Hari Matar Ke Fayde Nuksan: सर्दियों का मौसम आते ही बाज़ार में हरी-भरी, ताज़ा मटर (Green Peas) की बहार आ जाती है. मटर पनीर, मटर पुलाव, या गर्मा-गर्म समोसे में भरी मटर... यह हमारे किचन की जान है! लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्ज़ी हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं है? ठंड आते ही बाज़ारों में हरी-भरी मटर की बहार आ जाती है. मटर पुलाव से लेकर मटर पनीर तक, यह स्वादिष्ट सब्ज़ी भारतीय किचन का एक अहम हिस्सा है.
Is it Safe to Eat Green Peas Daily: लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह छोटी-सी, गोल मटर सिर्फ़ स्वाद ही नहीं बढ़ाती, बल्कि सेहत का खजाना भी है? आपके मन में कई सवाल होंगे: हरी मटर किसे नहीं खानी चाहिए?,क्या मैं हरी मटर रोज़ खा सकती हूँ?, और क्या मटर खाने से कब्ज़ होता है? आज इस लेख में हम आपके इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानेंगे. साथ ही, यह भी जानेंगे कि हरी मटर की तासीर क्या है और इसका सेवन कब और कितनी मात्रा में करना चाहिए.
Benefits, Side Effects Of Green Peas: हरी मटर (Green Peas) को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है, जबकि यह प्रोटीन, फ़ाइबर और कई ज़रूरी विटामिन्स से भरपूर है. लेकिन, हर अच्छी चीज़ के कुछ पहलू होते हैं. हरी मटर खाने के फ़ायदेजितने ज़्यादा हैं, कुछ लोगों के लिए इसके नुकसान भी हो सकते हैं.
हरी मटर: फ़ायदे, नुकसान और खाने का सही तरीका! क्यों है यह विंटर सुपरफूड? मटर खाने से कौन सी बीमारी दूर होती है? (Green Peas Benefits and Side Effects)
आइए, इस विंटर सुपरफूड के स्वास्थ्य लाभों और इसे खाते समय बरती जाने वाली सावधानियों पर एक नज़र डालते हैं, ताकि आप इसे अपनी डाइट में सही ढंग से शामिल कर सकें.
1. हरी मटर खाने के 5 ज़बरदस्त फ़ायदे (Health Benefits of Green Peas)
हरी मटर(Green Peas) को अपनी डाइट में शामिल करने के ये 5 मुख्य कारण हैं, जो इसे एक हेल्दी वेजिटेबलबनाते हैं:
- प्रोटीन और फ़ाइबर का पावरहाउस : हरी मटर शाकाहारियों के लिए प्रोटीनका एक उत्कृष्ट स्रोत है. इसके साथ ही, इसमें हाई फ़ाइबर होता है जो: मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है और पाचन तंत्र को मज़बूत बनाता है और कब्ज़को रोकता है.
- वजन घटाने में सहायक(Green Peas for Weight Loss) : अगर आप वजन घटानेकी कोशिश कर रहे हैं, तो मटर आपके लिए बेस्ट है. फ़ाइबर और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण, यह आपको लम्बे समय तक भरा हुआ महसूस कराती है, जिससे भूख कंट्रोलहोती है और अनावश्यक कैलोरी का सेवन कम हो जाता है.
- ब्लड शुगर को रखे कंट्रोल(Green Peas for Diabetics) : हरी मटरका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, जो इसे डायबिटीज़ (Diabetes) के मरीज़ों के लिए एक सुरक्षित भोजन बनाता है. यह ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने से रोकती है, जिससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.
- दिल और आँखों की सेहत : इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, और कैल्शियम जैसे खनिज होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं. इसके अलावा, ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स आँखों की रोशनी को बेहतर बनाने और मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने में सहायक होते हैं.
- मज़बूत इम्यूनिटी और आयरन : हरी मटर में विटामिन-सी और आयरन की अच्छी मात्रा होती है. विटामिन-सी इम्यूनिटीको बूस्ट करता है, जबकि आयरन शरीर में खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में मदद करता है.

2. हरी मटर खाने के 5 संभावित नुकसान क्या हैं? (Side Effects of Green Peas)
जहां मटर इतनी फ़ायदेमंद है, वहीं कुछ लोगों को इसे खाते समय सावधान रहना चाहिए:
- पेट में गैस और ब्लोटिंग : यह हरी मटर खाने का सबसे आम नुकसान है. मटर में कुछ ऐसे कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जिन्हें पचाना मुश्किल होता है, जिससे पेट में गैस, पेट फूलना(Bloating) और बेचैनी हो सकती है.
- यूरिक एसिड और गाउट की समस्या: मटर में मध्यम मात्रा में प्यूरिन (Purines) होता है. जिन लोगों का यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है या जिन्हें गाउट (Gout) की समस्या है, उन्हें इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए.
- एंटी-न्यूट्रिएंट्स का ख़तरा : मटर में फाइटिक एसिडजैसे एंटी-न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो शरीर में आयरन, कैल्शियम और ज़िंक जैसे खनिजों के अवशोषण को कमकर सकते हैं. हालाँकि, पकाने से इनका असर कम हो जाता है.
- किडनी स्टोन (पथरी) : ऑक्सालेट्स (Oxalates) की मौजूदगी के कारण, किडनी स्टोन (पथरी) की आशंका वाले व्यक्तियों को मटर का सेवन सावधानी से करना चाहिए.
- एलर्जी और IBS : दुर्लभ मामलों में मटर से एलर्जी हो सकती है. साथ ही, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) से पीड़ित लोगों के लिए मटर के कुछ तत्व लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं.
3. हरी मटर खाने का सही तरीका क्या है? | Hari Matat Kaise Khaye
हरी मटर एक बेहतरीन विंटर सुपरफूडहै, लेकिन इसे संतुलित मात्रा में ही खाएं. मटर को अच्छी तरह पकाकर खाएं ताकि एंटी-न्यूट्रिएंट्स का असर कम हो सके. यदि आपको कोई पाचन संबंधी समस्या या उच्च यूरिक एसिड की समस्या है, तो हरी मटर खाने से पहले डॉक्टरया डाइटीशियन से सलाह ज़रूर लें.सावधानी और समझदारी से आप इस स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्ज़ी का पूरा लाभ उठा सकते हैं.
Also Read: रोजाना पपीता खाने से क्या होता है? पपीता कब खाना चाहिए, जानें पपीता खाने के फायदे और नुकसान | 5 FAQs

4. हरी मटर किसे नहीं खानी चाहिए? (Who Should Avoid Green Peas)
हरी मटर वैसे तो विटामिन, फ़ाइबर और प्रोटीन का भंडार है, लेकिन कुछ विशेष स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को इसका सेवन सीमित मात्रा में या डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए.
- यूरिक एसिड (Uric Acid) या गाउट के मरीज़: जिन लोगों का यूरिक एसिड पहले से बढ़ा हुआ है उन्हें मटर का सेवन सीमित रखना चाहिए.
- पेट में गैस या IBS (Irritable Bowel Syndrome) के मरीज़: मटर में कुछ खास तरह के कार्बोहाइड्रेट (FODMAPs) और फ़ाइबर होते हैं, जिन्हें कुछ लोगों का पेट आसानी से पचा नहीं पाता.
- किडनी स्टोन (पथरी) के मरीज़ : मटर में ऑक्सालेट्स (Oxalates) होते हैं. ज़्यादा ऑक्सालेट का सेवन उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है जिन्हें कैल्शियम ऑक्सालेट किडनी स्टोन बनने का खतरा होता है. ऐसे लोगों को डॉक्टरी सलाह के बाद ही मटर खानी चाहिए.
- पाचन संबंधी समस्या वाले लोग (कब्ज़): मटर में हाई फ़ाइबर होता है. अगर आप मटर खाते समय पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो फ़ाइबर की अधिकता कब्ज़ को बढ़ा सकती है, न कि कम कर सकती है. इसलिए, मटर के साथ खूब पानी पीना ज़रूरी है.

5: क्या मैं हरी मटर रोज़ खा सकती हूँ? (Is it Safe to Eat Green Peas Daily?)
जवाब: हाँ, ज़्यादातर स्वस्थ लोग हरी मटर को रोज़ाना संतुलित मात्रा में (जैसे आधी कटोरी) खा सकते हैं. अगर आपको यूरिक एसिड, गैस या किडनी की समस्या नहीं है, तो रोज़ मटर खाना फ़ायदेमंद है क्योंकि यह प्रोटीन,विटामिन K, और फ़ाइबर प्रदान करती है. बस मात्रा का ध्यान रखें.
6. मटर से गैस बनती है क्या? (Do Peas Cause Gas and Bloating?)
जवाब: हाँ, मटर से गैस बन सकती है.मटर में राफ़िनोज़ (Raffinose) नामक शुगर और फ़ाइबर होते हैं, जिन्हें हमारी छोटी आंत पूरी तरह से पचा नहीं पाती है. ये तत्व बड़ी आंत में जाते हैं, जहाँ बैक्टीरिया इन्हें किण्वित (Ferment) करते हैं, जिससे मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है. मटर को अच्छी तरह पकाएं, और इसे कम मात्रा में लें. मटर खाते समय अजवाइन या हींग का सेवन करना गैस की समस्या को कम कर सकता है.
7. क्या मटर खाने से कब्ज होता है? (Does Eating Peas Cause Constipation?)
जवाब: नहीं, मटर कब्ज़ का कारण नहीं बनती, बल्कि आमतौर पर कब्ज़ दूर करने में मदद करती है.मटर में घुलनशील और अघुलनशील फ़ाइबर दोनों होते हैं, जो मल को नरम बनाते हैं और आँतों की गति को बढ़ाते हैं. लेकिन जैसा कि ऊपर बताया गया, अगर आप बिना पानी पिए बहुत ज़्यादा मटर खाते हैं, तो फ़ाइबर पेट में जम सकता है, जिससे कब्ज़ हो सकता है.

Photo Credit: iStock
8. मटर की तासीर क्या होती है? (What is the Nature of Green Peas?)
जवाब: आयुर्वेद के अनुसार, हरी मटर की तासीर ठंडी (Cooling) होती है. इसीलिए इसे ख़ासकर सर्दियों में खाया जाता है. यह प्रकृति में मधुर और भारी होती है, जो कफ़ को बढ़ा सकती है, लेकिन पित्त को शांत करने में मदद करती है.
9. मटर कितने दिनों तक खराब नहीं होता है? (How Long Do Green Peas Last?)
जवाब: यह इस बात पर निर्भर करता है कि मटर को कैसे रखा गया है. जैसे मटर का प्रकार, भंडारण का तरीका, खराब होने की अवधि वगैरह-
ताज़ी मटर (छिलके सहित): ठंडी, सूखी जगह (फ्रिज में) रखने पर 5 से 7 दिन तक खराब नहीं होती.
ताज़ी मटर (छिलके रहित): एयरटाइट कंटेनर में, फ्रिज में रखने पर 2 से 3 दिन तक खराब नहीं होती.
फ्रोजन मटर: फ्रीजर में, सही तापमान पर रखने पर 10 से 12 महीने तक खराब नहीं होती.
Also Read: बाल कौन सी बीमारी से झड़ते हैं? ऐसा क्या खाएं जिससे बाल झड़ना बंद हो जाए? Doctors के बताए 7 उपाय

Photo Credit: iStock
10. मटर खाने से कौन सी बीमारी दूर होती है? | Hari Matar Khane se Kaun Si Bimari Door Hoti Hai
मटर खाने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं. मटर में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है. मटर में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है. मटर में पोटैशियम और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है.
मटर खाने से कई बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है जैसे मधुमेह (डायबिटीज),हृदय रोग, उच्च रक्तचाप अैर कब्ज.
11. क्या यूरिक एसिड के मरीज हरी मटर खा सकते हैं? | Kya Uric Acid me Hari Matar Kha Sakte hain?
मटर में प्यूरिन (Purines) नामक यौगिक मध्यम मात्रा में पाया जाता है. शरीर प्यूरिन को तोड़कर यूरिक एसिड बनाता है. जिन लोगों का यूरिक एसिड पहले से बढ़ा हुआ है या जिन्हें गाउट (Gout) की समस्या है, उनके लिए ज़्यादा मटर खाना दर्द और सूजन को बढ़ा सकता है. इसलिए, उन्हें मटर का सेवन सीमित रखना चाहिए.
हालांकि, मटर के सेवन से किसी विशिष्ट बीमारी के इलाज की गारंटी नहीं है. स्वास्थ्य लाभ के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम भी महत्वपूर्ण हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं