हालात चाहे कैसे भी हों, इससे जुनूनी लोगों को कोई फर्क नही पड़ता. इसी कड़ी में मुंबई के एक युवा सिद्धार्थ मोहित ने एक ऐसा कारनामा कर डाला है, जो पहले देश में किसी ने भी नहीं किया. 19 साल के और यशस्वी जयसवाल के शिष्य सिद्धार्थ मोहिते ने नेट प्रैक्टिस सेशन में लगाातार 72 घंटे और पांच मिनट बल्लेबाजी करने का रिकॉर्ड बना दिया है. इस 19 साल के युवा ने अपने ही देश के विराग माने के साल 2015 में बनाए गए लगातार 50 घंटे के नेट सेशन अभ्यास के रिकॉर्ड को पार कर लिया है. इसके बाद मोहित ने इस सप्ताह के आखिर में अपने मिशन लगातार 72 घंटे और पांच मिनट नेट पर बैटिंग करने का रिकॉर्ड भी अपनी झोली में जमा कर लिया.
मोहित ने जारी मीडिया रीलीज में कहा कि मैं इससे बहुत ही खुश हूं कि जो भी मैं करने की कोशिश कर रहा था, उसमें मैंने सफलता हासिल की. यह एक तरीका था, जिसके जरिए मैं लोगों को दिखाना चाहता था कि मेरे भीतर कुछ अलग है. उन्होंने कहा कि कोविड लॉकडाउन के कारण मैंने अपने क्रिकेट के दो साल गंवाए हैं, जो कि बहुत ही बड़ा नुकसान रहा. ऐसे में मैंने कुछ अलग करने की सोची और ऐसा करने का विचार मेरे ज़हन में आया. मोहिते ने कहा कि ऐसे में मैंने कई अकादमियों और कोचों से संपर्क किया.
मोहिते के इस मैराथन प्रयास में उनके मार्गदर्शक ज्वाला सिंह ने भी अच्छा सहयोग किया है, उभरते युवा बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल के भी मेंटोर हैं. उन्होंने कहा कि संपर्क करने पर हर शख्स ने मुझे इनकार कर दिया. इसके बाद मैंने ज्वाला सर से संपर्क किया और उन्होंने मुझे तुरंत हां कर दी. उन्होंने मुझे हर तरह का सहोयग दिया. ज्वाला सर ने इस प्रयास में मुझे वह हर चीज उपलब्ध करायी, जिसकी मुझे जरूरत थी. इसके तहत रिकॉर्ड बनाने के क्रम में गेंदबाजों का समूह हर समय नेट अभ्यास के दौरान मोहित के साथ रहा.
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ज्वाला सिंह ने कहा कि रिकॉर्ड बनाने के क्रम में नियम के तहत बल्लेबाज एक घंटे में पांच मिनट का ब्रेक ले सकता है. अब मोहित के इस प्रयास की वीडियो रिकॉर्डिंग गिनजी वर्ल्ड रिकॉर्ड बक्स को भेजे जाएंगे. उन्होंने कहा कि साल 2019 में कोविड-19 से हले मोहित एमसीसी प्रो-40 लीग का हिस्सा था. फिर महामारी में सिद्धार्थ की मम्मी ने अपने बेटे की क्रिकेट के लिए मुझसे संपर्क किया, लेकिन लॉकडाउन के कारण हर चीज पर ताला पड़ा हुआ था. ऐसे में एक दिन मोहित ने अपने इस मैराथन प्रयास के लिए कोशिश करने की बात मुझसे कही. उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कहूं, तो शुरुआत में मैं इसके लिए उत्सुक नहीं था. लेकिन मुझे इस बात की जानकारी थी कि मेरे कुछ अच्छे क्रिकेटरों ने महामारी के कारण अच्छा समय गंवाया है. ऐसे में अगर कोई कुछ अलग करना चाहता है, तो क्यों नहीं. मैं उसे समर्थन करने के लिए राजी हो गया.
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