
- केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी को कम से कम बीस सीटों की मांग की है.
- जीतन राम मांझी ने स्पष्ट किया कि जनसमर्थन उनके पक्ष में हो और टिकट किसी और को नहीं दिया जाएगा.
- मांझी ने कहा कि अगर सीटें नहीं मिलीं तो 2015 की तरह स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने पर विचार करेंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी रणनीति बनाने का दौर जारी है. इस बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बड़ा बयान देते हुए NDA की टेंशन बढ़ा दिया है. जीतन राम मांझी ने दिल्ली में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा, जनसमर्थन मेरा और टिकट किसी दूसरे का, ये नहीं हो सकता. इसलिए भय दिखाना होगा.... दबी जुबान में कहता हूं कि अगर ऐसा नहीं हुआ (सीटें नहीं मिलीं) तो 2015 की तरह स्वतंत्र लड़ने पर विचार करेंगे'.c मालूम हो कि हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए 20 सीटों की मांग पहले ही सार्वजनिक मंच से कर चुके हैं. उनका कहना है कि यदि इससे कम सीटें देने की बात हुई तो वो स्वतंत्र लड़ने का विचार करेंगे.
राज्यस्तरीय दल की मान्यता प्राप्त करना लक्ष्य
दरअसल राजधानी दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में गुरुवार को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HUM) का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ. जिसमें पार्टी संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंच से साफ कहा कि उनकी पार्टी का लक्ष्य बिहार विधानसभा में इतनी सीटें जीतना है कि उसे राज्यस्तरीय दल की मान्यता मिल सके. इसके लिए उन्होंने छह प्रतिशत वोट शेयर और सात से आठ विधायकों की आवश्यकता बताई.
उन्होंने काशी राम और मायावती के समय बसपा के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय वो एक भी सीट नहीं जीते थे. लेकिन उन्हें 6 प्रतिशत से अधिक वोट मिला. जिसके बाद बसपा राज्यस्तरीय पार्टी बनी. हमें भी हिम्मत दिखानी होगी.
भागलपुर में 20 सीटों पर लड़ने की कही थी बात
इससे पहले भागलपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी 20 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी के सामने झुकने वाले नहीं हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अपनी परेशानियों को स्वयं सुलझाएंगे. हम केवल अपनी योजना पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
2020 में 4 सीटों पर मिली थी जीत
उल्लेखनीय हो कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) का महादलित समुदाय, खासकर मुसहर जाति का प्रतिनिधित्व करती है. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में गया सीट पर मिली जीत के बाद मांझी को नई ताकत मिली है. वो गया और औरंगाबाद जिले की सभी सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी अकेले चुनावी मैदान में थी. तब हम ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी.
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