- भारतीय जनता पार्टी और शिंदे गुट के बीच पुणे महापालिका चुनाव के लिए गठबंधन पर अंतिम दिन तक सहमति नहीं बन पाई.
- शिंदे को कम सीटें मिलने पर नाराज होकर उसने अकेले पुणे में सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है.
- अजित पवार और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने पुणे में भाजपा को चुनौती देने के लिए गठबंधन किया है.
पुणे महानगरपालिका चुनाव के लिए नामांकन भरने के आखिरी दिन तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एकनाथ शिंदे की शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच गठबंधन पर सहमति नहीं बन पाई. इसके चलते अब पुणे में चुनावी जंग बेहद दिलचस्प और चौतरफा हो चुका है.
सम्मानजनक सीटें न मिलने के कारण शिंदे सेना ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बीजेपी ने शिंदे सेना को केवल 15 से 17 सीटों का प्रस्ताव दिया था, जिससे नाराज होकर शिंदे गुट ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं.
एक हुए चाचा-भतीजा
एक बड़े राजनीतिक उलटफेर में, अजित पवार और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पुणे में एक साथ आई है. बीजेपी को चुनौती देने के लिए दोनों गुटों ने गठबंधन किया है, जिसकी घोषणा विधायक रोहित पवार ने की थी. वहीं पिंपरी चिंचवड़ के लिए घोषणा अजित पवार ने की थी.
यह भी पढ़ें- 'मेरा एबी फॉर्म चोरी हो गया! मुझे वो वापस दो', शिवसेना की महिला उम्मीदवार का रो-रोकर बुरा हाल
इसे लेकर स्थानीय नेताओं का कहना है कि बीजेपी ने उन्हें चर्चा के लिए भी नहीं बुलाया और न ही पर्याप्त सीटें दीं.
क्या अब भी वक्त बाकी?
हालांकि, मंत्री उदय सामंत ने संकेत दिया है कि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि (2 जनवरी) तक गठबंधन की संभावनाओं पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के बीच चर्चा हो सकती है.
ठाकरे ब्रदर्स का भी हुआ गठबंधन
पुणे में कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि उद्धव सेना ने राज ठाकरे की मनसे (MNS) के साथ भी तालमेल किया है.
यह भी पढ़ें- क्या है आयुष कोमकर हत्याकांड? जिसके आरोपियों को अजित पवार की NCP ने दिया टिकट
चौतरफा हुआ पुणे का मुकाबला
अब पुणे की चुनावी लड़ाई में एक तरफ बीजेपी, दूसरी तरफ शिंदे सेना, तीसरी तरफ दोनों राष्ट्रवादी (NCP) और चौथी तरफ कांग्रेस-उद्धव सेना-मनसे का गठबंधन आमने-सामने होगा!
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं