को खुरचकर या निकालते हैं. हालांकि, इसमें हल्की चोट लगने का खतरा रहता है. इसलिए यह तरीका तब ही इस्तेमाल किया जाता है, जब अन्य तरीके काम न करें.

नोट- कान में जमा मैल के कारण कान में भारीपन महसूस हो रहा है या ब्लॉक महसूस हो रहा है तो आप डॉक्टर के पास जाएं.

अस्थमा का इलाज क्या है? डॉक्टर से जानिए

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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