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BJP में तीसरी पीढ़ी ने दे दी दस्तक, संघ-संगठन-सरकार की पसंद नितिन नवीन, ऐसे हुआ चयन

BJP Third Generation: केवल दो दशकों में ही BJP ने तीसरी पीढ़ी को अवसर दे दिया है. 1980 में अपनी स्थापना के बाद BJP ने अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी का नेतृत्व देखा. उसके बाद दूसरी पीढ़ी के रूप में नरेंद्र मोदी, अमित शाह जैसे नेता हैं. अब तीसरी पीढ़ी के रूप में नितिन नवीन कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं.

BJP में तीसरी पीढ़ी ने दे दी दस्तक, संघ-संगठन-सरकार की पसंद नितिन नवीन, ऐसे हुआ चयन
BJP की पहली पीढ़ी अटल बिहार वाजपेयी, दूसरी पीढ़ी अमित शाह और तीसरी पीढ़ी के सूचक नितिन नवीन.
  • नितिन नवीन को BJP का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया. यह बीजेपी में तीसरी पीढ़ी की आमद है.
  • वे बीजेपी के सबसे युवा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हैं और पूर्वी भारत से इस पद पर पहले नेता बने हैं.
  • नितिन नवीन का संगठन और सरकार में गहरा अनुभव है, वे लगातार पांचवीं बार बांकीपुर से विधायक चुने गए हैं.
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नई दिल्ली:

Nitin Nabin BJP Working National President: दूर-दूर तक जिनके नाम की चर्चा नहीं थी, वे नितिन नवीन BJP के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए. पार्टी के संसदीय बोर्ड ने उनकी नियुक्ति की. इसके बाद नितिन नवीन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बधाई संदेश ने BJP के भीतर एक बड़े बदलाव का संदेश भी दे दिया. PM मोदी ने लिखा कि उनकी ऊर्जा और प्रतिबद्धता आने वाले समय में हमारी पार्टी को और अधिक सशक्त बनाएगी. यह संदेश है कि आने वाले समय में बीजेपी का नेतृत्व नितिन नवीन ही करेंगे. जनवरी में मकर सक्रांति के बाद नितिन नवीन औपचारिक रूप से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाएंगे और वे जगत प्रकाश नड्डा की जगह ले लेंगे. यह एक बड़ा बदलाव है.

BJP के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किए जाने के बाद पटना स्थित पार्टी दफ्तर में साथी नेताओं के साथ नितिन नवीन.

BJP राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किए जाने के बाद पटना स्थित पार्टी दफ्तर में साथी नेताओं संग नितिन नवीन.

केवल दो दशकों में भी BJP ने तीसरी पीढ़ी को दे दिया अवसर

केवल दो दशकों में ही बीजेपी ने पहली से दूसरी और अब तीसरी पीढ़ी को अवसर दे दिया है. 1980 में अपनी स्थापना के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी का नेतृत्व देखा. उन्होंने बीजेपी में दूसरी पीढ़ी के नेताओं को आगे बढ़ाया जिनमें नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, प्रमोद महाजन, शिवराज सिंह चौहान जैसे बड़े नाम शामिल हैं. 

पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने नए लोगों को अपनी टीम में अवसर दिया. अब बीजेपी ने केवल 45 वर्ष के नितिन नवीन की नियुक्ति कर तीसरी पीढ़ी के लिए दरवाजे खोल दिए हैं.

 
नितिन नवीन बीजेपी के सबसे युवा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष

नितिन नवीन बीजेपी के सबसे युवा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हैं. इससे पहले केवल 43 वर्ष की उम्र में अटल बिहारी वाजपेयी 1968 में और 45 वर्ष की उम्र में लाल कृष्ण आडवाणी 1973 में भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे. पचास से कम उम्र में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने वालों में इससे पहले अमित शाह थे जो केवल 49 वर्ष की उम्र में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए थे.

यही नहीं, नितिन नवीन बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने वाले बिहार के ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वी भारत से पहले नेता हैं. यह पूर्वी भारत में बीजेपी की मजबूती और उसके विस्तार का परिचायक भी है.

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उम्र कम लेकिन संगठन और सरकार में गहरा अनुभव

नवीन चाहे उम्र में कम हों लेकिन संगठन और सरकार में उनका गहन अनुभव है. उनके पिताजी पटना पश्चिम और अब बांकीपुर सीट से विधायक रहे. पिताजी के असमय निधन के बाद नितिन नवीन ने उनकी विरासत संभाली. 2006 में विधानसभा उपचुनाव में वे पहली बार पटना पश्चिम से जीत कर विधानसभा पहुंचे. तब से लगातार उन्होंने यहां से जीत हासिल की है. वे लगातार पांचवी बार यहां से जीते हैं. 

नितिन नवीन ने हाल ही में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में 52 हजार वोटों से जीत हासिल की. 2021 में वे पहली बार नीतीश सरकार में पथ निर्माण विभाग के मंत्री बने. 2024 में उन्हें नगर विकास एवं आवास तथा विधि विभाग दिया गया और इस बार उन्हें फिर से पथ निर्माण विभाग की जिम्मेदारी दी गई.

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2008 में बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य बने

प्रशासन के साथ-साथ उन्हें संगठन का भी अनुभव है. वे 2008 में भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य बने और 2010-13 तक राष्ट्रीय महासचिव रहे. 2016-2019 तक वे बिहार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे. उन्होंने चुनावों की रणनीति का भी सफल संचालन किया है. 2019 के लोक सभा चुनाव में वे सिक्किम के प्रभारी रहे और जून 2019 में उन्हें सिक्किम का संगठन प्रभारी बनाया गया. 

कुशल रणनीतिः भूपेश बघेल की मानी हुई जीत को हार में बदला

2021 से 2024 तक वे छत्तीसगढ़ के सह प्रभारी रहे. 2024 में उन्हें छत्तीसगढ़ का लोक सभा चुनाव प्रभारी बनाया गया और जुलाई 2024 से वे छत्तीसगढ़ के राज्य प्रभारी के रूप में संगठनात्मक दायित्व संभाल रहे हैं. राज्य के विधानसभा चुनाव की रणनीति में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई.

जब राजनीतिक विश्लेषक भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस की फिर जीत का दावा कर रहे थे, तब वे पार्टी नेतृत्व को बीजेपी की जीत का फीडबैक दे रहे थे. बताया गया कि गृह मंत्री अमित शाह को उनकी ऊर्जा, संगठन कौशल और चुनावी रणनीति ने बेहद प्रभावित किया था.

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पीएम का आशीर्वाद, अमित शाह का विश्वास

नितिन नवीन की नियुक्ति संगठन और सरकार में सामंजस्य और तालमेल को और अधिक मजूबत करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उन पर आशीर्वाद और गृह मंत्री अमित शाह का उन पर अटूट विश्वास उनकी ताकत है. बीजेपी एक ऐसे मोड़ पर है जहां दक्षिण भारत में वह अपनी ताकत बढ़ाना चाहती है. पश्चिम बंगाल और असम का चुनाव सिर पर है. 

मिलनसार स्वभाव, ऊर्जा से लवरेज हैं नितिन नवीन

जहां पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को कुर्सी से हटाना लक्ष्य है वहीं असम में कुर्सी बचाने की चुनौती है. तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ सत्ता में आना और केरल में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराना बीजेपी का लक्ष्य है. ऐसे में नितिन नवीन का मिलनसार स्वभाव, उनका ऊर्जा से लबरेज होना तथा पार्टी के शीर्ष नेताओं का उनकी क्षमताओं पर भरोसा उनकी स्थिति को मजबूत करेगा.

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जातीय, क्षेत्रीय संगठन साधने के बदले संगठन को मजबूती देने वाला नेता

बीजेपी के बड़े नेता यह इशारा कर चुके थे कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के बजाए ऐसे व्यक्ति को जिम्मेदारी दी जाएगी जो संगठन को मजबूती दे सके. विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में बीजेपी का विशाल आकार कहीं अपने ही बोझ के तले न दब जाए, यह चिंता भी नेतृत्व को सताती रही है. ऐसे में उन्हें ऐसे नेता की तलाश थी जो न केवल ऊर्जावान हो बल्कि संगठन को भी संभाल सके. यह तलाश नितिन नवीन पर आकर समाप्त हुई है. 

बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के साथ नितिन नवीन.

बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के साथ नितिन नवीन.

कास्ट न्यूट्रल, संघ, संगठन और सरकार तीनों की पसंद नितिन नवीन

अब नितिन नवीन के सामने अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती रहेगी. वे कायस्थ बिरादरी से आते हैं जिसकी गिनती कम संख्या होने के कारण चुनावी गणित के हिसाब-किताब में नहीं होती. यही उनकी ताकत है क्योंकि वे कास्ट न्यूट्रल माने जाएंगे. बताया गया है कि आरएसएस को भी उनका नाम पसंद आया है. ऐसे में संघ, संगठन और सरकार -तीनों की पसंद के रूप में नितिन नवीन बीजेपी की तीसरी पीढ़ी का नया अध्याय लिखने को तैयार हैं.

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