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रोजाना पपीता खाने से क्या होता है? पपीता कब खाना चाहिए, जानें पपीता खाने के फायदे और नुकसान

रोजाना पपीता खाने के क्या है फायदे- जाने कैसे और कब खा सकते हैं यह गुणकारी फल

रोजाना पपीता खाने से क्या होता है? पपीता कब खाना चाहिए, जानें पपीता खाने के फायदे और नुकसान
रोजाना पपीता खाने से क्या होता है?

पपीता हमारे घरों में हमेशा से किसी न किसी रूप में मौजूद रहा है. कभी इसे सुबह नाश्ते में खाया जाता है, कभी ठेले से इसका जूस लिया जाता है, तो कभी खाने के बाद नींबू डालकर इसका मीठा स्वाद लिया जाता है. यह कोई फैन्सी फल नहीं है, लेकिन शरीर के लिए बहुत काम का है. पपीता पाचन को दुरुस्त रखता है, शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है और मेटाबॉलिज़्म यानी शरीर की ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है. इसमें विटामिन A होता है, जो आँखों की रोशनी, त्वचा और शरीर की सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है. अगर इसे रोज़ थोड़ी मात्रा में खाया जाए, तो यह शरीर को अंदर से मज़बूत बना सकता है.

रोजाना पपीता खाने के क्या है फायदे- जाने कैसे और कब खा सकते हैं यह गुणकारी फल

पेट को हल्का और खुश रखता है : पपीते में “पपेन” नाम का एक खास एंजाइम होता है, जो हमारे पेट का दोस्त कहा जा सकता है. यह खाने को पचाने में मदद करता है, भारी भोजन को हल्का बनाता है और पेट की गैस या जलन को कम करता है. यही कारण है कि मांस को नरम करने के लिए भी पपीता इस्तेमाल किया जाता है. रिसर्च से पता चला है कि जो लोग कुछ हफ्तों तक पपीता खाते हैं, उनमें पेट की समस्याएँ जैसे कब्ज, जलन और सूजन कम हो जाती हैं.

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पाचन अच्छा तो शरीर फिट : जब खाना ठीक से पचता है, तो शरीर की ऊर्जा भी बेहतर बनती है. पपीता किसी जादुई “फैट घटाने वाले” फल की तरह नहीं है, बल्कि यह शरीर को खाने से ऊर्जा निकालने में मदद करता है. इसमें मौजूद विटामिन B शरीर की मशीनरी को चालू रखता है. साथ ही, इसमें पानी और फाइबर काफी होता है, जिससे पेट भरता है पर भारीपन नहीं लगता. पेट साफ रहेगा तो शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी और सुस्ती कम महसूस होगी.

पपीते का चमकीला नारंगी रंग इस बात का संकेत है कि यह पोषक तत्वों से भरा है. इसमें बीटा-कैरोटीन और लाइकोपीन नाम के तत्व होते हैं जो शरीर आसानी से सोख लेता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, पपीते से मिलने वाला बीटा-कैरोटीन गाजर या टमाटर से तीन गुना ज़्यादा असरदार होता है. इसमें विटामिन C भी खूब होता है, जो इम्यूनिटी बढ़ाने और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है.

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मीठा फल, मगर शुगर पर कंट्रोल : पपीते का स्वाद मीठा ज़रूर है, लेकिन यह ब्लड शुगर नहीं बढ़ाता क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है. इसमें मौजूद फाइबर शरीर में शुगर को धीरे-धीरे अवशोषित होने देता है. जो लोग शुगर को लेकर सतर्क रहते हैं, उनके लिए पका हुआ पपीता बहुत अच्छा विकल्प है. साथ ही, इसका फाइबर आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देता है जिससे शरीर में शुगर का संतुलन बना रहता है.

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लीवर और त्वचा के लिए वरदान : पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, कोलीन और विटामिन E लीवर की सफाई में मदद करते हैं. जब लीवर साफ रहता है, तो उसका असर त्वचा पर दिखता है – चेहरा ज़्यादा साफ और दमकदार लगने लगता है. बहुत से लोग पपीते को फेस पैक में लगाते हैं क्योंकि इसके एंजाइम त्वचा की मृत कोशिकाएँ हटाते हैं, लेकिन जब आप इसे खाते हैं, तो यह अंदर से त्वचा की रक्षा करता है और उसे नम बनाए रखता है.

पपीता कब खाना चाहिए?

पपीता एक ऐसा फल है जो स्वाद में मीठा और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. लेकिन इसका पूरा लाभ तभी मिलता है जब इसे सही समय पर खाया जाए. गलत समय पर खाने से कभी-कभी यह पेट में जलन या गैस जैसी परेशानी भी पैदा कर सकता है. पपीता खाने का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है. अगर इसे सुबह खाली पेट खाया जाए तो यह शरीर से विषैले तत्व निकालने में मदद करता है और पाचन को बेहतर बनाता है. सुबह का एक कप कटे हुए पपीते के टुकड़े पेट को हल्का रखते हैं और दिनभर ऊर्जा देते हैं. इसे खाने से कब्ज, गैस और भारीपन जैसी दिक्कतें भी कम होती हैं. 

खाने के कितनी देर बात पपीता खा सकते हैं? 

भोजन से आधा घंटा पहले पपीता खाना भी फायदेमंद माना जाता है. यह पाचन रसों को सक्रिय करता है और खाना आसानी से पच जाता है. लेकिन भोजन के तुरंत बाद पपीता नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे पेट में गैस बन सकती है या एसिडिटी की समस्या हो सकती है.

क्‍या सोने से पहले पपीता खा सकते हैं? 

रात में सोने से ठीक पहले पपीता खाना टालना चाहिए. इसका कारण यह है कि रात में पाचन धीमा होता है और पपीते में मौजूद एंजाइम उस समय ठीक से काम नहीं कर पाते.

क्‍या नाश्‍ते में पपीता खा सकते हैं?

अगर आप इसे नाश्ते में या शाम के हल्के स्नैक के रूप में खाते हैं, तो यह शरीर को हल्का, पेट को साफ और त्वचा को चमकदार बनाए रखता है. सही समय पर पपीता खाने की आदत शरीर की सेहत और ऊर्जा दोनों को संतुलित रखती है.

कैसे बनाएँ रोज़ खाने की आदत : अगर आप रोज़ पपीता खाना चाहते हैं, तो आधा मध्यम आकार का पपीता (लगभग एक कटोरी) काफी है. सुबह खाली पेट खाना सबसे अच्छा रहता है क्योंकि तब पाचन सबसे अच्छा काम करता है. अगर आपको सादा पपीता थोड़ा फीका लगे, तो उसमें नींबू का रस या थोड़ा काला नमक डालें. आप इसे दही, ओट्स, शहद, अदरक या पुदीने के साथ भी खा सकते हैं.

पपीता कोई दवा नहीं है, लेकिन इसे रोज़ खाने से शरीर अंदर से साफ, हल्का और एक्टिव महसूस करता है. यह धीरे-धीरे असर दिखाता है, पर उसका फायदा लंबे समय तक रहता है. इसलिए कहा जा सकता है – पपीता छोटा फल है, पर इसके फायदे बड़े हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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